जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक ने सभी तरह के लोन पर ब्याज दरों से संबंधित एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया है। मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में यह बढ़ोतरी सभी तरह की रिटेल और संस्थागत लोन पर की गई है। नई ब्याद दरें 15 अप्रैल से ही प्रभावी होंगी। देश के सबसे बड़े ऋणदाता के इस फैसले से सभी तरह के लोन लेने वालों की ईएमआई बढ़ेगी, चाहे वह होम लोन हो या फिर ऑटो या पर्सनल लोन। सबसे बड़ी बात है कि एसबीआई का ब्याज दर बढ़ाने का फैसला दूसरे बैंकों को भी यह कदम उठाने की ओर प्रेरित करेगा।
एसबीआई की ईबीएलआर (वाह्य मानक आधारित उधारी दर) 6.65 प्रतिशत है, जबकि रेपो से जुड़ी उधारी दर (आरएलएलआर) 6.25 प्रतिशत है। ये दर एक अप्रैल से प्रभावी है। आवास और ऑटो ऋण सहित किसी भी प्रकार का ऋण देते समय बैंक ईबीएलआर और आरएलएलआर पर ऋण जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) को जोड़ते हैं।
एक बेसिस प्वाइंट 0.10 के बराबर होता है और हम जानेंगे कि इससे आपकी ब्याज और ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा। एसबीआई के किन ग्राहकों पर पड़ेगा असर? एसबीआई के किन ग्राहकों पर पड़ेगा असर? एसबीआई के फैसले से एमसीएलआर के तहत लिए गए सभी तरह के होम, पर्सनल और ऑटो लोन प्रभावित होंगे और सब महंगे हो जाएंगे। आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक एमसीएलआर बैंकों के लिए बेस रेट है। गौरतलब है कि आरबीआई ने रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है, इसलिए एसबीआई के फैसले से ले ज्यादातर पुराने उपभोक्ता की ही ईएमआई बढ़ने की संभावना है। एसबीआई के लोन मामलों की समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार अमित मिश्रा ने वन इंडिया से कहा है कि नए ऐलान से उन्हीं ग्राहकों पर असर पड़ेगा, जिनका लोन 1 अक्टूबर, 2019 से पुराना है। क्योंकि, इस तारीख के बाद से लोन रेपो रेट के आधार पर ही दिए जा रहे हैं। यही नहीं एसबीआई के पुराने ग्राहकों के पास अपना लोन एमसीएलआर से रेपो रेट में बदलने का भी विकल्प है। लेकिन, नए ग्राहक पुरानी लोन व्यवस्था को नहीं अपना सकते हैं। आप पर कितना बढ़ेगा बोझ ? आप पर कितना बढ़ेगा बोझ ? अब एसबीआई के फैसले से एमसीएलआर के तहत लिए जा रहे ब्याज दरों पर क्या असर पड़ेगा, इसे समझते हैं। ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट बढ़ोतरी का मतलब है कि एमसीएलआर के तहत आपकी ब्याज दर यदि अभी 6.65% है तो अब आपको 6.75% के हिसाब से भुगतान करना होगा और इसी दर पर आपकी ईएमआई तय होगी। इसी तरह जो 6.95% ब्याज दे रहे हैं, वो 7.05% और 7.30% वालों को 7.40% ब्याज देना होगा। इसे भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने दी आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर खरीदारों को बड़ी राहत, EMI चूकने पर नहीं लगेगी पेनल्टीइसे भी पढ़ें-सुप्रीम कोर्ट ने दी आम्रपाली हाउसिंग प्रोजेक्ट में घर खरीदारों को बड़ी राहत, EMI चूकने पर नहीं लगेगी पेनल्टी दूसरे बैंकों पर भी पड़ेगा असर दूसरे बैंकों पर भी पड़ेगा असर एसबीआई का एमसीएलआर के तहत के तहत ब्याज दर बढ़ाने का फैसला यह संकेत है कि अब ऋणों पर ब्याज दर बढ़ने वाली हैं, जो कि उसने तीन साल बाद किया है। एसबीआई के बाद बाकी बैंक भी इसी तरह की घोषणाएं कर सकते हैं। पिछले हफ्ते ही बैंक ऑफ बड़ौदा ने सभी तरह की लोन पर 0.05% ब्याज दर बढ़ाई थी, जो कि 12 अप्रैल, 2022 से लागू है। बैंक ऑफ बड़ौदा देश का चौथा राष्ट्रीयकृत बैंक है।
वेबसाइट पर दी जानकारी
एसबीआई की वेबसाइट पर दी जानकारी के अनुसार संशोधित एमसीएलआर दर 15 अप्रैल से प्रभावी है। इस संशोधन के साथ एक वर्षीय एमसीएलआर सात प्रतिशत से बढ़कर 7.10 प्रतिशत हो गया है। ओवरनाइट, एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 10 बीपीएस बढ़कर 6.75 फीसदी हो गई, जबकि छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 7.05 फीसदी हो गई। ज्यादातर कर्ज एक साल की एमसीएलआर दर से जुड़े होते हैं। इसी तरह दो साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.30 प्रतिशत और तीन साल की एमसीएलआर 0.1 प्रतिशत बढ़कर 7.40 प्रतिशत हो गई।