जनजीवन ब्यूरो
मुंबई। मुस्लिमों के मताधिकार को छीन लेने की दलील पर बहस छिड़ी हुई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने ‘सामना’ में लिखा है कि मुस्लिमों के मताधिकार को छीन लेना चाहिये। संजय राउत ने ओवैसी बंधुओं को मुस्लिम वोटों का नया ठेकेदार करार देते हुये उन्हें संपोले कहा है। उन्होंने ओवैसी बंधुओं के मुस्लिम वोटों की राजनीति को देश के खतरनाक बताते हुये मुस्लिमों के मताधिकार को कुछ समय के लिये छीन लेने की बात कही है। कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार का नया एजेंडा बताया है और कहा है कि मोदी सरकार की सच्चाई अब सामने आ रही है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने एक लेख में कहा है कि वोट-बैंक की राजनीति खत्म करने के लिए मुसलमानों का मताधिकार समाप्त कर देना चाहिए। राउत ने लेख में समुदाय का ध्रुवीकरण करने के लिए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेताओं असदुद्दीन एवं अकबरुद्दीन ओवैसी की आलोचना की।
शिवसेना के मुखपत्र सामना के ताजा अंक में प्रकाशित लेख में राज्यसभा सदस्य राउत ने एआईएमआईएम के नेता ओवैसी को ‘हैदराबाद वाला ओवैसी भाई’ कहकर संबोधित किया है और कहा है, “जब तक मुस्लिम वोट बिकते रहेंगे, तब तक यह समुदाय पिछड़ा रहेगा और इनके नेता अमीर होते जाएंगे।”
मराठी भाषा में प्रकाशित लेख में राउत ने लिखा है, “ओवैसी भाई मुसलमान वोटों की राजनीति कर रहे हैं और हम नहीं जानते कि इससे उनको या समुदाय को फायदा मिलेगा या नहीं, लेकिन इससे देश को नुकसान जरूर पहुंचेगा।”
राउत ने यह भी कहा है कि पूर्व में जामा मस्जिद के इमाम मुसलमानों को वोट देने के बारे में सलाह देना अधिकार समझते थे और अब यही काम ओवैसी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के लिए खतरे की घंटी है।
कुछ दिनों पहले अकबरुद्दीन ओवैसी ने भी मुंबई में एक रैली में शिवसेना पर निशाना साधते हुए पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को हैदराबाद आने की चुनौती दे डाली थी।