अमलेंदु भूषण खां / श्रीनगर। श्रीनगर के शेर ए कश्मीर स्टेडियम में भारी बर्फबारी के बीच कांग्रेस के रैली हो रही है। भारत जोड़ो यात्रा के समापन में राहुल गांधी ने कहा कि देश की शक्ति कश्मीर के लोगों के साथ है। यात्रा से बहुत कुछ सीखने को मिला। भारी बर्फबारी देखकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चेहरे खिल उठे। उन्होंने एक दूसरे पर बर्फ के गोले फेंके। इसके अलावा अन्य पदयात्रियों ने भी बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया। रैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा डीएमके, जेएमएम, बीएसपी, नेकां, पीडीपी, सीपीआई, आरएसपी, वीसीके और आईयूएमएल के नेताओं ने भाग लिया। कन्याकुमारी से कश्मीर तक चल चली यात्रा के समापन पर भाकपा नेता डी राजा ने देश के सभी धर्मनिरपेक्ष दलों से एकजुट होने का आग्रह किया।
राहुल ने उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड में टी-शर्ट पहनकर भारत जोड़ो यात्रा की थी लेकिन सोमवार को उन्होंने श्रीनगर में शीतलहर से बचने के लिए पारंपरिक परिधान फिरन पहना। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को अपनी सफेद टी-शर्ट के ऊपर बिना आस्तीन की जैकेट और फिर कश्मीरियों द्वारा पहने जाने वाले पारंपरिक लिबास में देखा गया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को उनकी तरह जम्मू-कश्मीर में यात्रा करने की चुनौती देते हुए कहा कि वे लोग कभी भी ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे भयभीत हैं। उन्होंने कहा, “मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि भाजपा का कोई भी नेता जम्मू-कश्मीर में इस तरह पैदल नहीं चल सकता।
136 दिन लंबी भारत जोड़ो यात्रा के समापन के अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी यात्रा का मकसद भारत के उदार और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाना है। उन्होंने दावा किया कि देश के उदार और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को भाजपा और आरएसएस के हमले का सामना करना पड़ रहा है। श्रीनगर में भारी हिमपात के बीच एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैंने यह यात्रा अपने लिए या कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए की है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद उस विचारधारा के खिलाफ खड़ा होना है जो इस देश की नींव को ही नष्ट करना चाहती है।
राहुल गांधी ने कहा कि एक दिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था। मैंने सोचा कि मुझे 6-7 घंटे और चलना होगा और यह मुश्किल होगा। लेकिन एक युवती दौड़ती हुई मेरे पास आई और बोली कि उसने मेरे लिए कुछ लिखा है। उसने मुझे गले लगाया और भाग गई। मैंने इसे पढ़ना शुरू किया।
उसने लिखा कि मैं देख सकती हूं कि आपके घुटने में दर्द हो रहा है क्योंकि जब आप उस पैर पर दबाव डालते हैं, तो यह आपके चेहरे पर दिखता है। मैं आपके साथ नहीं चल सकती लेकिन मैं दिल से आपके साथ चल रही हूं क्योंकि मुझे पता है कि आप चल रहे हैं। मेरे और मेरे भविष्य के लिए। ठीक उसी क्षण, मेरा दर्द गायब हो गया।
राहुल गांधी ने कहा कि पीड़ित महिलाएं मुझसे मिलकर रो रहीं थीं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि चार बच्चे मेरे पास आए, वे भिखारी थे और उनके पास कपड़े नहीं थे। मैंने उन्हें गले लगाया। वे ठंडे और कांप रहे थे। शायद उनके पास खाना नहीं था। मैंने सोचा कि अगर वे जैकेट या स्वेटर नहीं पहने हैं, मुझे भी वही नहीं पहनना चाहिए। इसलिए बच्चों को देखकर मैंने जैकेट पहनना छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि कश्मीरियत को अपना घर मानता हूं।
मुझसे लोगों ने कहा कि पूरे भारत में आप पैदल चल सकते हैं, लेकिन कश्मीर में गाड़ी से चलिए, मैंने कहा कि यह अपने घर के लोग हैं। मैं उनके बीच में चलूंगा। मैंने सोचा कि जो मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें क्यों न मौका दें कि वह मेरी टी-शर्ट को लाल कर दें। क्योंकि गांधी जी ने मुझे सिखाया है कि जीना है तो बिना डरे जीना है। मैंने सोचा कि करना है तो लाल कर दो मेरी टी-शर्ट। लेकिन जो मैंने सोचा था वही हुआ। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मुझे दिल खोलकर प्यार किया और मुझे बहुत खुशी हुई कि उन्होंने मुझे अपना माना और बुजुर्गों-बच्चों ने आंसुओं से मेरा स्वागत किया।
राहुल गांधी ने कहा कि जो सेना के लोग यहां काम करते हैं, और सीआरपीएफ के लोग काम करते हैं। जम्मू-कश्मीर के युवाओं को, माताओं को, बहनों को, जवानों को, उनके परिवारों को, बच्चों को। देखिए मैं हिंसा को समझता हूं। मैंने हिंसा सही है, देखी है। जो हिंसा नहीं सहता, जिसने नहीं देखी है, उसे यह बात समझ नहीं आएगी। जैसे मोदीजी हैं, शाह जी हैं। आरएसएस के लोग हैं, उन्होंने हिंसा नहीं देखी है। वह डरते हैं। हम चार दिन पैदल चले। मैं आपको गारंटी देता हूं कि भाजपा का कोई नेता ऐसे नहीं चल सकते।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं 14 साल का था। स्कूल में पढ़ रहा था। टीचर आए, मुझसे पूछा कि राहुल तुम्हें प्रिंसिपल ने बुलाया है। मैं बदमाश था, मैंने सोचा कि मैंने शायद कोई शैतानी की है। मगर जब मैं चल रहा था, तो जिस टीचर ने मुझे बुलाया था, उसे देखकर मुझे कुछ अजीब सा हुआ। प्रिंसिपल ने मुझसे कहा कि राहुल तुम्हारे घर से फोन कॉल है। जब मैंने उसके शब्द सुने, तो पता लग गया कि कुछ गलत हो गया है। मेरे पैर कांपे और जैसे ही मैंने फोन कान पर लगाया तो मेरी मां के साथ एक औरत चिल्ला रही थी। राहुल, दादी को गोली मार दी, दादी को गोली मार दी। ये जो मैं कह रहा हूं ये बात पीएम को नहीं समझ आएगी, अमित शाह को समझ नहीं आएगी। डोभाल जी को समझ नहीं आएगी। ये बात कश्मीर के लोगों को समझ आएगी, सीआरपीएफ-सेना के लोगों को समझ आएगी।
