जनजीवन ब्यूरो / पटना : बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत का सबसे बड़ा संदेश है “एकात्मता”। उन्होंने कहा “जो तुम्हारे भीतर है, वही मेरे भीतर है। जब हम इसे सच में समझ लेंगे, तो नफरत और हिंसा की कोई जगह नहीं बचेगी।” खान पटना में सुलभ इंटरनेशनल और लूम्बा फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
राज्यपाल ने सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक स्वर्गीय डॉ. बिंदेश्वर पाठक के कार्यों को याद करते हुए उनके परिवार और अध्यक्ष श्री कुमार दिलीप की सराहना की।
लोकसभा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि डॉ. पाठक ने शौचालय और स्वच्छता आंदोलन से भारत और दुनिया को नई दिशा दी। उन्होंने कहा “बिहार से शुरू हुआ यह अभियान आज वैश्विक पहचान बन चुका है। वृंदावन की विधवा माताओं के जीवन में गरिमा और खुशियाँ लौटाना डॉ. पाठक जी की करुणा और संकल्प का अद्भुत उदाहरण है।”
इस अवसर पर सुलभ इंटरनेशनल और लूम्बा फाउंडेशन ने 2000 विधवा माताओं और युवाओं के कौशल प्रशिक्षण एवं सशक्तिकरण की सफलता का उत्सव मनाया।
सुलभ इंटरनेशनल की एग्जीक्यूटिव कन्वेनर नित्या पाठक ने अपने भावुक संबोधन में कहा “सदियों से महिलाएँ समाज और परिवार के लिए देती आई हैं, पर उन्हें उनका हक और सम्मान नहीं मिला। अब समय आ गया है कि हम उनकी शक्ति को पहचानें और उन्हें गरिमा व अधिकार दें।”
लॉर्ड राज लूम्बा, संस्थापक लूम्बा फाउंडेशन, ने कहा
“यह केवल 2000 विधवा माताओं की संख्या नहीं, बल्कि 2000 जीवन, 2000 परिवार और 2000 समुदाय हैं, जिनमें नई उम्मीद जगी है।”
संयुक्त राष्ट्र महिला भारत की डिप्टी कंट्री रिप्रेजेंटेटिव सुश्री कांता सिंह ने अपनी माँ की संघर्षपूर्ण कहानी साझा करते हुए कहा कि विधवा महिलाओं को संपत्ति का अधिकार और शिक्षा मिलना जरूरी है। उन्होंने कहा “आर्थिक स्वतंत्रता और नेतृत्व के बिना सशक्तिकरण अधूरा है। आने वाले बिहार में महिलाएँ नेतृत्व की भूमिका निभाएँगी।”













