जनजीवन ब्यूरो / चंडीगढ़ । कनीना थाना क्षेत्र में छात्रा से हुए गैंगरेप मामले में पुलिस की टीमें आरोपियों के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है, लेकिन 24 घंटे बाद भी पुलिस आरोपियों को अरेस्ट नहीं कर सकी है। दूसरी ओर पीड़िता को रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पीड़िता के घर पुलिस तैनात कर दी है। मामले में महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी पुलिस जांच कर रही है।
दूसरी ओर, एडीजीपी श्री कांत जाधव ने एक एसआईटी टीम गठित कर दी है। इस टीम में नाजनीन, पुलिस अधीक्षक नूंह, डीएसपी अनिल कुमार कोसली, डीएसपी सतेंद्र महेंद्रगढ़, महिला इंस्पेक्टर सरोज बाला, इंस्पेक्टर अनिल एसएचओ नूंह, सोहन लाल डीआई नूंहह व एसआई उषा रानी रेवाड़ी शामिल है।
एसपी विनोद कुमार ने बताया कि रेवाड़ी से जीरो एफआईआर मिलने पर कनीना थाना पुलिस ने गुरूवार की शाम केस दर्ज कर लिया था। रात को ही पुलिस की टीमों ने आरोपियों के घर पर दबिश दी थी, लेकिन आरोपी फरार मिले। तीनों के परिजनों से पूछताछ की गई है। उसके बाद अन्य जगहों पर भी पुलिस छापेमारी कर रही है। एसपी ने बताया कि तीनों आरोपियों के मोबाइल नंबर की डिटेल की जांच की जा रही है। पीड़ित परिजनों से भी छात्रा का मोबाइल नंबर मांगा गया है, ताकि मामले की गहनता से जांच की जा सके।
एससी ने बताया कि इस मामले में पुलिस की चार टीमें महेंद्रगढ़ से और दो टीम रेवाड़ी जिले की जांच कर रही हैं। साइबर सेल की भी मदद ली जा रही है। एसपी ने बताया कि छात्रा की तबीयत खराब होने के कारण परिजन उसे बेहतर उपचार के लिए रेवाड़ी अस्पताल में लेकर गए हैं। ऐसे में पीड़िता का 164 के तहत बयान दर्ज नहीं हो सका है। केस दर्ज होने की देरी पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराई जाएगी। यदि किसी पुलिसकर्मी की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस तीनों आरोपियों के कॉल डिलेट की जांच कर रही है। जिससे की पूरी वारदात की कड़ियों को जोड़ा जा सके। पुलिस को शक है कि आरोपियों ने व्हाट्सएप से कॉल किया होगा। ऐसे में पुलिस को पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है। इसके लिए साइबर सेल की मदद ली जा रही है। इसके अलावा तीनों की सोशल मीडिया से जानकारी जुटाई जा रही है।
छात्रा रेवाड़ी अस्पताल में भर्ती
महिला जांच अधिकारी और लीगल सलाहकार ने शुक्रवार को पीड़िता के बयान कलमबद्ध किए। इसके बाद लड़की की गंभीर हालात को देखते हुए पुलिस सुरक्षा के साथ रेवाड़ी सामान्य अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया। जहां पर उसे प्राथमिक उपचार दिया गया। डॉक्टरों के अनुसार पीड़िता के स्वास्थ्य में सुधार है।
जिसे ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ाया, उसी ने किया विश्वासघात
छात्रा के पिता ने पुलिस के समक्ष बताया कि पंकज को कबड्डी की कोचिंग दी थी। जिसकी बदौलत दो साल पहले झारखंड से भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। इसके अलावा मनीष उसी स्कूल में पढ़़ा है, जहां वे कबड्डी की कोचिंग देते हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने उनके साथ विश्वासघात किया है। पंकज को आगे लाने में काफी मेहनत की लेकिन धोखा दिया।
दूसरी ओर पीड़िता की मां ने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई है। पीड़िता के पिता एक निजी स्कूल में पीटीआई के पद पर कार्यरत हैं। आरोप है कि आरोपी युवक व उसके परिजन पुलिस कार्रवाई करने पर उन्हें जान से हाथ धोने की धमकी दे रहे हैं। इसके बाद पीड़ित पक्ष को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवाई है। दूसरी ओर कोचिंग सेंटर संचालक संदीप ने बताया कि छात्रा ने हाल ही में दाखिला लिया था। वह 3-4 दिन ही सेंटर पर आई होगी। छात्रा प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग ले रही थी।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी पंकज, मनीष और निशु के खिलाफ गुरूवार की शाम गैंगरेप समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। परिजनों को शक है कि मामले में अन्य आरोपी भी शामिल हैं। एसपी विनोद कुमार ने कहा कि अभी पीड़िता के बयान दर्ज नहीं हुए हैं। परिजनों ने गांव के कुछ लोगों पर और शक जताया है। ऐसे में परिजनों व लड़की के बयान के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ये है मामला
कोसली क्षेत्र के एक गांव निवासी छात्रा को गुरूवार को तीन लड़कों ने अगवा करके गैंगरेप किया था। पीड़िता को राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था। लड़की नेशनल कबड्डी की भी खिलाड़ी है। फिलहाल छात्रा बीएससी प्रथम वर्ष की पढ़ाई और कनीना के एक सेंटर में कोचिंग ले रही है।
12 सितंबर को पिता के साथ कनीना आई थी। बस स्टैंड से गुजर रही थी तो गांव के पंकज व मनीष मिले। आरोप है कि पंकज ने लड़की को पानी पिलाया। इससे वह बेहोश हो गई। इसके बाद दोनो उसे एक सुनसान जगह पर ले गए, जहां निशु नामक युवक पहले मौजूद था। तीनों ने उसके साथ रेप किया। गैंगरेप के बाद उसे गंभीर हालत में बस स्टैंड पर छोड़ दिया।