जनजीवन ब्यूरो / गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा में भीषण रेल दुर्घटना हुई है। जिले के गोंडा- मनकापुर रेलखंड के बीच चंडीगढ़ एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे में अबतक तीन लोगों की मौत की खबर है...
जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई जिसमें सरकार व संगठन के लोग शामिल हुए। बैठक में एक सीट की जिम्मेदारी तीन मंत्रियों को दी गई हैं। बैठक...
जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ : यूपी डिजिटल अटेंडेंस व्यवस्था को दो महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है। मामले में शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कतों को खत्म करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। ये जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ. एमकेएस सुंदरम ने दी। बता दें कि मंगलवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ बेसिक के शिक्षक संगठनों की हुई वार्ता हुई। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शासन ने फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित करने पर सहमति दी है। जल्द इसका आदेश जारी होगा। शिक्षकों की समस्या के समाधान और डिजिटल अटेंडेंस की दिक्कत के समाधान के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शिक्षाविद, शिक्षक नेता और अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा. एमकेएस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा आदि अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री योगी ने दिया था संवाद कर समाधान निकालने का निर्देश डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही सभी डीएम, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) और सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) के साथ मिलकर शिक्षकों व शिक्षक प्रतिनिधियों से संवाद करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारु रूप से चलता रहे, यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इससे पहले भी सीएम ने विभागीय अधिकारियों को शिक्षकों से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश दिए थे। परिषदीय विद्यालयों में आठ जुलाई से शिक्षकों के डिजिटल अटेंडेंस लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसे लेकर शिक्षक पिछले एक सप्ताह से आंदोलनरत थे। सोमवार को भी उन्होंने हर जिले में प्रदर्शन कर सीएम को संबोधित ज्ञापन भेजा।
जनजीवन ब्यूरो / महोबा। उन्नाव के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में बस सवार 18 लोगों की मौत हो गयी। जबकि 19 लोग घायल हो गए। जिस बस से यह हादसा हुआ उसका महोबा से पंजीकरण से हुआ है, जांच में होश उड़ाने वाले तथ्य सामने आये हैं। बस का पंजीकरण भले ही महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से हुआ है लेकिन यह बस कभी महोबा नहीं आयी, इतना ही नहीं करीब 50 बसें ऐसी हैं जो दूसरे शहरों व राज्यों से संचालित हो रही हैं और उनका पंजीकरण महोबा एआरटीओ कार्यालय से हुआ है। आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित उन्नाव हादसे के बाद पंजीकरण में हुई अनियमितता की जांच के लिए बांदा आरटीओ के नेतृत्व में दो सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। टीम ने जांच शुरू करते हुए महोबा एआरटीओ कार्यालय से वर्ष 2018 व 2019 के वाहन पंजीकरण से संबंधित फाइलों को जब्त कर लिया है। जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप उन्नाव में जिस बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 18 लोगों की जान चली गई, महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से पुष्पेंद्र सिंह नाम के व्यक्ति नाम पंजीकृत है। पुष्पेंद्र का पता खन्ना थाना थाना क्षेत्र का मवई खुर्द गांव दर्ज है।इसकी जानकारी होने पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों में भी हड़कंप मच गया। बस को यहां किस तरह पंजीकृत कराया गया, इसकी जांच के लिए बांदा के संभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर सिंह के नेतृत्व में दो सदस्यीय टीम जांच के लिए महोबा भेजी गई। जोधपुर की है बस कंपनी उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त बस यूपी 095 टी 4729 खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम केयर आफ में दर्ज है। बस का संचालन एमएस केसी जैन ट्रेवल्स के द्वारा किया जा रहा है। यह कंपनी जोधपुर की है। शिकायत सामने आयी ही कि वर्ष 2018 से 2019 के बीच महोबा के उप संभागीय परिवहन कार्यालय से करीब 50 बसें केयरआफ में दलालों के माध्यम से पंजीकृत हुई हैं। उस दौरान इसका विरोध भी बस आपरेटरों के द्वारा किया गया था, फिलहाल उन्नाव हादसे के बाद 2018-2019 