जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ :गुजरात विधानसभा 2022 के विधानसभा चुनाव में एक साथ कई रिकॉर्ड टूटे। मसलन इस बार के चुनाव में भाजपा को 157 सीटें मिली। यह 2017 की तुलना में 58 अधिक है। इसके पहले 182 विधानसभा सीटों वाली गुजरात में भाजपा को वर्ष 2002 के चुनाव में सर्वाधिक 127 सीटें मिली थीं। रुझानों के मद्देनजर2022 में सीटों की संख्या उस चुनाव की तुलना में लगभग 30 के करीब बढ़ सकती है। यही नहीं यह भाजपा की गुजरात में लगातार सातवीं जीत है। अब तक यह रिकॉर्ड पश्चिम बंगाल की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पास ही था। भाकपा 1977 से 2011 तक लगातार पश्चिम बंगाल की सत्ता में रही। इतने साल तक सत्ता में रहने का रिकॉर्ड भाकपा के ही पास है। हालात यही रहे और मोदी का जादू कायम रहा तो आने वाले समय में भाजपा इस इस रिकॉर्ड को भी तोड़ सकती है। सर्वाधिक समय तक लगातार सत्ता में रहने के रिकॉर्ड के मामले में ओडिसा के नवीन पटनायक का नंबर आता है। वह पांच बार से लगातार वहां की सत्ता के शीर्ष पद पर बने हुए हैं।
दरअसल गुजरात की राजनीति में शुरू से ही किसी तीसरी पार्टी के लिए खास जगह नहीं रही है। अपने समय के कद्दावर नेता शंकर सिंह बाघेला एक बार जोड़- तोड़ कर मुख्यमंत्री तो बन गए, पर बाद के चुनावों में जनता ने उनको खारिज कर दिया। 2022 के मौजूदा विधानसभा चुनाव में आप (आम आदमी पार्टी) ने गुजरात मे धूम-धड़ाके के साथ इंट्री ली। वहां के लोगों को यह समझाने की जी तोड़ कोशिश की कि सही मायनों में वही भाजपा को टक्कर दे सकती है। इसमें आप के साथ भाजपा का भी हित था, पर अंत में आप वोटकटवा ही साबित हुई। उसने कांग्रेस को कई सीटों पर हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उल्लेखनीय है कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गृह प्रदेश है। गुजरातियों के लिए वह गौरव हैं। उनकी अस्मिता हैं। ऐसे में वहां उनका जादू चलना स्वाभाविक था। पर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी वहां कम असर नहीं था। यही वजह है कि वहां के चुनाव में मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ योगी की सर्वाधिक मांग थी। उत्तर प्रदेश में हो रहे उप चुनाव के बीच भी योगी ने लगातार गुजरात में चुनावी सभाएं की। इसके अलावा उन्होंने वारचा, गोधरा, वीरामगम में तीन रैलियों में भी हिस्सा लिया। जिन 25 विधानसभा सीटों पर योगी ने सभाएं की थीं। उनमें से 20 पर भाजपा बढ़त बनाए हुए है।