पुलवामा में जो हमारे सैनिक मरे, उनके घरों पर टेलीफोन आया होगा, उनके परिजनों को टेलीफोन आया होगा। जो हिंसा करवाता है, पीएम मोदी जी हैं, अमित शाह जी हैं, आरएसएस के लोग हैं, डोभाल जी हैं। ये दर्द को समझ नहीं सकते। पुलवामा के जो सैनिक हैं, उनके दिल में क्या हुआ था। मैं जानता हूं। जो यहां कश्मीर में मरते हैं, उनके दिल में क्या होता है, क्या लगता है। मैं और मेरी बहन समझते हैं।
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि जब मेरा भाई कश्मीर आ रहा था, तो मेरी मां ने उसके लिए एक संदेश भेजा। उसने कहा कि उसे घर जाने का एक अनूठा एहसास है। उनके परिवार के सदस्य उनका इंतजार कर रहे हैं। वे आते हैं और आंखों में आंसू लिए उन्हें गले लगाते हैं । उनका दर्द और भावनाएं उनके अपने दिल में प्रवेश कर रही हैं।
आरएसपी नेता प्रेमचंद्रन ने कांग्रेस नेता के साथ अपनी पार्टी की एकजुटता की घोषणा की। उन्होंने कहा, “एक ऐतिहासिक आंदोलन चलाया गया। राहुल गांधी ने साबित कर दिया है कि वह इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने के लिए सही नेता हैं।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि भाजपा ने कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया लेकिन हम कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करवाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने इस क्षेत्र से किये गये वादों को पूरा नहीं किया। खडगे ने कहा कि राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि देश में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा फैलायी गई नफरत के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और भाजपा देश में गरीब-अमीर की खाई को और चौड़ा बनाने की नीति अपना रहे हैं।
उधर, कांग्रेस ने अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के समापन के अवसर पर भारी हिमपात के बीच जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में एक रैली भी निकाली। शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम से शुरू हुई रैली का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने किया तथा इसमें द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़), नेशनल कांफ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), रेवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इस रैली के साथ ही करीब पांच महीनों में 12 राज्यों तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का समापन हो गया। यह पदयात्रा पिछले साल 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई थी। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने 12 जनसभाओं, 100 से अधिक नुक्कड़ सभाओं, 13 संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया। इससे पहले, राहुल गांधी ने पंथाचौक में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के शिविर स्थल पर राष्ट्र ध्वज फहराया।
दूसरी ओर, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कड़ाके की ठंड में टी-शर्ट पहनकर पदयात्रा करके देशभर में बहस छेड़ने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को कश्मीर की हाड़ कंपा देने वाली ठंड में ‘फेरन’ पहना। भारी हिमपात के बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष को सुबह अपनी ट्रेडमार्क सफेद रंग की टी-शर्ट पर बिना बाजू की जैकेट पहने हुए देखा गया। इसके बाद वह फेरन पहने नजर आए। उल्लेखनीय है कि फेरन पारंपरिक रूप से कश्मीरियों द्वारा पहने जाने वाला, गले से पैर तक लंबा परिधान होता है।
मौलाना आजाद रोड पर प्रदेश कांग्रेस समिति के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेने के तुरंत बाद राहुल गांधी को शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम जाते वक्त ग्रे रंग का फेरन पहने हुए देखा गया। राहुल गांधी की सफेद रंग की टी-शर्ट उस वक्त चर्चा में आयी थी जब यात्रा ने कड़ाके की ठंड में दिल्ली में प्रवेश किया था। उनके समर्थकों ने उनके संयम की तारीफ की थी जबकि विरोधियों ने आलोचना की थी। वहीं, राहुल गांधी ने कहा था कि उन्होंने मध्य प्रदेश में ‘‘फटे हुए कपड़ों में ठिठुरती’’ तीन लड़कियों से मिलने के बाद पदयात्रा के दौरान केवल टी-शर्ट पहनने का फैसला किया था। कांग्रेस नेता ने कहा था कि तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि वह तब तक स्वेटर नहीं पहनेंगे जब तक कि उन्हें ठिठुरन नहीं होती।