जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने जोर-शोर से विधायक निधि बढ़ाने की मांग की. ग्रामीण विकास विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान कई विधायकों ने विधायक फंड की राशि 4 करोड़ से बढ़ाकर 7 करोड़ तक करने की मांग उठायी. बजट पर सरकार की ओर से जवाब देने के दौरान संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड विधानसभा में विधायकों ने कई बार विधायक निधि बढ़ाने की मांग की है. मधु कोड़ सरकार के समय विधायक फंड बढ़कर 3 करोड़ किया गया था. इसके बाद रघुवर सरकार के समय 4 करोड़ हुआ था. आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 25 मार्च को विधानसभा सत्र के समापन भाषण के दौरान विधायकों की मांग के अनुरुप कुछ कहेंगे. इसके लिए विधायकों को अभी कुछ दिन इंतजार करना होगा.
कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि विधानसभा में 81 विधायक हैं. विधायक फंड नहीं बढ़ेगा तो कैसे होगा. वहीं विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि अभी जो विधायक निधि के तहत राशि मिल रही है उससे कुछ होने जाने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि विधायकों को सरकारी आवास तो दे दिया गया है, लेकिन बिजली का बिल एक-डेढ़ लाख रुपये आ रहा है. विधायकों की जितनी तनख्वाह नहीं है, उतना तो बिजली बिल आ रहा है. इसलिए विधायक फंड की राशि बढ़ायी जाए.
कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि इस बार सरकार ने बड़ा बजट बनाया है. 1 लाख 1 हजार 101 करोड़ का बजट है. हर विभाग के बजट से एक-एक करोड़ लेकर विधायक निधि में लगाया जाए. विधायक निधि की राशि कम से कम 8 करोड़ करना चाहिए. बीजेपी विधायक बिरंची नारायण और जेएमएम विधायक बैद्यनाथ राम ने भी विधायक फंड बढ़ाने की मांग की.