जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली/अहमदाबाद/मेरठ । गुजरात में पटेल आंदोलन का चेहरा बन गये हार्दिक पटेल ने 50 फीसदी आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय और सरकार कहते हैं कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता, लेकिन किस संविधान में लिखा है कि किसी आतंकवादी के लिए कोई अदालत तड़के 3:30 बजे तक खुली रह सकती है।
पटेल ने कहा कि आज कहा कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में पटेलों को आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन का विस्तार दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा और इसमें कुर्मियों तथा गुर्जरों जैसी जातियों को शामिल किया जाएगा। हार्दिक की इस घोषणा के चंद मिनट बाद ही जाट नेताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर हिसार में रैली आयोजित करने की घोषणा की है।
22 वर्षीय हार्दिक ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘गुजरात में जो हुआ, उसे हम राष्ट्रीय स्तर पर ले जाना चाहते हैं और करीब 12 राज्यों के लोग हमारे संपर्क में हैं।’ हार्दिक ने दिल्ली में कुर्मी, कोयरी और गुर्जर समुदायों के कुछ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि आरक्षण आंदोलन मैराथन आंदोलन है और 100 मीटर की दौड़ नहीं है जो 1-2 साल तक चलेगा।
हार्दिक ने पटेल समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण देने की मांग को लेकर अहमदाबाद में 25 अगस्त को बड़ी रैली आयोजित की थी। रैली के दौरान हार्दिक को हिरासत में ले लिया गया जिसके बाद राज्य में कई जगह पर हिंसा फैल गयी जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल समेत 10 लोगों की मौत हो गयी।
उन्होंने आज यहां प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं विभिन्न राज्यों में हमारे समुदाय के 27 करोड़ लोगों को एक साथ लाना चाहता हूं। मैं अपने आंदोलन को पूरे देश में ले जाना चाहता हूं। जहां भी पटेल समुदाय को मेरी जरूरत हुई, मैं जाऊंगा।’ उन्होंने कहा, ‘अगर इस समय हमें समुदाय के बाहुबल की जरूरत हुई तो हमें मदद मिलेगी और जब भी जरूरत पड़ेगी वे राजमार्गों को रोक देंगे।’
हार्दिक ने कहा, हम लखनउ में, नई दिल्ली में जंतर मंतर पर बड़ी रैली आयोजित करना चाहते हैं। हम भारत के पटेलों का आह्वान करेंगे।
उन्होंने कहा कि गुजरात मॉडल की बहुत बात होती है लेकिन राज्य में ऐसी कोई भी बात नहीं है। राज्य में 8900 किसान खुदकुशी कर चुके हैं जो सभी पटेल थे।
उन्होंने कहा, 182 जातियों को आरक्षण दिया गया जिनमें से गुजरात में केवल 4-5 जातियां हैं। 1984 में पटेल समुदाय ने (मंडल आयोग के समक्ष) आरक्षण का विरोध किया था।
हार्दिक ने कहा, आज व्यवस्था कमजोर हो गयी है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। किसान खुदकुशी कर रहे हैं और एमबीए की डिग्री रखने वाले सेल्समैन बन रहे हैं।
बाद में हार्दिक को राजधानी में एक समारोह में सम्मानित किया गया, जहां उन्होंने कहा कि उनके समुदाय के केवल 465 लोगों को गुजरात में पिछले दस साल में प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में स्थान मिला है।
उधर, मेरठ में आरक्षण की मांग कर रहे जाट नेताओं ने 13 सितम्बर को हरियाणा में हिसार जिले के मन्यड़ में विशाल रैली आयोजित करने की आज घोषणा की।
केन्द्रीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने आज यहां आयोजित संघर्ष समिति के सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री के आश्वासन के बावजूद जाटों को केन्द्रीय सेवाओं में आरक्षण बहाल नही हुआ है। ऐसे में लाखों नौजवानों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि अब यही युवा आरक्षण की लड़ाई लड़ेंगे। मलिक ने कहा कि हिसार में आयोजित 13 सितम्बर की रैली में बड़े आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। आंदोलन के तहत दिल्ली का पानी बंद करने, ट्रेन एवं सड़क संपर्क बाधित करने, संसद एवं केन्द्रीय नेताओं के घरों का घेराव आदि कदम शामिल हैं।
इस मौके पर जाट नेताओं ने कहा कि गुजरात का पटेल आंदोलन जाट आरक्षण की लड़ाई में एक बेहतर मॉडल हो सकता है।