जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। राजस्थान कांग्रेस में मची सियासी घमासान के बीच पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रदेश प्रभारी अजय मकान और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करने अचानक दिल्ली पहुंचे । माकन से मिलकर पायलट ने प्रदेश के नई राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में चर्चा की। आज माकन जयपुर में विधायकों से अलग अलग मिलकर नब्ज टटोल रहे हैं। लेकिन चर्चा है कि विधायको के संख्या बल को देखते हुए पायलट गुट के किसी नए चहरे में से ही 2-3 को मंत्री पद दिया जा सकता है। इस बाबत पायलट कांग्रेस आलाकमान को संदेश देना चाहता है कि उन्हें उचित सम्मान दिया जाए।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान की सियासत में हलचल भरा रहा। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अजय माकन के दौरे से पहले सचिन पायलट दिल्ली पहुंच गए हैं। सचिन पायलट कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करने अचानक दिल्ली पहुंचे हैं। हलांकि माकन के साथ सचिन ने संगठन में कई जिला अध्यक्ष के नाम को लेकर व्यापक विचार- विमर्श किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सचिन को संदेश दे दिया गया है कि सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को नजरअंदाज करना मुश्किल है। खासकर के बसपा से कांग्रेस में आए विधायक के लिए। क्योंकि खुद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इन सारे बसपा के विधायकों से मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें उचित सम्मान मिलेगा। बदले में इन विधायकों ने कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा तत्पर रहने की बात की थी। ऐसी परिस्थिति में इन विधायकों को उचित सम्मान नहीं मिलना राहुल गांधी के लिए असहज हो सकता है। ऐसी स्थिति में पायलट गुट से सिर्फ 2-3 विधायकों को ही मंत्रिमंडल में समावेश किया जा सकता है। इसलिए पायलट के सामने संगठन और निगम/बोंर्ड का विकल्प दिया गया है।
वहीं दूसरी तरफ जयपुर में भी गहमागहमी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के घर मंत्रियों और विधायकों का जमावड़ा लगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के लिए कई मंत्री और विधायक उनके आवास पहुंचे।