अमित आनंद / नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के चाणक्य अमित शाह जाटों का दिल जीतने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक बार फिर जाट वोटों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को सांसद प्रवेश वर्मा के घर पर 100 से अधिक जाट नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक उस समय हुई जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मनाने में व्यस्त था। सूत्रों ने बताया कि इनमें से ज्यादातर जाट नेता और प्रभावशाली लोग बीजेपी से जुड़े थे।
वहीं सपा-रालोद गठबंधन का दावा है कि जाट, जो मुख्य रूप से किसान हैं, तीन कृषि कानूनों पर साल भर के विरोध के बाद भगवा पार्टी के साथ नहीं जाएंगे। यह भी मानता है कि 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद जाटों और मुसलमानों के बीच तीखे विभाजन से भाजपा को फायदा हुआ, जिससे उसकी किटी में काफी इजाफा हुआ। हालांकि भाजपा में आम धारणा यह है कि जब से तीन कृषि कानून वापस लिए गए हैं, किसानों, खासकर जाटों में गुस्सा कम हो गया है। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है इसलिए समुदाय तक पहुंचने का यह कदम उठाया गया है।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि यूपी में मतदान शुरू होने से करीब दो हफ्ते पहले शाह की जाट प्रभावितों के साथ बैठक उन्हें अच्छी तरह से साधने के लिए के लिए की गई थी। शाह के जाट नेताओं के एक समूह से मुलाकात कर उन्हें मनाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने की। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं, ”जाटों के समर्थन के बारे में जो भी दावा और प्रतिदावा हो, हम जाटों के बीच भ्रम को नजरअंदाज करने के मूड में नहीं हैं और इसलिए उनका दिल जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
सूत्रों ने बताया कि भूपेंद्र चौधरी जैसे जाट नेता, जो योगी कैबिनेट में मंत्री भी हैं और केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान भी बैठक में मौजूद थे। बैठक के दौरान लिए गए फैसलों को जमीनी स्तर पर लागू किया जाएगा.” दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं है जब शाह जाटों को भाजपा के पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह की स्थिति पैदा हुई थी और शाह, तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष को क्षेत्र के जाट नेताओं से मिलना था और उन्हें समुदाय के भाजपा के साथ रहने का महत्व समझाना था। तब तीन दर्जन से अधिक जाट नेताओं ने शाह से मुलाकात की थी।
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह के प्रयास किए गए थे। हालांकि, जाट प्रभावितों के शाह से मिलने के बजाय, पश्चिम यूपी में जाट मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति तैयार की गई, जिससे बीजेपी को अकेले यूपी में 64 लोकसभा सीटें जीतने में मदद मिली। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद, जिसने जाटों को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा कर दिया था, पूर्व 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के मजबूत पक्ष में आ गए थे और यहां तक कि तत्कालीन रालोद प्रमुख स्वर्गीय अजीत सिंह भी थे, जिन्हें माना जाता था। क्षेत्र के सबसे प्रमुख जाट नेता बागपत से हार गए थे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा के आवास पर बैठक के बाद भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने कहा कि सभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट समाज के प्रमुख व्यक्ति आए थे। सभी ने गृह मंत्री के सामने अपनी तकलीफें रखीं और गृह मंत्री ने सबकी तकलीफें सुनी। उन्होंने सबके सामने ये बात भी रखी कि उनके समाज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए अभी तक क्या-क्या काम किए हैं और क्या-क्या काम करने जा रहे हैं। भाजपा सांसद ने दावा किया कि बहुत ही अच्छी बैठक हुई है और सभी ने गृह मंत्री को विश्वास दिलाया कि वो इस बार भी बीजेपी का समर्थन करेंगे।
‘जयंत चौधरी के लिए हमेशा खुले हैं बीजेपी के दरवाजे’
यूपी के जाट नेताओं के साथ गृह मंत्री अमित शाह की बैठक के बाद बीजेपी सांसद परवेश वर्मा ने कहा, “हम (रालोद प्रमुख) जयंत चौधरी का अपने घर (भाजपा) में स्वागत करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने गलत रास्ता चुना। जाट समुदाय के लोग उनसे बात करेंगे। उनके लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने जाट नेताओं के साथ की मुलाकात
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को 100 जाट नेताओं के साथ मुलाकात की। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और सांसद परवेश वर्मा भी मौजूद रहे। 2014 के चुनाव के समय से ही भाजपा को जाटों का भरपूर समर्थन मिलता रहा है और इसकी वजह से पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शानदार प्रदर्शन करती रही है, लेकिन तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के कारण इस समुदाय में पार्टी को लेकर नाराजगी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जाट नेताओं की बैठक हुई। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की मांग रखी गई है। साथ ही जाटों के लिए आरक्षण के साथ केंद्र और यूपी सरकार में प्रतिनिधित्व की मांग भी उठाई है। इन मुद्दों पर गृह मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दी है।