में दर्ज अन्य ऐसी और बसों को फाइलों को जब्त कर लिया गया है, जांच टीम यह जानने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार केयर आफ में गलत पता का इस्तेमाल कर कितनी की पंजीकरण करा उनका संचालन हो रहा है। मवई खुर्द में नहीं मिले पुष्पेंद्र सिंह बस नंबर यूपी 95 टी 4729 पुष्पेंद्र सिंह के नाम पंजीकृत हैं, पुष्पेंद्र का पका खन्ना थाना क्षेत्र के ग्राम मवई खुर्द दर्ज हैं, लेकिन जांच टीम गांव पहुंची तो पुष्पेंद्र सिंह वहां नहीं मिले, जिससे संदेह है कि पता फर्जी है। पंजीकरण फाइल में उनका मोबाइल नंबर दर्ज था। उस नंबर पर काल की गई तो कई कॉल के बाद फोन रिसीव हुआ। पुष्पेंद्र ने बताया कि जिस कंपनी द्वारा बस का संचालन किया जा रहा है पहले वह उसी कंपनी में नौकरी करता था। कंपनी ने केयर आफ उसके नाम बस का पंजीकरण करा लिया था।
जनजीवन ब्यूरो / पटना । उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बुधवार की सुबह एक सड़क हादसा हुआ है, इस सड़क हादसे में कुल 18 लोगों की मौत हो गई है। यह सड़क हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हुआ है। वहीं इस बस हादसे के बाद जो अहम खुलासे सामने आ रहे हैं, वो हैरान करने वाले हैं। जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक बस के कागजों में दर्ज पता फर्जी निकला है। वहीं यह बस बिना परमिट और बिना बीमा के ही चल रही थी। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह बस खेती किसानी करने वाले व्यक्ति के नाम से महोबा जिले में रजिस्टर्ड थी। जानकारी के अनुसार यह शिवहर के ही रहने वाले शिवनारायण सिंह की थी। वहीं दिल्ली के रहने वाला चंदन जायसवाल पहाड़गंज से बसों को संचालित करते थे। अब इस मामले में आरटीओ अधिकारी बेहटा मुजावर थाने में बस मालिक के नाम पर एफआईआर (FIR) दर्ज कराएगी। जानकारी के अनुसार इस बस का परिचालन टूरिस्ट परमिट के नाम पर किया जा रहा था। यानि नियम के अनुसार इस बस के इंटर स्टेट चलाने का परमिट नहीं था। नमस्ते बिहार नाम की इस बस की तस्वीर देखकर इसकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बिलकुल खटारा स्थिति में थी। बस की टूटी खिड़कियों पर कांच की जगह जुगाड़ के तौर पर प्लाइबोर्ड लगाए गए थे। वहीं बस में अन्य सुविधाओं का भी अभाव था। बस हादसे की शिकार एक महिला ने बताया कि इस बस के मालिक कई और बस चलवाते हैं। लेकिन, हमलोग जब सफर शुरू करने वाले थे तो हमें जानकारी नहीं थी कि हमलोगों को खटारा बस में बिठा दिया जाएगा। बता दें, बिहार से दिल्ली जाने वाली अधिकांश बसों के पास इंटर स्टेट परमिट नहीं होता है, ये लोग परिवहन विभाग को कुछ पैसे देकर टूरिस्ट परमिट के नाम पर ही बसों का परिचालन करते हैं। बिहार से दूसरे राज्यों में जाने वाली प्राइवेट बसों में कानूनी पहलुओं का सही ढंग से पालन नहीं होता है। ऐसे में आए दिन बस दुर्घटना की खबर सामने आती रहती हैं। इससे पहले भी बिहार से यूपी और दिल्ली जाने वाली बस हादसों का शिकार हुई हैं। उन्नाव बस हादसे में मोतिहारी के 18 व्यक्ति की मौत हो गयी है, जिसमें फेनहारा थाना के एक ही परिवार के छह सदस्य असफाक (42), मो०इस्लाम (35) मुनचुन खातून (38) गुलनाज खातून (12) कमरून नेशा (30) सोहैल (3) साल के आलावा पिपरा कोठी निवासी मोहम्मद असलम के पुत्र सलीम और शमीम, मधुबन निवासी मोहम्मद के पुत्र जय सैयद, मोतीहारी निवासी नसरुल्ला दीवान के पुत्र फूल मोहम्मद, मोतीहारी निवासी विनोद के पुत्र रूपेश कुमार, मोतीहारी निवासी बैजू कुमार एवं आदापुर निवासी मेराज आलम शामिल है।
जनजीवन ब्यूरो / हाथरस । उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। भगदड़ के दौरान अब तक 116 से अधिक लोगों की मौत सूचना मिली है। वहीं,...
जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ : लोकसभा चुनाव में कैसरगंज सीट से बीजेपी उम्मीदवार और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे करण भूषण सिंह के काफिले में शामिल एक गाड़ी की चपेट में आने से दो लोगों की जान...
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। 2014 के मुकाबले 2019 में उनके वोट और वोट शेयर दोनों में जबर्दस्त उछाल आया...
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान आज खत्म हो गया। तीसरे दौर में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर वोटिंग हुई है। गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख...
जनजीवन ब्यूरो/ लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 के द्वितीय चरण में प्रदेश के 8 लोक सभा निर्वाचन क्षेत्रों अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाज़ि़याबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर (अ0जा0), अलीगढ तथा मथुरा में मतदान शान्तिपूर्वक...
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