जननजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । खेलों के दौरान घायल होने वाले खिलाड़ियों के बेहतर उपचार के लिए स्पोटर्स इंजुरी सेंटर में अलग ओ.पी.डी. सुविधा जल्द शुरू की जाएगी जो 24 घंटे काम करेगा । अत्याधुनिक सुविधाओं व बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के कारण ही सफदरजंग अस्पताल के स्पोटर्स इंजुरी सेंटर को ओलंपिक एथलीटों के लिए नया रेफरल सेंटर बनाया गया है । 27 व 28 जून को आयोजित होने वाले दो दिवसयीय दिल्ली अॉथ्रोस्कोपी कोर्स की घोषणा करते हुए सेंटर के निदेशक दीपक चौधरी ने कहा कि इस दौरान 25 लाइव सर्जरी भी दिखाई जाएगी।
क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके बिशन सिंह बेदी, एथलिट अंजुम चोपड़ा जैसे खिलाड़ी अपनी नियमित जांच के लिए इस केंद्र में नियमित रूप से आते हैं। बकौल इंजुरी सेंटर के निदेशक डॉ. दीपक चौधरी, खेल मंत्रालय ने इस सेंटर को रियो ओलंपिक 2016 के लिए रैफरल सेंटर बनाया है। आगामी ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों को ट्रेनिंग तथा प्रैक्टिस सेशन में किसी भी प्रकार की चोट आदि लगने की स्थिति में उनके इलाज स्पोटर्स इंजुरी सेंटर में होगा। इसके लिए “नवीनतम आधुनिक उपकरणों तथा माहिर विशेषज्ञों को 24 घंटे तैनात किया जाएगा ।
स्पोटर्स इंजुरी सेन्टर को हाल में सम्पन्न इंडियन प्रीमियर लीग तथा बैडमिंटन लीग में भी रेफलर सेन्टर नियुक्त किया गया था। भारतीय खेल प्राधिकरण ने स्पोटर्स इंजुरी सेंटर को देश में आयोजित की जाने वाली सभी राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय खेल स्पर्धओं के लिए रैफरल सेटर के तौर मान्यता दी है। ”
उनके अनुसार विभिन्न खेलों में घायल खिलाड़ियों के बेहतर उपचार के लिए स्पोटर्स इंजुरी सेंटर में अलग ओ.पी.डी. सुविधा शुरू की जाएगी। इसमें खिलाड़ियों का ही देखभाल एवं उपचार किया जाएगा।
बकौल चौधरी, “इस ओपीडी की समय सारणी विभिन्न खेल संगठनों तथा दिल्ली के स्कूलों तथा कॉलेजों के प्रबंधन के साथ विचार विमर्श के बाद तय की जाएगी, ताकि इससे खिलाड़ियों को अत्यधिक सुविधा तथा सहुलियत प्रदान की जा सके। इससे दिल्ली तथा एन.सी.आर. के खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “खिलाड़ियों के लिए समर्पित अलग ओ.पी.डी. खुल जाने से दिल्ली में विभिन्न राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय खेलों के दौरान भाग लेने वाले खिलाड़ियों को विभिन्न सुरक्षात्मक तरीकों आदि के बारे में जागरूक करने में मदद मिलेगी तथा स्कूली खिलाड़ियों को एक छत के नीचे प्रभावी उपचार की विशेषज्ञ सुविधा उपलब्ध होगी।”
सेंटर के डॉ. दीपक जोशी ने बताया कि सेंटर में आने वाले 90 फीसदी मामले घुटने और कंधे से जुड़े होते हैं । अन्य मामले टखने और कोहनी से जुड़े होते हैं। ये तमाम खिलाड़ी पश्चमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के होते हैं। ये समस्याएं खिलाड़ियों में होना सामान्य बात है।