जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । सरकार ने 16 जनवरी 2016 को स्टार्ट-अप इंडिया पहल शुरू की जिसका उद्देश्य नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना तथा देश में स्टार्ट-अप के विकास के लिए उचित तंत्र के निर्माण में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनाना है। पूर्वोत्तर के राज्यों में असम स्टार्ट अप में सबसे आगे है । उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से 31 जनवरी 2025 तक पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 2,109 संस्थाओं को स्टार्ट-अप के रूप में मान्यता दी गई है। यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
राज्य | 31 जनवरी 2025 तक जारी किए गए प्रमाणपत्र |
अरुणाचल प्रदेश | 55 |
असम | 1514 |
मणिपुर | 185 |
मेघालय | 63 |
मिजोरम | 44 |
नागालैंड | 88 |
सिक्किम | 13 |
त्रिपुरा | 147 |
कुल | 2109 |
नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है। यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्टार्ट-अप के विकास के लिए उचित तंत्र के निर्माण में योगदान दे रहा है। नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत तीन वेंचर कैपिटल फंड शुरु किये हैं और उनका प्रबंधन कर रहा है। इसके अलावा, इस संस्था ने एनआरएल आइडिया एंजल फंड शुरु करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड के साथ समझौता किया है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय ने नॉर्थ ईस्टर्न डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से पूर्वोत्तर उद्यम निधि की स्थापना की है। इसके अंतर्गत अब तक 69 स्टार्टअप्स को लगभग 100 करोड़ रुपये की निवेश प्रतिबद्धता प्राप्त हुई है।
स्टार्ट-अप इंडिया के तहत पूर्वोत्तर राज्यों में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उद्योग संवर्धन और आतंरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) की ओर से की गई पहलों की सूची इस प्रकार है:
- एएससीईएनडी स्टार्ट-अप कार्यशाला श्रृंखला और महिलाओं के लिए स्टार्ट-अप कार्यशालाएं : सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के उद्यमियों, उद्मिता के इच्छुक लोगों और छात्रों के लिए स्टार्ट-अप कार्यशालाओं की एक श्रृंखला – एएससीईएनडी (स्टार्ट-अप क्षमता और उद्यमशीलता अभियान में तेजी) का आयोजन किया।
- ज्ञान आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण कार्यशालाएं : डीपीआईआईटी ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच कामकाज के अच्छे तौर-तरीकों के प्रसार और उन्हें पारस्परिक रूप से सीखने के लिए ज्ञान आदान-प्रदान कार्यशालाओं का आयोजन किया।
- स्टार्ट-अप इंडिया यात्रा पहल : स्टार्ट-अप इंडिया ने राज्यों के ग्रामीण और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए 2017 में स्टार्ट-अप इंडिया यात्रा शुरू की।
- विंग : डीपीआईआईटी के कार्यक्रम विंग के एक भाग के रूप में – वर्तमान और इच्छुक महिला उद्यमियों के लिए एक क्षमता विकास कार्यक्रम
- जिला आउटरीच पहल: डीपीआईआईटी भारत के प्रत्येक जिले में कम से कम एक डीपीआईआईटी-मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप स्थापित करने का प्रयास करके उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है।