जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (यूसिल) जादूगोड़ा में यात्रा भत्ता और ओवरटाइम घोटाला के आरोपी गिरफ्तार किये गये हैं. करीब 56 लाख के यात्रा भत्ता और ओवरटाइम घोटाले के आरोपी गोपानाथ दास और नृपेंद्र कुमार सिंह को सीबीआई ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने दोनों आरोपियों को शनिवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में तीन सितंबर तक जेल भेज दिया गया.
हैदराबाद से सीबीआई ने किया गिरफ्तार
फरार चल रहे गोपानाथ दास और नृपेंद्र कुमार को सिंह सीबीआई हैदराबाद से गिरफ्तार किया. वहां से दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जांच एजेंसी रांची पहुंची. दोनों के खिलाफ मार्च में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. गौरतलब है एकाउंट डिपार्टमेंट के टाइपिस्ट गोपीनाथ दास और प्रशासनिक प्रशाखा के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी नृपेंद्र ने 2014-19 के दौरान टीए बिल में गड़बड़ी कर 29.14 लाख और बोगस ओवरटाइम पेमेंट के जरिये 27.46 का घोटाला किया था. सीबीआई ने इस मामले में बीते 12 दिसम्बर 2019 को एफआईआर दर्ज की थी. इस मामले में सीबीआई ने असिस्टेंट मैनेजर संजीव कुमार शर्मा, एकाउंट डिपोर्टमेंट के टाइपिस्ट गोपीनाथ दास, प्रशानसिक प्रशाखा के नृपेंद्र सिंह को आरोपी बनाया था.
सुनियोजित साजिश के तहत घोटाले को अंजाम दिया था
सीबीआई द्वारा आरोप पत्र में कहा गया था कि यूसिल, जादूगोड़ा के इन तीनों कर्मचारियों ने सुनियोजित साजिश के तहत घोटाले को अंजाम दिया था. चपरासी नृपेंद्र कुमार सिंह ने कुल 505 फर्जी टीए बिल बनाये थे. फर्जी टीए बिल को जांच के लिए क्लर्क के पास भेजा जाता था. क्लर्क इसकी जांच करने के बाद अकाउंटस मैनेजर के पास भेजता था. बिल पास करने के बाद राशि चपरासी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी. फर्जी बिल के जरिये चपरासी के खाते में वर्ष 2014 से 2019 तक की अवधि में 22.54 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे
बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस की जांच में यह पाया गया कि चपरासी एक ही समय में ड्यूटी पर भी रहता था और उसी समय का टीए बिल भी बनाता था. फर्जी तरीके से टीए बिल पाने के लिए रांची टैक्सी स्टैंड और स्टेशन रोड स्थित होटल के फर्जी बिल का सहारा लिया जाता था. जांच में सभी होटलों के बिलों पर एक जैसी लिखावट पायी गयी. फर्जी ओवरटाइम की जांच के दौरान पाया गया है कि क्लर्क गोपी नाथ दास ऑनलाइन फाइनांशियल सिस्टम के सहारे कामगारों के पे-रोल में आवर टाइम का ब्योरा भरता था. इसके बाद अपने ही आइडी से इसे पास करता था.