जनजीवन ब्यूरो/नई दिल्ली। देश में मवेशियों के लिए काल बन चुका लंपी वायररस के वैक्शीनेसन को लेकर केंद्र सरकार तीव्रगति से काम कर रही है। केंद्रीय पशुपालन राज्यमंत्री संजीव बाल्यान का कहना है कि देश में अभीतक 4,5 करोड़ लंपीग्रस्त पशुओं का टीकाकरण पूरा कर लिया गया है। टीकाकरण का काम तीव्रगति से किया जा रहा है। सभी राज्यों से टीकारकरण को लेकर संतुष्टिजनक रिपोर्ट मिल रही है। लेकिन राजस्थान में टीकाकरण की गति धीमी है। जबकि राजस्थान में ही सबसे ज्यादा लंपी ग्रसित पशुधन है। एक सवाल के जवाब में मंत्री वाल्यान का कहना है कि टीकाकरण के शुरूआती दौर में राजस्थान सरकार ने एक गलत सूचना जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि प्रभावित मवेशियों के बीचवाला स्थान पर टीकाकरण करने से नुकसान हो सकता है। जबकि ऐसा नहीं था। जिससे टीकाकरण शुरू करने में करीब 2 माह का विलंब हुआ। उनका कहना था कि इस बाबत मै खुद और हमारे वरिष्ठ मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला जी राजस्थान को लेकर गंभीर मंत्रणा किया और राज्यों के कई भागों का दौरा कर मवेशियों में टीकाकरण कराने के लिए अपील किया था। केंद्र सरकार के पास पर्याप्त टीका है और राज्य को मदद करने के लिए तैयार है। एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री का कहना था कि टीका के रूप में अभी गोटपॉक्श को उपयोग किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द से गोवंश के लिए अलग टीका बाजार में उपलब्ध हो जाएगा।
केंद्र सरकार के ताजा आकड़े के अनुसार राजस्थान में 33 जिलों में करीब 1,5 करोड़ मवेशी लंपी ग्रस्त है। जिसके लिए 46866 इपिक सेंटर बनाया गया है। जिसके तहत 15 हजार 620 पशुओें को प्रतिदिन टीकाकरण किया जा रहा है। इस तरह से 1 करोड 3 लाख 41 हजार 325 पशुआें को टीकाकरण किया गया है। जिससे 14 लाख 4 हजार 73 पशु लंपी मुक्त हो चुका है। जबकि 75820 पशुओं का मौत हो गई है। अभी राज्य में लंपी ग्रस्त सक्रिय पशुओं की संख्या 56 हजार 567 बताया जा रहा हैं। आज के तारीख में राज्य से टीका का कोई मांग नही है। सनद रहे कि लंपी स्किन डिजीज गौवंशीय पशुओं में फैलने वाला विषाणुजनित संक्रामक रोग है। यह मवेशियों की चमड़ी और लंग्स को प्रभावित करता है, इसके बाद प्रभावित पशुओं की चमड़ी में गोल-गोल गांठें उभर आती है। इस रोग का मुख्य वाहक मच्छर, मक्खी एवं किन्नी है। इसके माध्यम से स्वस्थ पशुओं में यह संक्रमण फैलता है, रोगग्रस्त पशुओं में 2 से 3 दिन तक मध्यम बुखार का लक्षण मिलता है। लगातार बुखार होने के कारण पशुओं के खुराक पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
बॉक्स-1
केंद्र सरकार के ताजा आकड़े के अनुसार लंपी पर राज्य में स्थित
प्रभावित जिले – 33
प्रभावित पशु- 1,5 करोड़
इपिक सेंटर- 46866
टीकाकरण- 15 हजार 620 पशु/ प्रतिदिन
टीकाकरण पूरा- 1 करोड 3 लाख 41 हजार 325
लंपी मुक्त पशु- 14 लाख 4 हजार 73
पशुओं का मौत- 75820