जनजीवन ब्यूरो / डुमरी : तीन दिनों से भूखी एक वृद्धा की शनिवार की सुबह मौत हो गयी. मौत के पीछे आर्थिक तंगी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है. मामला डुमरी प्रखंड की चैनपुर पंचायत अंतर्गत मंगरगढ़ी गांव का है. मृत महिला मंगरगढ़ी निवासी स्व द्वारिका महतो की पत्नी सावित्री देवी (62) है. महिला की भूख से मौत होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है .
कथित तौर पर भूख से मौत की खबर आने के बाद इलाके में हलचल मच गयी. पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा विधायक व प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी भी पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. मृतका की बड़ी बहू पूर्णिमा देवी ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है.
गिरिडीह जिले के मधुबन थाना क्षेत्र के मगरगढ़ी गांव की रहने वाली सावित्री देवी की मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक, सावित्री की मौत भूख के कारण हुई है. उनका कहना है कि सावित्री देवी को तीन दिनों तक खाना नहीं मिला, जिस वजह से मौत हो गई.
सावित्री के परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक लापरवाही की वजह से सावित्री का राशन कार्ड नहीं बन पाया. सावित्री इस संबंध में सभी जरूरी कागजात दो महीने पहले ही विभाग को सौंप चुकी थी. 65 वर्षीय सावित्री देवी के दो बेटे हैं जो काम के सिलसिले में बाहर रहते हैं. उनकी कमाई इतनी नहीं है कि वे घर पर पैसा भेज सकें. सावित्री देवी को वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिलता था.
शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ
इन सबके बीच सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि शव का पोस्टमार्टम तक नहीं कराया गया. हालांकि सावित्री देवी की मौत की जानकारी स्थानीय प्रशासन को मिल चुकी थी. उसने अपने दो अधिकरियों को इसकी जांच के लिए घटनास्थल पर भेजा भी था, लेकिन मौके पर पहुंचे बीडीओ ने कहा कि यह सामान्य मौत है. इसलिए शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा.
जब लोगों के विरोध किया तो प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने इसे भूख और आर्थिक तंगी से हुई मौत करार दिया. साथ ही उन्होंने स्थानीय राशन डीलर पर ठीकरा फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि, सभी डीलरों से कहा गया है कि विशेष परिस्थिति में वे बिना कार्ड के जरुरतमंद को राशन दे सकते हैं.
जांच की आड़ में लीपापोती की तैयारी
इस मामले में राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री सरयू राय का कहना है कि मामले की जांच ADM रैंक के अधिकारी करेंगे. साथ ही मौके पर गए दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उनसे पूछा गया है कि संदेहास्पद मौत की सुचना के बाद भी उन्होंने शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया. मंत्री जी का मानना है कि अगर पोस्टमार्टम हो गया होता तो सारी चीजें साफ हो गयी होतीं
बीते छह माह से वह किसी तरह इधर-उधर से मांग कर परिवार के सदस्यों का पेट भरती थी. लेकिन बीते कुछ दिनों से घर में कहीं से अनाज नहीं मिल सका. पंचायत के मुखिया राम प्रसाद महतो का कहना है कि 15 जुलाई 2014 को मृतका के नाम विधवा पेंशन की स्वीकृति मिली थी, लेकिन अभी तक उसे विधवा पेंशन नहीं मिल सकी. वहीं 2011 के आर्थिक जनगणना के सेक डाटा में मृतका का नाम नहीं था. इस कारण न तो राशन कार्ड मिला और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ.
प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शीतल प्रसाद काशी ने कहा कि जांच में पाया गया कि मृतका के परिजनों की माली हालत खराब है. पंचायत सेवक व डीलर की लापरवाही के कारण ही महिला का राशन कार्ड नहीं बन सका है. डुमरी विधायक जगरनाथ महतो भी गांव पहुंचे. विधायक ने कहा कि मामले को वह 15 जून से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में प्रमुखता से उठायेंगे.