जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । क्लाइमेट एक्टिविस्ट और शिक्षाविद सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद सरगरमी बढ़ गई है। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वांगचुक को पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है और गांधी जयंती के अवसर पर उपवास रखने की घोषणा की है। वांगचुक करीब 150 प्रदर्शनकारियों के साथ हिरासत में लिया है। ये सभी लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता देने की मांग कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों का राजघाट तक मार्च करने का कार्यक्रम था। हालांकि, दिल्ली में धारा 144 (अब धारा 163) लागू होने के कारण पुलिस ने उन्हें सीमा पर रोकने का प्रयास किया। जब प्रदर्शनकारियों ने रुकने से इनकार किया, तो उन्हें सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया गया।
सभी को अलीपुर और अन्य पुलिस थानों में ले जाया गया है। सोनम वांगचुक और उनके समर्थक ‘दिल्ली चलो पदयात्रा’ के तहत लद्दाख से करीब 700 किमी पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे थे। आइए जानते हैं सोनम वांगचुक कौन हैं? कब-कब सुर्खियों में रहे? एक्टर आमिर खान से क्या है कनेक्शन।।। सोनम वांगचुक कौन हैं? सोनम वांगचुक एक प्रख्यात शिक्षाविद, जलवायु कार्यकर्ता और सामाजिक सुधारक हैं। उनका जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के अलची गांव में हुआ था। उन्होंने SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) की स्थापना की, जो लद्दाख के छात्रों के लिए शिक्षा सुधार और विकास के लिए काम करता है। वह कई आविष्कारों के लिए भी जाने जाते हैं, जैसे सोलर हीटेड मिलिट्री टेंट और आर्टिफिशियल ग्लेशियर। सोनम वांगचुक ने शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय काम किए हैं और उन्हें लद्दाख और पूरे भारत में उनके योगदान के लिए सराहा जाता है। इसके अलावा, वह फिल्म “3 इडियट्स” के किरदार फुंसुक वांगडू की प्रेरणा भी हैं, जिसे अभिनेता आमिर खान ने निभाया था।
मेधा पाटकर ने कहा केंद्र सरकार लद्दाख को बचाने वालों का मुंह बंद करना चाहती है। लद्दाख का पर्यावरण प्रदूषित हो गया है। वांगचुक लद्दाख की जनता के हितों के लिए काम कर रहे हैं। पिछले कुछ समय में 30 फीसदी बर्फ पिघल गई है।
हिरासत में क्यों लिया गया? सोनम वांगचुक को दिल्ली पुलिस ने 150 से अधिक लोगों के साथ 25 सितंबर 2024 को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से हिरासत में लिया। वह लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लद्दाख से दिल्ली तक एक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे। उनकी मांग है कि लद्दाख को स्वायत्तता दी जाए और उसे विशेष राज्य का दर्जा मिले। आपको बता दें कि छठी अनुसूची में उन क्षेत्रों को विशेष स्वायत्तता दी जाती है, जो आदिवासी आबादी वाले होते हैं, जैसे कि असम, मेघालय, त्रिपुरा, और मिजोरम। लद्दाख को भी इसी प्रकार की स्वायत्तता देने की मांग लंबे समय से की जा रही है।
सोनम वांगचुक के प्रमुख प्रोटेस्ट की टाइमलाइन 2019: अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, जिससे वहां के लोगों का विशेष दर्जा खत्म हो गया। इसके बाद से ही वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। मार्च 2024: वांगचुक ने लेह में शून्य से नीचे के तापमान पर 21 दिन की भूख हड़ताल की थी। यह आंदोलन लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग पर आधारित था। 25 सितंबर 2024: दिल्ली पुलिस ने उन्हें और अन्य प्रदर्शनकारियों को सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया। उन्होंने लद्दाख के लिए विशेष दर्जा और छठी अनुसूची की मांग करते हुए दिल्ली तक मार्च किया था।