जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । हरियाणा की लोकल ट्रेन में बैग में बीफ रखने के शक में कथित तौर पर आक्रोशित भीड़ द्वारा गुरुवार रात (22 जून, 2017) एक युवक की हत्या कर दी गई जबकि कई लोगों को गंभीर चोटें आईं. वहीं भीड़ द्वारा नाबालिग युवक की हत्या मामले में अब नया मोड़ आ गया है. पीड़ित परिवार के अनुसार ‘परिवार के पांच सदस्य दिल्ली से ईद की खरीदारी कर अपने घर ईद मनाने के लिए जा रहे थे. इस दौरान ट्रेन में सीट विवाद को लेकर झगड़ा हुआ जो बाद में सांप्रदायिक हिंसा में बदल गया.’ मृतक शख्स की पहचान हाफिज जुनैद की रूप में की गई है. दूसरी तरफ हत्या से जुड़े मामले में शुक्रवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने जुर्म को कबूल कर लिया है.
पुलिस के अनुसार 15-20 लोगों का ग्रुप मथुरा के पास ट्रेन में चढ़ा. जहां सीट विवाद को लेकर हुई बहस हिंसा में बदल गई. इस दौरान कुछ लोगों ने मुस्लिम युवाओं को राष्ट्र विरोधी और गोमांस खाने वाला कहकर संबोधित किया. जिसके बाद उनकी टोपी को उतारकर ट्रेन के फर्श पर फेंक दिया, उनकी दाढ़ी खींची और भद्दी गालियां दीं. दूसरी तरफ घटना से जुड़े एक आरोपी ने आज मीडिया से कहा कि हिंसा मैं मुस्लिम युवक के मारे जाने पर उसे गहरा दुख है क्योंकि उस रात वो शराब के नशे में था. दूसरी तरफ हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने हिंसा में बीफ विवाद को मुख्य वजह होने पर नकारा है. उन्होंने आगे कहा कि ये साफ तौर पर दो ग्रुप में हुई लड़ाई थी जो बाद में गंभीर हिंसा में बदल गई और इसमें एक शख्स की जान चली गई. हम घटना के मामले में एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर चुके हैं. पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है, अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. ये जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से है.
वहीं घटना मामले में 18 साल के पीड़ित मोहसिन ने बताया, ‘सबकुछ सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की आंखों के सामने हो रहा था. लेकिन उन्होंने हमारी मदद करने से इंकार कर दिया. हमने कई बार पुलिस को मदद के लिए बुलाया. आपातकालीन नंबर्स पर भी फोन किया लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला.’ हालांकि बल्लभगढ़ जीआरपी एसएचओ सूरत पटेल ने स्वीकार करते हुए कहा कि वो स्टेशन पर ज्यादा भीड़ होने की वजह से युवाओं को बचा नहीं सके. ये जानकारी टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से हैं. बता दें कि सूरत में इस्लामिक स्टडीज का छात्र जुनैद का भाई मोहसिन (20), मोइन (18), जुनैद का बड़ा भाई साकिर घटना में बुरी तरह घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया है. ये जानकारी हिंदुस्तान टाइम्स के हवाले से हैं. वहीं टाइम्स ऑफ इंडिया ने केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के हवाले से लिखा, ‘किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए. मामले की पूरी जांच की जा रही है, इसके पीछे जो भी आरोपी हैं उन्हें सजा दी जाएगी.’
जुनैद के 80 वर्षीय दादा आजम का कहना है कि जुनैद के पिता जलालुद्दीन कार चलाते हैं. उनका परिवार काफी गरीब है. जलालुद्दीन के सात बेटे थे मगर अब छह ही रह गए. जुनैद मदरसे में पढ़ाई करता था. उसने रमजान के दौरान कुरान शरीफ को पढ़ा है. जुनैद अपने सगे भाई हाशिम और दो दोस्तों मोहसिन व मोइन के साथ ईद की खरीदारी करने बृहस्पतिवार सुबह 5 बजे दिल्ली सदर गया था. चारों बल्लभगढ़ से ट्रेन में सवार हुए थे. सामान खरीदने के बाद शाम को पांच बजे दिल्ली-मथुरा शटल में वापस घर लौट रहे थे.
तुगलकाबाद से तीन युवक और एक बुजुर्ग शटल में चढ़ गए. जुनैद ने बुजुर्ग को सीट पर बैठा दिया और खुद खड़ा हो गया. इस दौरान शटल में भीड़ अधिक होने के कारण धक्का-मुक्की हुई और जुनैद गिर गया. जुनैद ने गिरने के बाद कुछ कहा तो शटल में सवार कुछ युवक भी उनसे भिड़ गए. इस दौरान युवकों ने हाशिम के सिर से टोपी को उतार कर एक-दूसरे के सिर पर रखने लगे तो झगड़ा हो गया. झगड़े के बाद जुनैद, हाशिम, मोहसिन, मोइन डिब्बे से उतर कर पिछले डिब्बे में चले गए. भिड़ने वाले युवक भी उतर कर उस डिब्बे में पहुंच गए. इस दौरान हाशिम ने घर मोबाइल फोन से झगड़े की सूचना दे दी. झगड़े की खबर सुनकर उनका भाई शाकिर बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया. बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन पर मोइन को लगा कि सभी उतर गए तो वह ट्रेन से उतर गया, लेकिन इससे अनजान शाकिर ट्रेन चढ़ गया. उधर हमलावरों ने जुनैद, हाशिम और मोहसिन को नहीं उतरने दिया था. ट्रेन आगे बढ़ी तो असावटी के नजदीक बदमाशों ने जुनैद पर चाकू से 10-15 वार किए. हाशिम और शाकिर पर भी चाकुओं से हमला किया और असावटी में ट्रेन से धक्का दे दिया. बुरी तरह जख्मी जुनैद की मौके पर मौत हो गई. अस्पताल में इलाज के बाद हाशिम घायल अवस्था में घर पर है जबकि शाकिर को दिल्ली एम्स में दाखिल कराया है.