जनजीवन ब्यूरो / पटना: बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले में गिरफ्तार जिला कल्याण विभाग के नाजिर महेश मंडल की मौत हो गई है. वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने आज यहां बताया कि घोटाले के आरोप में जिला कल्याण विभाग से निलंबित महेश मंडल को 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद अदालत ने 15 अगस्त को न्यायिक हिरासत में उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया था. हालांकि तबीयत खराब होने की दलील देने के बाद अदालत के आदेश पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंडल की मौत के बाद राज्य में राजनीति गरमा गई है. राजद नेता सृजन घोटाले को व्यापम घोटाले से भी ज्यादा खतरनाक बता रहे हैं. बिहार की राजधानी पटना में आज विधानसभा के बाहर सृजन घोटाले को लेकर लालू की पार्टी आरजेडी ने प्रदर्शन किया है. आरजेडी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांग रही है. आरजेडी का आरोप है कि इस घोटाले की जानकारी नीतीश कुमार को पहले से थी बावजूद इसके घोटाला होता रहा और नीतीश ने किसी पर कार्रवाई नहीं की.
गिरफ्तार नाजिर पहले से ही किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रस्त था और मुंबई के मशहूर हिंदुजा अस्पताल में लंबे समय से उसका इलाज चल रहा था. कुमार ने बताया कि अदालत के आदेश पर नाजिर महेश मंडल का दो दिनों तक इलाज किए जाने के बाद उसे जेल भेजा गया था. जेल भेजे जाने से पूर्व नाजिर की डायलेसिस भी की गयी था. जेल पहुंचने के बाद रविवार देर शाम अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद महेश मंडल को भागलपुर मैडीकल कॉलेज अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां इलाज के क्रम में देर रात उनकी मौत हो गई.
अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार के पूर्व उप मुख्मयंत्री तेजस्वी यादव ने बहुचर्चित सृजन महाघोटाले के आरोपी नाकारि महेश मंडल की मौत पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस घोटाले का दायरा मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम से भी व्यापक है. यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, सृजन घोटाले में गिरफ़्तार जनता दल यूनाईटेड नेता के पिता एवं आरोपी नाजिर महेश मंडल की देर रात जेल में विषम परिस्थितियों में मौत. व्यापम से भी व्यापक है सृजन.
लालू की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि ये घोटाला नहीं बल्कि महाघोटाला है. उन्होंने कहा कि नीतीश को सब पता था लेकिन उन्होंने किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की और घोटाला होता रहा.
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कल सृजन घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी पर तीखा हमला किया है. लालू ने कई गंभीर आरोप लगाते हुए दोनों नेताओं से कई तीखे सवाल पूछे हैं, जिनकी गूंज आज विधानसभा में भी सुनाई दे सकती है.
लालू यादव ने आरोप लगाया है, ‘’नीतीश कुमार ने घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश अपनी मर्जी से नहीं दिया है बल्कि ये जांच रिजर्व बैंक के सर्कुलर की वजह से हो रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘’नीतीश कुमार और उनके अफसरों को सृजन घोटाले की जानकारी 2013 से ही थी, लेकिन जानबूझकर इस पर पर्दा डाला गया.’’
लालू ने आगे कहा, ‘’इतना ही नहीं, नीतीश ने घोटाले की जांच का आदेश देने वाले डीएम का तबादला भी कर दिया.’’ लालू यादव ने नीतीश कुमार पर घोटाले में शामिल अफसर जयश्री ठाकुर को बचाने का आरोप भी लगाया.
लालू यादव के मुताबिक, साल 2010-11 में CAG ने भी अपनी रिपोर्ट में सरकारी खजाने में 11 से 12 हज़ार करोड़ रुपये की गड़बड़ी का जिक्र किया था. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
लालू ने कहा, ‘’सृजन घोटाले से जुड़े तमाम तथ्य सामने आने के बाद अब नीतीश कुमार और सुशील मोदी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.’’
दरअसल बिहार के भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड में सृजन नाम का एनजीओ है. जिसे साल 1996 में महिलाओं को काम देने के मकसद से शुरु किया गया था. ये एनजीओ मनोरमा देवी ने बनाया था. तीन अगस्त को 10 करोड़ के एक सरकारी चेक के बाउंस होने के बाद इस एनडीओ में घोटाला होने का मामला सामने आया था. छानबीन में पता चला चला कि जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक से सरकारी पैसा निकाल कर एनजीओ के खाते में डाला गया. मामला सामने आते ही पुलिस ने एसआईटी का गठन करके इस मामले से जुड़े लोगों के घर और सृजन एनजीओ के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले में अभी तक सात एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसके आधार पर 10 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है.
2009 से पैसे की हेराफेरी का मामला शुरू हुआ था. इसमें मनोरमा देवी का नाम सामने आ रहा है, जिनकी इसी साल फरवरी में मौत हो चुकी है. एनजीओ की मौजूदा सचिव मनोरमा की बहु प्रिया कुमार हैं जो फरार हैं. मामले के राजनैतिक कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं.
आरोप है कि सरकारी पैसे को निकाल कर उसे रियल इस्टेट में लगाया गया. साथ ही सरकारी पैसे को अवैध तरीके से निकाल कर लोगों को कर्ज पर दिया गया. सरकारी बैंक खाते से एनजीओ के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर की करोड़ों की राशि विभिन्न राज्यों और शहरों में भेजे जाने की बात सामने आ रही है. आरजेडी ने इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को लपेटने की तैयारी कर ली है.