अमलेंदु भूषण खां / बागपत । ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का नजारा ऐसा है कि आप देखकर दंग रह जाएंगे । अगर आप पहली बार इस वे से यात्रा करेंगे तो आप अपनी गाड़ी की गति तेज नहीं स्लो ही रखेंगे क्योंकि 135 किमी लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे बने नजारे को देखने के लिए गाड़ी का गति स्लो ही रखनी पड़ेगी। का उद्घाटन किया। जानिए क्या क्या है खासियत
लंबाई 135 किमी
बड़े पुल 4
छोटे पुल 46
रेल ब्रिज 8
इंटरचेंज 7
फ्लाईओवर 3
पैदल अंडर पास 151
वाहन अंडर पास 70
भूमिगत पुलिया 114
मुख्य टोल प्लाजा 2
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर एनएचएआई ने लाइटिंग शो किया। एक्सप्रेस-वे जगमगा उठा। दूधिया रोशनी में फव्वारे आकर्षण का केंद्र बन गए। जगमगाहट देखने के लिए युवाओं की भीड़ उमड़ी। एक्सप्रेस-वे पर सेल्फी और फेसबुक पर लाइव करने की होड़ मची रही। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर लाइटिंग शो रखा है। कुंडली से लेकर पलवल तक एक साथ पहली बार एक्सप्रेस-वे पर सौर ऊर्जा से संचालित लाइटें जली तो एक्सप्रेस-वे जगमगा उठा। एक्सप्रेस-वे पर 40 फव्वारे लगाए हैं। सात इंटरचेंज के अलावा मेजर ब्रिज और टोल प्लाजा पर यह फव्वारे लगाए हैं। सौर ऊर्जा से प्रकाश की व्यवस्था की है।
दिल्ली पर वाहनों का बोझ कम करने के लिए बनाए गए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे एक्सिस कंट्रोल रहेगा। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जाने के लिए अब लोगों को दिल्ली में एंट्री करने की जरूरत नहीं रहेगी। वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के साथ मिलकर यह दिल्ली के चारों तरफ रिंग रोड बन जाएगा। दिल्ली में प्रदूषण के अलावा आसपास के राज्यों के वाहनों का बोझ कम होगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का बागपत में 20.125 किमी का टुकड़ा है। काठा, मवी कलां, खेकड़ा, रावण उर्फ बड़ा गांव, नंगला बहेड़ी, लहचौड़ा, गौना, सिंगौली तगा, शरफाबाद, आलम गिरपुर उर्फ टुकाली एवं फुलैरा गांव से होकर एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। मवी कलां में इंटरचेंज बनाया है, इससे बागपत ही नहीं शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और गाजियाबाद के लोगों को भी बड़ा लाभ होगा। गढ़-सोनीपत हाइवे पर वाहनों का बोझ एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने के बाद कम होगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर सफर करने वालों के लिए खास सुविधाओं का इंतजाम रहेगा। 135 किमी के टुकड़े में आठ जगह हाइवे नेस्ट होंगे, इनमें जलपान और खानपान की सुविधाएं मिलेगी। सोलर पावर और ड्रिप सिंचाई की वाला देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा। ओवरलोड वाहन एक्सप्रेस-वे नहीं चल सकेंगे, ऐसे वाहनों को एग्जिग गेट से बाहर कर दिया जाएगा। आठ सोलर पावर प्लांट लगाए हैं। एक्सप्रेस-वे की बगल में पेट्रोल पंप, मोटल्स, रेस्ट एरिया, वॉश रूम, रेस्टोरेंट, दुकानें और रिपेयर सर्विस रहेगी।
– दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर मवी कलां में
– दिल्ली-मेरठ हाइवे पर दुहाई में
– दिल्ली-हापुड़ मार्ग पर डासना में
– गाजियाबाद-अलीगढ़ मार्ग पर बील अकबरपुर में
– कसाना- बुलंदशहर मार्ग पर सिरसा गांव के निकट
– अटाली-चेनसा मार्ग पर मौजपुर में
– दिल्ली-आगरा मार्ग पर पलवल में
एक्सप्रेस-वे पर सोनीपत के सेवली गांव में 170 फुट ऊंचा टोल प्लाजा बनाया है। इसमें डिजीटल आर्ट गैलरी होगी, जो एक्सप्रेस-वे की तस्वीरें और जरूरी सूचनाएं दिखाएंगी। देश में यह अपनी तरह का पहला टोल प्लाजा है।
ग्रीन एक्सप्रेस-वे पर 2,60,296 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। इनमें 187510 बड़े और 72,786 मध्यम साइज के पेड़ होंगे।
एक्सप्रेस-वे पर वीएमएस, सीसीटीवी, वीआईडीएस, वार्निंग डिवाइस, ओवर स्पीड चेकिंग सिस्टम, वेट इन मोशन के अलावा फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क की सुविधा होगी। कंट्रोल रूम में सूचना उपलब्ध होंगी।
एक्सप्रेस-वे पर देश के 32 स्मारकों की प्रतिकृति हैं। अशोक स्तंभ, कोणार्क मंदिर, जलियावाला बाग, अशोक चक्र, गेटवे ऑफ इडिया, कुतुबमीनार, चार मीनार, लाल किला, कीर्ति स्तंभ, इंडिया गेट, हवा महल और गुजरात कार्विंग की प्रतिकृति स्थापित की है।