जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या ज्यादा कातिल है ? यह सवाल देश के लोगों के मन में लगातार उठ रहे हैं. केंद्र सरकार ने कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को चिंता की वजह बताया है और इसके चलते लोगों में आशंकाएं भी बढ़ गई हैं. लेकिन एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के विचार इससे अलग है. उनका कहना है कि अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं मिला है, जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की वजह से ज्यादा मौतें हुई हैं या इसका संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
आपको बता दें कि भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला मामला 11 जून को सामने आया था. यह डेल्टा वैरिएंट से ही तब्दील होकर बना है. अब तक भारत सहित 12 देशों में इसके मामले देखने को मिले हैं. भारत की बात करें तो राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले सामने आये हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश भर में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 मामले मिले हैं. कोरोना की बुरी मार झेलने वाले महाराष्ट्र में ही इसके सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं. इसके बाद मध्य प्रदेश और केरल का स्थान है.
इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि एक अनुमान के अनुसार कोरोना संक्रमण के डेल्टा स्वरूप के मामले अब करीब 100 देशों में सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया कि आने वाले महीनों में यह बेहद संक्रामक स्वरूप पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का सबसे हावी स्वरूप बन जाएगा.
कोविड-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट : डब्ल्यूएचओ ने ‘‘कोविड-19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट” में कहा कि 29 जून 2021 तक ‘‘96 देशों में डेल्टा स्वरूप के मामले सामने आए और संभव है कि वास्तविक आंकड़ें अधिक हों क्योंकि वायरस के स्वरूप पता लगाने के लिए जिनोम श्रंखला क्षमताएं भी सीमित हैं. इनमें से अनेक देशों ने कहा है कि डेल्टा स्वरूप के कारण उनके यहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.
डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया : डेल्टा स्वरूप के अत्यधिक संक्रामक होने के मद्देनजर डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया है कि इस स्वरूप के अन्य स्वरूपों के मुकाबले अधिक हावी होने और आगामी महीनों में सबसे अधिक प्रभावशाली स्वरूप बन जाने का अंदेशा है. कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए आज के समय में जो कदम उठाए जाते हैं वे डेल्टा समेत वायरस के अन्य चिंताजनक स्वरूपों के खिलाफ भी प्रभावी हैं.