जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। फर्जी डिग्री मामले में आम आदमी पार्टी के दो विधायकों के नाम आने के बाद गुरुवार को आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने दावा किया है कि पार्टी के करीब बारह विधायकों की डिग्रियां फर्जी हैं। उन्होंने इन सभी की जांच करवाने की मांग की है।
उन्होंने करोल बाग से पार्टी के विधायक विशेष रवि के उन हलफनामों का जिक्र किया है जिसमें उन्होंने अलग-अलग वर्षों में पहले बीकॉम और फिर बीए करने का जिक्र किया है । यह हलफनामे 2013 और 2015 में चुनाव आयोग को सौंपे गए हैं।
गर्ग का कहना है कि रवि ने 2008 में बीकॉम किया और 2015 में वह बीए कर रहे है, जबकि वह 12वीं पास भी नहीं हैं । उनके दावों के मुताबिक करोल बाग़ से पार्टी विधायक ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में वर्ष 2003 में ओपन स्कूल से 10 वीं 2005 में यूपी बोर्ड से 12 वीं की और 2008 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से बीकॉम पास किया बताया है । लेकिन 2015 में दिए हलफनामे के मुताबिक वह IGNOU दिल्ली से बीए कर रहे हैं ।
पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के बाद दिल्ली कैंट से आप के विधायक कमांडो सुरेंद्र सिंह की डिग्री पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा नेता करण सिंह तवंर ने एलजी, पुलिस कमिश्नर और साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी को कंप्लेंट देकर सुरेंद्र सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 181 के तहत केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। हालांकि तंवर ने 1 जून को यह कंप्लेंट दी थी । उन्होंने सुरेंद्र सिंह पर फर्जी डिग्री के अलावा कुछ अन्य आरोप भी लगाए थे।
तंवर का दावा है कि सुरेंद्र सिंह ने 2013 और उसके बाद 2015 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी झूठा हलफनामा देकर बताया था कि उन्होंने 2012 में सिक्किम यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की है, जबकि इसी साल मार्च में सिक्किम यूनिवर्सिटी ने एक आरटीआई के जवाब में स्पष्ट रूप से यह बताया है कि उनके रिकॉर्ड में हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले सुरेंद्र सिंह नाम के किसी छात्र के बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री के किसी भी डिपार्टमेंट में रजिस्ट्रेशन करवाने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।
तंवर का आरोप है कि सुरेंद्र सिंह ने सिक्किम यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्री लेकर चुनाव लड़ा है, इसलिए न केवल उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए, बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी चलाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि खुद को कमांडो बताने वाले सुरेंद्र सिंह असल में कमांडो नहीं, बल्कि लांस नायक थे, लेकिन खुद को कमांडो बताकर उन्होंने और उनकी पार्टी के नेताओं ने जनता की आंखों में धूल झोंकी है।