जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । ईरान की एक मिसाइल बृहस्पतिवार तड़के दक्षिणी इस्राइल के मुख्य अस्पताल पर गिरी जिससे कई लोग घायल हो गए और ‘‘व्यापक पैमाने पर क्षति” हुई। अस्पताल ने यह जानकारी दी। इस्राइली मीडिया ने मिसाइल हमले के कारण क्षतिग्रस्त हुईं खिड़कियों और इलाके से उठते घने काले धुएं के फुटेज प्रसारित किए।
ईरान ने तेल अवीव में एक ऊंची अपार्टमेंट इमारत और मध्य इस्राइल में अन्य जगहों पर हमले किए। इस्राइल की ‘मैगन डेविड एडम’ बचाव सेवा के अनुसार, इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं। इस बीच इस्राइल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया। ईरान के विशाल परमाणु कार्यक्रम पर यह हमला संघर्ष के सातवें दिन किया गया।
इस्राइल ने सात दिन पहले ईरान के सैन्य स्थलों, वरिष्ठ अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाकर अचानक हमले किए जिससे यह संघर्ष शुरू हो गया। ईरान ने इस्राइल पर सैकड़ों मिसाइल और ड्रोन दागे लेकिन अधिकतर को इस्राइल की बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने मार गिराया।
ईरानी मिसाइल ने ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ को निशाना बनाया जो इस्राइल के दक्षिण में स्थित मुख्य अस्पताल है। अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, इस अस्पताल में 1,000 से अधिक बिस्तर हैं और यह इस्राइल के दक्षिण के लगभग 10 लाख निवासियों को सेवाएं प्रदान करता है।
बयान में कहा गया है कि चिकित्सा केंद्र के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और आपातकालीन कक्ष में मामूली रूप से घायल कई लोगों का इलाज किया जा रहा है। अस्पताल को नए रोगियों के लिए बंद कर दिया गया है और केवल उन मरीजों को भर्ती किया जा रहा है जो किसी जानलेवा समस्या से जूझ रहे हैं। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमले में कितने लोग घायल हुए हैं।
इस्राइल के कई अस्पतालों ने पिछले सप्ताह आपातकालीन योजनाएं सक्रिय कर दी थीं और अस्पतालों की भूमिगत पार्किंग में मरीजों को स्थानांतरित कर दिया था।
ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस्राइल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया है। चैनल ने बताया कि हमले के बाद ‘‘किसी भी तरह के विकिरण का खतरा नहीं” है और हमले से पहले ही केंद्र को खाली करा लिया गया था तथा रिएक्टर के आस-पास स्थित असैन्य इलाकों में कोई नुकसान नहीं हुआ है।
इस्राइल ने बृहस्पतिवार की सुबह पहले ही चेतावनी दी थी कि वह रिएक्टर पर हमला करेगा और उसने लोगों से क्षेत्र छोड़कर जाने को कहा था। हमले को लेकर विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन अग्निशमन कर्मियों ने कहा कि ऐसा लगता है कि चिकित्सकीय इमारत और कुछ अपार्टमेंट इमारतों को निशाना बनाया गया है। इस बात की तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी कि इन हमलों में कोई हताहत हुआ है या नहीं। अराक रिएक्टर तेहरान से 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है।
परमाणु रिएक्टर को ठंडा करने के लिए भारी जल रिएक्टर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन यह प्लूटोनियम भी बनाता है जिसका संभावित रूप से परमाणु हथियारों में उपयोग किया जा सकता है। ईरान पर इस्राइल के हवाई हमले सातवें दिन भी जारी रहे। इससे एक दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका के आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज कर दिया था और चेतावनी दी थी कि अमेरिकियों की किसी भी सैन्य भागीदारी से उन्हें ‘‘अपूरणीय क्षति” होगी।
वाशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार समूह ने बताया कि ईरान में 263 आम नागरिकों सहित कम से कम 639 लोग मारे गए हैं और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने करीब 400 मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं, जिससे इस्राइल में कम से कम 24 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इनमें से कुछ मिसाइल एवं ड्रोन मध्य इस्राइल में अपार्टमेंट इमारतों पर गिरे जिससे भारी नुकसान हुआ है।
उधर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष को समाप्त कराने के लिए बुधवार को मध्यस्थता की पेशकश की और कहा कि मॉस्को एक ऐसा समझौता कराने में मदद कर सकता है, जिसके तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर शांतिपूर्वक आगे बढ़ सकता है और इस्राइल की सुरक्षा चिंताएं भी कम हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि “यह एक संवेदनशील मुद्दा है। मेरे विचार से, एक समाधान निकल सकता है।” यह पूछे जाने पर कि इस्राइल, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या कर देता है तो रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी, इस पर पुतिन ने जवाब देने से इनकार कर दिया और कहा कि “मैं ऐसी किसी आशंका पर चर्चा नहीं करना चाहता।”
खामेनेई ने इस्राइली हमलों के बीच आत्मसमर्पण करने की अमेरिका की अपील खारिज कर दी है और आगाह किया है कि अमेरिका की किसी भी सैन्य कार्रवाई से उसे (अमेरिका को) अपूरणीय क्षति होगी। पुतिन ने कहा कि उन्होंने रूस का प्रस्ताव ईरान, इस्राइल और अमेरिका से साझा किया है।
उन्होंने कहा, “हम किसी पर कुछ भी थोप नहीं रहे हैं; केवल इस बारे में बात कर रहे हैं कि हम इस स्थिति से बाहर निकलने का संभावित रास्ता कैसे ढूंढ सकते हैं। लेकिन, निश्चित रूप से, यह निर्णय इन सभी देशों, मुख्य रूप से ईरान और इस्राइल के राजनीतिक नेतृत्व पर निर्भर है।”
रूस ने दशकों से पश्चिम एशिया में एक नाजुक संतुलन बनाए रखा है। वह इस्राइल के साथ अपने मधुर संबंधों को बरकरार रखने की कोशिश कर रहा है, जबकि ईरान के साथ उसके मजबूत आर्थिक व सैन्य संबंध विकसित हुए हैं।
पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के अवसर पर एसोसिएटेड प्रेस समेत अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ बैठक में कहा कि रूस का ईरान के साथ भरोसेमंद संबंध है और रूस ने ईरान के दक्षिण में फारस की खाड़ी के बुशहर में उसके पहले परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में मदद की थी।
उन्होंने कहा कि बुशहर में दो और रिएक्टरों के निर्माण में 200 से अधिक रूसी श्रमिक लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि “हम इस्राइली नेताओं की इस बात से सहमत हैं कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।”
पुतिन ने कहा कि ईरान ने रूस से सैन्य सहायता नहीं मांगी है। उन्होंने कहा कि जनवरी में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित “रणनीतिक साझेदारी” संधि में ऐसी सहायता की परिकल्पना नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि रूस ने अतीत में ईरान को कुछ हवाई रक्षा प्रणाली प्रदान की थी, इसके अलावा उसने पहले भी व्यापक हवाई सुरक्षा में मदद की पेशकश की थी, लेकिन तेहरान ने इसे स्वीकार नहीं किया।
पुतिन ने कहा, “हमारा प्रस्ताव एक प्रणाली बनाने का था। हम अतीत में इस पर चर्चा करते थे, लेकिन ईरानी पक्ष ने इसमें बहुत कम रुचि दिखाई।”