जनजीवन ब्यूरो / पटना । बक्सर के जिला अधिकारी मुकेश कुमार पांडेय सुसाइड के लिए 1000 किमी से ज्यादा की दूरी क्यों तय की यह रहस्य बना हूआ है। सुसाइड ही करना था तो वे बक्सर या बिहार के किसी जगह पर कर सकते थे। अपने छोटे से कार्यकाल में मुकेश कुमार जहां भी रहे वहां उनकी छवि बेदाग और कड़क मिजाज की रही। ऐसे मे उनका सुसाइड करना कई सवालों को खड़ा करता है।
दिल्ली के लीला पैलेस होटल से मिले सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि, ‘मैं अपनी पत्नी और अपने मां-बाप के बीच हो रहे झगड़े से बेहद परेशान हूं, इस वजह से यह कदम उठा रहा हूं’। गुरुवार को मुकेश के ससुर ने सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
सभी यही सोच कर परेशान हो रहे हैं कि आखिरकार ऐसी क्या मजबूरी होगी जिसने एक पढ़े-लिखे और ईमानदार जिला अधिकारी को सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया है।
बिहार के सारण जिले के रहने वाले मुकेश पांडेय की परवरिश एक मध्यम वर्ग के परिवार में हुई थी। मुकेश पांडेय की शिक्षा गुवाहटी में हुई और गुवाहाटी से ही बीए ऑनर्स किया था। उसके बाद वे दिल्ली चले गए थे, जहां इन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की।
दिल्ली में तैयारी करने के बाद पहली बार में वे यूपीएससी की परीक्षा में कामयाब नहीं हुए लेकिन दूसरी बार बिना किसी कोचिंग में पढ़ाई किए हुए ही यूपीएससी की परीक्षा पास की। जिसमें उन्हें ऑल इंडिया मे 14 वीं रैंक मिली।
जिलाधिकारी मुकेश पांडेय ने आत्महत्या करने से पहले अपने घरवालों को एक संदेश भेजा था जिसमें आत्महत्या करने की बात कही थी। जिस संदेश में उन्होंने कहा था कि जिन्दगी से तंग आने की वजह से उन्होंने मौत को गले लगाने का फैसला किया है।
जैसे ही जिला अधिकारी के द्वारा इस तरह मैसेज आया, उनके परिजन परेशान हो गए और उन्होंने तुरंत पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधा। फिर बिहार पुलिस अधिकारियों की मदद से दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई तथा मदद करने की गुहार लगाई गई।
दिल्ली पुलिस मुकेश की तलाश में जनकपुरी पहुंची लेकिन वहां पर आत्महत्या की कोई भी जानकारी नहीं मिली। फिर दिल्ली पुलिस ने सभी को अलर्ट कर दिया। इतने में ही उन्हें सूचना मिली कि गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर एक व्यक्ति ने ट्रेन से कटकर जान दे दी है।
जैसे ही दिल्ली पुलिस उस व्यक्ति को देखने के लिए वहां पहुंची उनका दिमाग़ चकरा गया। वह कटी हुई लाश जिला अधिकारी मुकेश पांडेय की थी।
दिल्ली पुलिस ने मुकेश पांडेय द्वारा भेजे गए संदेश के आधार पर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी। अपने घर वाले को दिए संदेश में उन्होंने कहा था कि मैं अपना सुसाइड नोट दिल्ली के होटल लीला पैलेस के रूम नंबर 742 में छोड़ दूंगा। दिल्ली पुलिस संदेश के आधार पर लीला पैलेस पहुंची और कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया।
मामले की जानकारी देते हुए बिहार के डीजीपी पी के ठाकुर ने बताया कि अधिकारी के द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में मौत के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। सुसाइड नोट में 3 मोबाइल नंबर मिले हैं जिसमें लिखा गया है कि मेरी मौत के बाद इन नंबरों पर जानकारी दे दिया जाए। फिलहाल पुलिस मामले को सुसाइड मान कर जांच कर रही है।
2012 बैच के आईएएस ऑफिसर मुकेश पहली बार 4 अगस्त को बक्सर जिले के जिला अधिकारी बनाए गए थे । इससे पहले कटिहार के डीडीसी पद पर तैनात थे। बक्सर में बतौर जिला अधिकारी के पद पर ज्वाइन करने के बाद गुरुवार की सुबह अपने संबंधित अधिकारियों से रिश्तेदार की तबीयत खराब होने की बात बताते हुए दिल्ली चले गए।
ऐसा कहा जा रहा है कि दिल्ली में ही किसी बात को लेकर उनकी पत्नी और ससुर से कहासुनी हुई थी तथा उनके सुसाइड नोट में दर्ज नंबर सास और ससुर के हैं।
मुकेश पांडेय की शादी राजधानी पटना में 18 नवंबर 2013 को बड़े कारोबारी राकेश कुमार सिंह की बेटी से शाही अंदाज में मौर्या होटल में हुई थी हुई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि शादी के बाद दोनों के बीच परिवार को लेकर हमेशा किसी बात को लेकर विवाद होता रहा था।
शादी के बाद दोनों पति-पत्नी के बीच हमेशा परिवार को लेकर किसी न किसी पर विवाद बना रहता था। महज कुछ ही महीनों में इन दोनों के रिश्ते में खटास आ गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि लड़की का हाईफ़ाइ होना और लड़के का मध्यम वर्गीय संस्कार और सोच दोनों के बीच विवाद की मुख्य वजह हो सकती है। फिलहाल दोनों को शादी से अभी तीन महीने की बच्ची भी है।
हम आपको बता दें कि मुकेश कुमार पांडेय के ससुर राकेश कुमार सिंह पटना के जाने-माने कारोबारी हैं। पटना में उनकी मारुति की एक ऑटोमोबाइल एजेंसी है। करीबी कहते हैं कि मुकेश कुमार पांडेय का पारिवारिक जीवन सुखी नहीं था। इसका जिक्र उन्होंने सुसाइड नोट में भी किया है। शादी के बाद बहुत दिनों तक पत्नी साथ नहीं रही थीं। बेटी की परेशानी को कम करने के लिए पिता राकेश कुमार सिंह ने बेटी को अपने कारोबार में व्यस्त रखते थे।