जनजीवन ब्यूरो
पटना। राजद से निष्काषित सांसद और जनाधिकार पार्टी के संस्थापक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद द्बारा उन्हें ‘मीरजाफर और जयचंद’ कहकर पुकारने पर उन्हें ‘दुर्योधन और कंस’ बताते हुए कहा कि वह भगवान कृष्ण के शिष्य के रूप में उनके खिलाफ संघर्ष करेंगे।
संवाददाताओं से पप्पू ने उन्हें लालू द्बारा ‘मीरजाफर और जयचंद’ कहकर पुकारे जाने पर पलटवार करते हुए लालू पर अपनी जाति और अल्पसंख्यक समुदाय के लिए ‘दुर्योधन और कंस’ का प्रतीक होने का आरोप लगाया और कहा कि वह भगवान कृष्ण के शिष्य के रूप में उनके खिलाफ संघर्ष करेंगे। लालू ने अपनी पार्टी से निष्कासित पप्पू यादव तथा हाल में राजग में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को ‘मीरजाफर एवं जयचंद’ बताते हुए उन पर सामाजिक न्याय का लबादा ओढ़ने का ढोंग करने तथा राजग के फासीवादी तत्वों का जमावड़ा होने का आरोप लगाते हुए इन लोगों पर उसके आगे पूंछ हिलाने का आरोप लगाया था।
मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से सांसद पप्पू ने लालू के आरोपों को सही करते हुए कहा कि उन्होंने राजद छोड़ा नहीं बल्कि उन्हें पार्टी से निकाल बाहर कर दिया गया। ऐसे में वह ‘मीर कासिम’ हो सकते हैं ‘मीर जाफर’ नहीं।
पप्पू ने लालू पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने परिवार और पुत्र को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए उनके अलावा पूर्व में रामकृपाल यादव, रंजन यादव, नवल किशोर यादव और अवध बिहारी चौधरी सहित यादव समुदाय से आने वाले अन्य नेताओं को भी पार्टी से बाहर निकाला।
लालू को ‘राजनीतिक जाहिल’ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘राजनीतिक दूरदर्शी’ बताते हुए पप्पू ने उनके साथ आने पर आश्चर्य व्यक्त किया और नीतीश के खिलाफ रालोसपा सांसद अरूण कुमार की अभद्र टिप्पणी को गलत बताया। नीतीश और लालू के खिलाफ बयानबाजी करने तथा भाजपा को लेकर उनकी चुप्पी के बारे में पूछे जाने पर पप्पू ने इससे इंकार करते हुए कहा कि आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश और लालू को पराजित करने के लिए वह तीसरे मोर्चे के गठन के लिए प्रयासरत हैं।