जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली । बिहार के मुज़फ्फरपुर में बीते दो दशकों में सैकड़ों बच्चों की जान लेने वाली संदिग्ध बीमारी का पता चल गया है. चमकी की बीमारी के नाम से कुख़्यात यह रोग हर साल मई जून में...
जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली । सेक्स के बारे में घबराहट भी सेक्स के दौरान दर्द की एक वजह हो सकती है. एक नए शोध से पता चला है कि हर दस में से एक महिला सेक्स के दौरान दर्द अनुभव...
जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली।आईएमए डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल देने के लिए वचनबद्ध है। इस बारे में एक सर्वे स्पैश्लिस्ट डॉक्टरों की बढ़ती हिंसा के मामले केबारे में राय जानने के लिए करवाया गया। इस सर्वे में 80 प्रतिशत के करीब डॉक्टरों ने कहा कि मरीज़ों और उनके जानकारों से हिंसा और गुस्से का सामना करना पड़ता है। आईएमए के राष्ट्रीय प्रेसीडेंट एंव एचसीएफआई के प्रेसीडेंट डॉ केके अग्रवाल एवं आईएमए के जनरल सेक्रेटरी डॉ आरएन टंडनने कहा कि हिंसा के ज़्यादातर मामलेंएमरजेंसी मामलों में होते हैं। सर्वे में शामिल 90 प्रतिशत डॉक्टरों ने कहा कि मरीज़ के रिश्तेदार अक्सर डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार, गाली—गलौच और मारपीटसर्जरी के बाद करते हैं। सर्वे की कुछ अहम बातें— 83 प्रतिशतमामलों में डॉक्टर के तैय समय से देरी से आने पर मरीज़ गुस्सा हो जाते हैं। 30 प्रतिशतमरीज़ों के रिश्तेदार डॉक्टर के आने पर खड़े नहीं होते। 17 प्रतिशतलोगों का मानना है कि फ़ीस को बांटना अनैतिक है डॉ अग्रवाल कहते हैं कि इसमें एक बड़ी समस्या डॉक्टरों द्वारा ऐसे मामलों में सूचना काफी कम दी जाती है। सर्वे में बिना नाम बताए तो सब अपनी बात रख देते हैंलेकिन सामान्य दिनों में या तो डर की वजह से या मरीज़ की देखभाल के मद्देनज़र इस बारे में जानकारी देने से कतराते हैं। उन्हीं मामलों में जानकारी दी जाती हैजब स्थिति हाथ से बाहर हो जाती है और डॉक्टर को लगता है कि उसकी या उसके परिवार की ज़िंदगी ख़तरे में है। बढ़ते मामलों के मद्देनज़र आवश्यक हो जाता है कि सुरक्षा का इंतज़ाम किया जाए। ज़िम्मदारी और खुलापन बढ़ा कर ही हिंसा के मामलों को कम किया जा सकताहै।
जनजीवन ब्यूरो देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रशांत किशोर को ‘च्यवनप्राश’ बताते हुए कहा, ‘‘बढ़ती उम्र में ऐसे टॉनिकों का सहारा लेना पड़ता है।’’ वहीं चुनावी रणनीति तय करने के लिये उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय...
मदन झा नई दिल्ली । शांति के तीर्थ यात्री के तौरपर भारत आए अमेरिका के आठ शिक्षाविद उस समय हैरान रह गए, जब उन्होंने यहां सुलभ ग्राम का दौरा किया। दुनिया को उदारीकरण का पाठ पढ़ाने वाले देश अमेरिका के...
जनजीवन ब्यूरो नयी दिल्ली : नीति आयोग में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में अर्थशास्त्रियों ने आयकर दरों में कटौती करने तथा सीमा शुल्क दरों का वैश्विक स्तर पर प्रचलित दरों के साथ तालमेल बिठाने की...
जनजीवन ब्यूरो नई दिल्ली । मियां-बीवी का रिश्ता ऐसा है कि अगर लंबे वक़्त तक ये दोनों साथ रहें तो वो एक दूसरे की पहचान बन जाते हैं. दोनों के मिज़ाज और किरदार की बहुत सी ख़ूबियां एक दूसरे से...
जनजीवन ब्यूरो वाशिंगटन। जीका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित ब्राजील में करीब 50 फीसदी महिलाएं इसके डर से मां नहीं बन रहीं। एक नये शोध में बताया गया कि ये महिलाएं वायरस के संक्रमण के कारण दहशत में हैं और...
जनजीवन ब्यूरो वाराणसी । अभी तक तो आप चावल, दाल, रोटी, सब्जी ज्यादा मात्रा में खाने की बात सुनी होगी लेकिन एक बुजुर्ग महिला बड़े मजे से बालू खाती है. 15 साल की कुसमावती को जब पेट दर्द हुआ तो...
विजय गुप्ता नई दिल्ली । 24 फरवरी 1948 को एक तमिल परिवार में जन्मीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता अपने नृत्य कौशल के लिए जानी जाती थीं. राजनीति में आने से पहले जयललिता एक लोकप्रिय अभिनेत्री रहीं हैं. उन्होंने तमिल, तेलुगू,...
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