जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : सरकार ने फिर से मॉक ड्रिल की घोषणा की है। गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशो के अनुसार गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को मॉक ड्रिल किया जाएगा। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। इसकी टाइमिंग शाम के पांच बजे रखी गई है। गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। ऑपरेशन इन्हीं राज्यों में क्यों किया जा रहा है, इसके बारे में बताया गया है कि ये सभी इलाके पाकिस्तान से सटे हुए हैं। मॉक ड्रिल का नाम – ऑपरेशन शिल्ड रखा गया है।
मॉकड्रिल में सुरक्षा को लेकर अभ्यास किया जाएगा। उस समय नागरिक, प्रशासन और अन्य एजेंसियों के बीच किस तरह का को-ऑर्डिनेशन होता है, इसकी टेस्टिंग होगी। इस दौरान आपातकालीन परिस्थितियों का भी अभ्यास होगा। जिन-जिन जिलों में यह अभ्यास किया जाएगा, गृह मंत्रालय ने उन्हें व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं। वहां के प्रशासन को पहले ही अलर्ट जा चुका है।
दिशा निर्देश के अनुसार एनसीसी, टेरिटोरियल आर्मी, एनएसएस, स्काउट्स और गाइड्स को भी शामिल किया गया है। इस अभ्यास में विमान, ड्रोन और मिसाइल हमलों की स्थिति को सबके सामने दर्शाया जाएगा, ताकि वे किस तरह से रिस्पॉंड करते हैं, इसे परखा जाएगा। हवाई हमले की चेतावनी जारी की जाएगी। सायरन बजाए जाएंगे। ब्लैक आउट भी होगा। अलग-अलग समय पर अलग-अलग चीजों का अभ्यास किया जाएगा।
युद्ध के दौरान आम लोग फंस जाते हैं, तो उन्हें किस तरह से वहां से सुरक्षित निकाला जाता है, इसके लिए क्या-क्या प्रि-कॉशन लिए जा सकते हैं, उनका प्रदर्शन किया जाएगा। एजेंसी के अनुसार सिमुलेशन तकनीक की भी मदद ली जाएगी।
गोलीबारी के बीच लोग घायल भी होते हैं, तो ऐसी परिस्थितियों में अस्पताल की कितनी तैयारी है, वहां तक किस तरीके से पहुंचा जा सकता है, क्या ब्लड बैंक में पर्याप्त साधन हैं, क्या अस्पताल पूरी तरह से तैयार है, ऑपरेशन में इनकी भी परख की जाएगी। होम मिनिस्ट्री के अनुसार अभ्यास की शुरुआत शाम के पांच बजे से होगी। लोकल पुलिस से लेकर अर्धसैनिक बल और सेना के जवान मौजूद रहेंगे।
मॉक ड्रिल से अंततः आम लोगों को ही फायदा होता है। दुनिया के कई देशों में इस तरह के मॉक ड्रिल चलते रहते हैं, ताकि नागरिकों को हमेशा अलर्ट रखा जा सके और कभी ऐसी परिस्थिति आ गई तो उस समय क्या करना है, क्या नहीं करना है, सरकार और सेना का किस तरह से सहयोग करना है, इसकी ट्रेनिंग काम आती है।