जनजीवन ब्यूरो / गुवाहाटी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम के डिब्रूगढ़ में भारत के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का उद्धाटन किया। पीएम मोदी ने कहा अटल जी आज जहां भी होंगे, बोगीबील ब्रिज शुरू होने पर आप लोगों को चेहरे की ये खुशी देखकर बहुत प्रफुल्लित हो रहे होंगे। 2014 में सरकार बनने के बाद हमने इस प्रॉजेक्ट की राह में आ रही सभी बाधाओं को दूर किया और करीब 6000 करोड़ की लागत से बने इस ब्रिज को देश को समर्पित किया।
डिब्रूगढ़ नॉर्थ ईस्ट का एक बहुत बड़ा सेंटर है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य की जरूरतों के लिए लाखों लोगों की जरूरत है डिब्रूगढ़। यह ब्रिज सिर्फ एक ब्रिज नहीं है बल्कि असम और अरुणाचल के लोगों के लिए लाइफ लाइन है। इस ब्रिज की वजह से ईंटानगर और डिब्रूगढ़ के बीच की दूरी 200 किमी से भी कम रह गई है।
सुशासन के लिए विख्यात हम सबके श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का आज जन्मदिवस है। उनके जन्मदिवस को हम सुशासन के तौर पर मनाते हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने खुली जीप में सवार होकर पुल का दीदार भी किया। ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बनी 4.94 किलोमीटर लंबी और रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण यह परियोजना न केवल आम लोगों के लिए बल्कि देश की सुरक्षा के लिए बल्कि अग्रिम मोर्चे पर सैन्य साजो सामान भेजने में अहम भूमिका निभाएगी। इस पुल पर आपात स्थिति में लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे।
यह बोगीबील पुल, असम समझौते का हिस्सा रहा है और 1997-98 में इसकी सिफारिश की गई थी। आपको बता दें कि यह पुल अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर रक्षा सेवाओं के लिए भी संकट के समय में खास भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने 22 जनवरी, 1997 को इस पुल की आधारशिला रखी थी लेकिन इस पर काम 21 अप्रैल, 2002 को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय में शुरू हो सका। पुल का शुभारंभ आज 25 दिसंबर को वाजपेयी की वर्षगांठ पर किया गया है।
परियोजना में अत्यधिक देरी के कारण इसकी लागत में 85 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई। शुरुआत में इसकी लागत 3230.02 करोड़ रुपये थी, जो बढ़कर 5,960 करोड़ रुपये हो गई। इस बीच पुल की लंबाई भी पहले की निर्धारित 4.31 किलोमीटर से बढ़ाकर 4.94 किलोमीटर कर दी गई। परियोजना के रणनीतिक महत्व को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस पुल के निर्माण को 2007 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था। इस कदम के बाद से धन की उपलब्धता बढ़ गई और काम की गति में तेजी आ गई।