जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली/ जयपुर। धौलपुर महल विवाद आज और गहराया जब कांग्रेस ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बर्खास्त किए जाने की अपनी मांग पर जोर देते हुए कहा कि उनके परिवार और पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के बीच ”आपराधिक सांठगांठ’’ है । इस आरोप को भाजपा ने बेबुनियाद करार दिया। दावों और प्रतिदावों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ”ललित मोदी और वसुंधरा राजे परिवार के बीच आपराधिक सांठगांठ रहा है ।’’ रमेश ने घोषणा की कि इस मामले में कांग्रेस अपने खुलासे तब तक बंद नहीं करेगी जब तक कि भाजपा द्बारा ललित मोदी प्रकरण में राजे को बर्खास्त कर मामले को बंद नहीं कर दिया जाता ।
उन्होंने कुछ और दस्तावेज जारी किए जिनमें 1949 का वह एक दस्तावेज भी है जिससे पता चलता है कि धौलपुर पैलेस राजस्थान सरकार के स्वामित्व में है। कांग्रेस नेता ने आज लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर ललित मोगी के साथ एक निजी कंपनी के जरिए धौलपुर महल पर ”जबरन अवैध कब्जे’’ का आरोप लगाया । उधर जयपुर में, राजस्थान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अशोक परनामी ने कांग्रेस के आरोप को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि 22 नवम्बर 1958 का अदालत का एक दस्तावेज स्पष्ट रूप से साबित करता है कि धौलपुर पैलेस राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को सौंप दिया गया है। संवाददाता सम्मेलन में मीडिया और भाजपा नेताओं के बीच तीखी तकरार भी हुई।
कांग्रेस नेता ने आज लगातार दूसरे दिन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर ललित मोदी के साथ एक निजी कंपनी के जरिये धौलपुर महल पर ‘‘जबरन अवैध कब्जे’’ का आरोप लगाया। रमेश ने यह भी कहा कि पार्टी विदेश मंत्री सुषमा स्वराजके मामले को भी नहीं भूली है जिन्होंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेजों के साथ मदद की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राजे के अलग रह रहे पति हेमंत सिंह और पुत्र दुष्यंत सिंह के बीच सिर्फ चल संपत्ति को लेकर समझौता था। उन्होंने दावा किया कि उनके द्वारा अनेक दस्तावेज पेश किये जाने के बावजूद भाजपा कमजोर तर्कों के साथ दुष्यंत सिंह के साथ संपत्ति के स्वामित्व को उचित बताने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम विदेश मंत्री के बारे में नहीं भूले हैं।”
जयराम रमेश ने कहा कि दुष्यंत सिंह बनाम हेमंत सिंह मामले में भरतपुर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा 2007 में समझौता लाया गया था। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि महल और उसके आसपास की भूमि राजस्थान सरकार की होने के बावजूद दुष्यंत सिंह ने 500 मीटर के भूमि के एक टुकड़े के लिए एनएचएआई से तकरीबन दो करोड़ रूपये का मुआवजा हासिल किया और यह सब उनके और भूमि अधिग्रहण अधिकारी के बीच सांठगांठ के चलते हुआ।
गौरतलब है कि कांग्रेस ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग कर रही है। इसके अलावा पार्टी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारी देने के आरोप को लेकर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करते हुए बिना निविदा आमंत्रित किये 206 करोड़ रूपये की खरीददारी की कथित मंजूरी देने के आरोप को लेकर महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।
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