बजट से उम्मीदें : चुनावी वादों को पूरा करना वित्त मंत्री की राजनीतिक मजबूरी
राजेश रपरिया वित्त-वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई 24 को लोकसभा में पेश किया जायेगा। वित्त मंत्री के रूप...
राजेश रपरिया वित्त-वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट 23 जुलाई 24 को लोकसभा में पेश किया जायेगा। वित्त मंत्री के रूप...
जनजीवन ब्यूरो / गोंडा। उत्तर प्रदेश के गोंडा में भीषण रेल दुर्घटना हुई है। जिले के गोंडा- मनकापुर रेलखंड के...
जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 परीक्षा में पेपर लीक और गड़बड़ी का आरोप लगाने वाली...
जनजीवन ब्यूरो / रांची । झारखंड के गुमला, सिमडेगा, खूंटी, चतरा, गोड्डा और सरायकेला-खरसावां जिलों के मुख्यालय आज भी रेललाइन...
जनजीवन ब्यूरो/ नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय न्याय दिवस के अवसर पर इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन के अध्ययन दल की रिपोर्ट ‘टूवार्ड्स जस्टिस...
जनजीवन ब्यूरो /रांची : झारखंड में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि...
जनजीवन ब्यूरो / रांची : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ झारखंड के लोगों का गुस्सा इतना था कि 33 विधानसभा के 45...
जनजीवन ब्यूरो / मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार को तगड़ा झटका लगा है। चुनाव से पहले अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के चार दिग्गज नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। सप्ताह के अंत तक ये चारों दिग्गज नेता शरद पवार के प्रतिनिधित्व वाली एनसीपी ज्वाइन कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अजित पवार का साथ छोड़ने वाले इन चार दिग्गज नेताओं में एनसीपी की पिंपरी-चिंचवड़ यूनिट के प्रमुख अजित गव्हाणे भी शामिल हैं। पिंपरी चिंचवड़ स्टूडेंट विंग के प्रमुख यश साने और पूर्व नगरसेवक राहुल भोसले और पंकज भालेकर। इन सभी का इस्तीफा पिंपरी-चिंचवड़ यूनिट के प्रमुख अजित गव्हाणे ने अपने इस्तीफे के साथ अजित पवार को भेजा है। माना जा रहा है कि अभी अजित पवार खेमे के कुछ नेता शरद पवार के खेमे में लौटने का मन बना चुके हैं। याद रहे एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जून महीने में बयान दिया था कि लोग उनकी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं। उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा लेकिन वो अपनी पार्टी में ऐसे लोगों को ही स्वीकार करेंगे जो पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बता दें अपने सगे चाचा शरद पवार की एनसीपी से बगावत कर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद अजित पवार के प्रतिनिधित्व वाली एनसपी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें अजित गुट की एनसीपी महज एक रायगढ़ सीट पर जीत हासिल कर सकी वहीं चाचा शरद पवार की एनसीपी ने आठ सीटों पर जीत दर्ज करवाई थी। गौरतलब है कि 2023 में चाचा शरद पवार द्वारा भतीजे अजित पवार के बजाय बेटी सुप्रिया सुले को तर्जी दिए जाने से नाराज होकर अजित पवार ने चाचा शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया और अपने गुट के विधायकों को लेकर अलग हो कर अपना अलग एनसीपी गुट बना लिया। अजित पवार की बगावत के कारण चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार की एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई। वहीं चाचा को झटका देते हुए अजीत पवार अपने गुट के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम की कुर्सी संभाली लकिन आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार की एनसीपी में फूंट पड़नी शुरू हो चुकी है।
जनजीवन ब्यूरो / बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य के कन्नडिगा लोगों को निजी उद्योगों में 'C और D' ग्रेड के पदों पर 100 प्रतिशत नियुक्त करने का बुधवार को ऐलान किया। सीएम ने एक पोस्ट लिखी और जिसमें उन्होंने बताया कि इससे संबंधित विधेयक भी विधानसभा में पास हो चुका है। वहीं इस विधेयक पर बवाल मचते ही सीएम ने अपनी ये पोस्ट डिलीट कर दी है। बता दें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में निजी कंपनियों में सी और डी दोनों ग्रुपों में कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी पोस्ट शेयर की थी। उन्होंने पोस्ट जैसे ही शेयर की उस पर बवाल मच गया। यहां तक कर्नाटक के उद्योग जगत की नामी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर पर आपत्ति जताई। वहीं केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी जमकर इस विरोध जताया। जिसके बाद सीएम ने कन्नड़ लोगों को नौकरी में कोटा देने संबंधी पोस्ट X से डिलीट कर दी। वहीं कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने साफ किया कि निजी कंपनियों में नौकरियों का आरक्षण नॉन- मैनेजमेंट रोल के लिए 70 प्रतिशत और प्रबंधन स्तर के कर्मचारियों के लिए 50 प्रतिशत तक सीमित किया जाएगा। बता दें कर्नाटक सीएम ने अपनी पोस्ट में कर्नाटक के स्थानीय यानी कन्नड़ा लोगों को 100 फीसदी आरक्षण देने संबंधी विधेयक की जानकारी देते हुए कहा कहा कि यह उनकी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को अपने राज्य में आरामदायक जीवन जीने का अवसर दिया जाए और उन्हें 'कन्नड़ भूमि' में नौकरियों से वंचित न किया जाए।
जनजीवन ब्यूरो / लखनऊ। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई जिसमें...
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