जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा की शुरूआत आज हंगामेदार रही और ललित मोदी मामले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश की वहीं सरकार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा के लिए तैयार है। हंगामे के कारण सदन की बैठक बार बार बाधित हुयी। हंगामे के कारण आज पहले दिन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सका। राज्यसभा में आज सुबह कांग्रेस सदस्यों ने ललित मोदी से जुड़ा मुद्दा उठाया। कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा ने कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया है।
बाद में संवाददाताओं से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि विपक्ष संसद नहीं चलने देना चाहता है। केंद्र सरकार सभी मामलों पर चर्चा के लिए तैयार है।
संसद में मॉनसून सत्र के शुरू होने से पहले ललितगेट के मामले में घिरीं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद भवन में करीब 10.56 मिनट प्रवेश और सीधे कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास गईं। सुषमा ने हाथ जोड़कर नमस्कार किया और फिर बाजू में बैठे समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मिलीं। मुलायम सिंह ने हाथ पकड़कर सुषमा स्वराज से कुछ देर तक हंसते हुए बातें कीं। लगा कि उन्होंने आश्वासन दिया कि सपा उनके साथ है और उनके इस्तीफे पर जोर नहीं देगी।
इस मुलाकात में यह माना जा रहा था कि सुषमा ने सोनिया गांधी से मिलकर कुछ सुलह की कोशिश की, लेकिन सोनिया गांधी के तेवर देखकर लगा कि वह नरमी के पक्ष में नहीं हैं। और हुआ भी यही। राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस तथा विपक्ष के कई नेताओं ने ललितगेट के मामले में विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ नारे लगाए और इस्तीफा मांगा। वहीं, लोकसभा में आज कार्यवाही दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
साथ ही सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बयान देने की भी मांग भी कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने की। बीजेपी सांसद और मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज इस मामले में बयान दे सकती हैं।
जानकारी देने योग्य बात यह भी रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में प्रवेश करने के बाद सोनिया गांधी के पास गए और उन्हें नमस्ते कर अपने स्थान पर चले गए।