जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । गृह मंत्रालय से एलसी गोयल की अचानक विदाई और राजीव महर्षि की तैनाती गृह मंत्री राजनाथ सिंह और वित्तमंत्री अरुण जेटली के बीच वर्चस्व की जंग का नतीजा है। जेटली के कारण केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच दूरियां बढ़ती ही जा रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में राजनाथ सिंह की हैसियत कहने के लिए तो नम्बर दो की है लेकिन रुतबा नहीं है । परेशानी की बात यह है कि राजनाथ इस बात को खुले तौर पर तो क्या प्रधानमंत्री से निजी रूप से भी नहीं कह पा रहे हैं।
मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री ने मीडिया के लोगों से अनौपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। नरेन्द्र मोदी मीडिया से पांच दौर की बात हुई, लेकिन जिस जगह यह बात हुई है उसको लेकर राजनाथ को जबरदस्त ऐतराज है। ये पांचों मुलाकातें वित्त मंत्री अरुण जेटली के सरकारी आवास पर हुई । राजनाथ सिंह के करीबियों का कहना है कि कायदे से यह मुलाकात या तो रेसकोर्स रोड पर हो या उनके सरकारी आवास पर होनी चाहिए थी।
राजनाथ और जेटली के रिश्ते हमेशा नरम गरम रहे हैं। दोनों के बीच 36 के आंकड़े रहे हैं। लोकसभा चुनाव के समय दोनों ही नेता नरेन्द्र मोदी के साथ थे इसलिए एक अघोषित समझौता था। सरकार बनने के बाद अब मतभेद बढ़ रहे हैं। राजनाथ सिंह को यह भी बुरा लगता है कि अहम मुद्दों पर प्रधानमंत्री अमित शाह और अरुण जेटली से ही सलाह करते हैं। जेटली राजनाथ के मतभेद सार्वजनिक रूप से भी नजर आते हैं। जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष पैकेज की घोषणा के समय जब जेटली से कीर्ति आजाद के बयान पर सवाल पूछा गया तो राजनाथ सिंह के चेहरे की मुस्कुराहट बहुत से लोगों ने नोट की।
सन टीवी को लाइसेंस देने के मामले में गृह मंत्रालय व जेटली के नेतृत्व वाले सूचना प्रसारण मंत्रालय में मतभेद उभर आये थे। राजनाथ सिंह ने महर्षि की तैनाती पर टिप्पणी करने से इनकार किया। बताया जाता है कि एलसी गोयल की सेवानिवृत्ति व राजीव महर्षि की तैनाती से राजनाथ नाराज हैं। राजीव महर्षि को जेटली का करीबी बताया जाता है और वे कई बार उनके साथ काम कर चुके हैं।