जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। नेटवर्क ऑफ इन्फ्लुएंजा केयर एक्सपर्ट्स ( एनआईसीई ) ने कोरोना कहर के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार को जिम्मेंदार ठहराया है। एनआईसीई के प्रमुख डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने दावा किया यदि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री डा.हर्षवर्धन ने एनआईसीई की सलाह मानी होती तो शायद इतनी बड़ी त्रासदी पर अंकुश लगाया जा सकता था। डॉ. रॉय चौधरी ने कहा कोरोना की लहर आती नहीं है लाई जाती है। एनआईएन का दावा किया है कि एलोपैथी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के सहयोग से हजारों की संख्या में कोविड की मरीज को ठीक किया गया है। उनका कहना है कि दिलचस्प बात यह है कि इन मरीजों को अपनी प्राकृतिक संसाधन मसलन फल-फूल को डाईट में शामिल कर इस तरह की कामयाबी एनआईसीई ने प्राप्त की है।
डॉ. बिस्वरुप रॉय चौधरी ने इस तरह की कामयाबी के पीछे स्वास्थ्य मंत्री रहे डॉ. हर्षवर्धन द्वारा उनके सुझाव को अस्वीकार कर देने को कहा है। उसे एक चुनौती के रूप में लिया फिर अपने काम को अंजाम दिया। नेटवर्क ऑफ इन्फ्लुएंजा केयर एक्सपर्ट्स ( एनआईसीई )नाम देकर अपने काम में जुट गया। जिसमें डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने लिंकन विश्वविद्यालय मलेशिया और श्रीधर विश्वविद्यालय राजस्थान के माध्यम से 3000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया और 24 घंटे मुफ्त सेवा के अन्तर्गत इलाज करना शुरू किया। इस मुफ्त सेवा को 2 जून 2020 को कोविंड- 19 हेल्पलाइन $91-8587059169, को लांच किया। जिसके ज़रिये उन्होंने 60,000 से अधिक रोगियों को शुन्य मृत्यु दर, बिना किसी साइड इफेक्ट्स और दवाइयों के ठीक कर दिया। डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी ने 750 नेटवर्क ऑफ इन्फ्लुएंजा केयर एक्सपर्ट्स की एक टीम बनाई, जिन्होंने जून 2020 से अब तक 60,000 से अधिक कोविड-19 रोगियों को ठीक किया।
प्रोटोकॉल के आधार पर कोविंड- 19 रोगियों का इलाज अहमदनगर, जयपुर और भोपाल के केंद्र सहित राष्ट्रीय स्तर पर कई कोविंड- 19 केंद्रों में किया गया। प्रोटोकॉल को जनता के लिए उपलब्ध कराने के लिए, उन्होंने 25 जुलाई 2020 को एक पुस्तक “नाइस वे टू क्योर कोविंड-19“ का विमोचन किया।
इस मौके पर अध्यक्ष आचार्य मनीष और निदेशक डॉ. अमर सिंह आजाद, एम.बी.बी.एस, एमडी पेडियाट्रिशियन और एमडी कम्युनिटी मेडिसिन और डॉ. अवधेश पांडे, एमबीबीएस, एमडी रेडियोलॉजी ने भी मीडिया को संबोधित किया।
डॉ विश्वरूप रॉय चौधरी ने अभार व्यक्त किया
विधायक श्री नीलेश ज्ञानदेव लंके (अहमदनगर कोविद केंद्र के प्रभारी), प्रो. डॉ. के सत्यलक्ष्मी, निदेशक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे,डॉ सत्यनाथ, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे, डॉ युवराज पॉल, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी, पुणे, डॉ प्रवीण सी, चिकित्सा अधिकारी नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे, डॉ ज्योति कुंभर, चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे, डॉ परेश वाडेकर, चिकित्सा अधिकारी, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी- पुणे, डॉ पराग वाडेकर, चिकित्सा अधिकारी,नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेचुरोपैथी-पुणे को उनके अपार योगदान और समर्थन के लिए को भी हार्दिक धन्यवाद दिया।
मुख्य बातें इस प्रकार हैंः
– हल्के से गंभीर कोविड-19 रोगियों को 7 दिन के अंदर ठीक किया जा सकता है।
– प्रोटोकॉल में किसी भी तरह की दवाइयां शामिल नहीं है, इसमें सिर्फ रस भरे फल और नारियल पानी है और जिन रोगियों को सांस लेने में कठिनाई होती है उनके लिए प्रोन वेंटिलेशन भी इसमें शमिल है।
– रोगियों में कोई मृत्यु दर या दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।
– कोविड-19 सेंटर (अहमदनगर) में सोशल डिस्टेंसिंग/पीपीई किट/मास्क के बजाय रोगियों को गाने, नृत्य करने, परिवार के सदस्यों से नियमित रूप से मिलने और यहां तक कि विवाह समारोह आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया।