जनजीवन ब्यूरो
भागलपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर जातिवाद एवं साम्प्रदायिकता का जहर फैलाने और कांग्रेस से हाथ मिलाकर डा. राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण और कर्पूरी ठाकुर को ‘तिलांजलि’ देने का आरोप लगाते हुए इन दोनों से पिछले 25 साल के बिहार के उनके शासन का हिसाब मांगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार का पांच साल का बजट ढाई लाख से पौने तीन लाख करोड़ का है, जबकि अगले पांच साल में 14वें फाइनेंस कमीशन से बिहार को तीन लाख 74 हजार करोड़ रुपये मिलनेवाला है, तो एक लाख छह हजार करोड़ रुपये चारा में लगायेंगे क्या।
रैली में पहुंची भारी भीड़ से उत्साहित प्रधानमंत्री ने कहा कि अब चाहे जितने दल इकट्ठे हो जायें, कितना भी भ्रम फैलायें, बिहार की जनता किसी के भ्रम में आनेवाली नहीं है. यहां की जनता ने प्रगतिशील बिहार, विकासशील बिहार, रोजगार देनेवाला बिहार, माताओं-बहनों की रक्षा करनेवाला बिहार बनाने के लिए संकल्प ले लिया है और उसी के लिए वोट करनेवाले हैं। लगभग 45 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने बिहार की महागंठबंधन सरकार के साथ-साथ दो दिन पूर्व पटना में आयोजित महागंठबंधन दलों की स्वाभिमान रैली पर जम कर निशाना साधा।
बिहार की सरकार से प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि 25 सालों से जिन लोगों ने बिहार में राज किया है, उन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं। महागंठबंधन द्वारा उनसे सवाल पूछे जाने पर कहा कि वो जब लोक सभा चुनाव के लिए पांच साल बाद दोबारा वोट मांगने आयेंगे, तो पाई-पाई का हिसाब देंगे। 14 माह बाद बिहार की याद आने के आरोप पर कहा कि याद उसे आता है जो भूल जाता है, वो तो भूले ही नहीं। हर मौके पर बिहार सरकार को फोन किया, हरसंभव मदद की. प्रधानमंत्री ने बिहार सरकार से उलटे सवाल किया कि क्यों नहीं वो अपना हिसाब दे रहे कि बिहार में विकास क्यों नहीं हुआ, बिजली क्यों नहीं मिली?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कहा कि ये सरकार में बैठे लोग अपने काम और कारनामों का हिसाब देने के लिए तैयार नहीं। इसलिए वह बिहार की जनता से अपील करते हूं कि वे उन लोगों से सवाल करें। पूछें कि आपने कहा था कि 2015 तक मैं बिजली न दे पाया, तो मैं वोट मांगने नहीं आऊंगा, पर क्या बिजली मिली और नहीं मिली तो क्यों वोट मांगने आये हैं। उन्होंने कहा कि जो आज आपसे वादाखिलाफी कर रहे, वे आगे पता नहीं क्या-क्या करेंगे। इसलिए इनका 25 साल का हिसाब चाहिए। पटना में 30 अगस्त को महागंठबंधन दलों की हुई स्वाभिमान रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिलांजलि सभा बताया और कहा कि इस रैली में जेपी, लोहिया जैसे नेताओं के आदर्शों की तिलांजलि दे दी गयी।
लोहिया के चेले सत्ता के स्वार्थ और सत्ता की भूख के लिए परसों गांधी मैदान में उन लोगों के साथ बैठे थे, जिनका लोहिया ने जीवन भर विरोध किया था। जय प्रकाश नारायण ने जिस गांधी मैदान में संपूर्ण क्रांति का बिगुल बजाया, भ्रष्टाचार के खिलाफ एक लड़ाई लड़ी और फिर जिस कांग्रेस पार्टी ने जय प्रकाश नारायण को जेल में ठूंस दिया, उसी जयप्रकाश जी की ऊंगली पकड़ कर राजनीति की पाठशाला में आये लोगों ने उसी गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण को भी तिलांजलि दे दी। उन लोगों के साथ बैठे, जिन्होंने जय प्रकाश जी को जेल में बंद कर दिया। गांधी मैदान की यह रैली, राममनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण व कर्पूरी ठाकुरी को तिलांजलि देने वाली सभा थी।
प्रधानमंत्री ने बिहार की जनता से आह्वान किया कि ऐसे लोगों को चुनाव में बटन दबा कर तिलांजलि दे दें। उन्होंने कहा कि गांधी मैदान में बिहार के भविष्य के बारे में, बिहार को कैसे आगे ले जाया जाये इस पर चर्चा नहीं हुई, सिर्फ मोदी पर चर्चा हुई। उन्होंने चुटकी ली कि देश-दुनिया के नौजवान तो मोदी-मोदी करते हैं, गांधी मैदान में वे लोग भी मोदी-मोदी करते दिखे।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार यहां की जनता की आंखों में धूल झोंक रही है। बिहार में स्वास्थ्य सेवा की गिरती स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में अमूमन सभी राज्यों में काम्युनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) की संख्या बढ़ी है, लेकिन बिहार में 2005 में जहां 101 सीएचसी थे, वहीं 2014 में घट कर इनकी संख्या 70 रह गयी है। भारत सरकार ने आरोग्य विकास के लिए बिहार सरकार को जो राशि दी थी, उसमें से 521 करोड़ रुपये बिहार सरकार खर्च नहीं कर पायी।
उन्होंने कहा कि बजट में किये गये विशेष प्रावधान का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार से मार्च में ही बैकवर्ड जिलों की सूची मांगी गयी थी। दो माह तक सूची नहीं मिलने के बाद मई में केंद्र सरकार ने पत्र लिख कर सूची की मांग की, इसके बावजूद अगस्त के अंतिम सप्ताह में सूची भेजी गयी। उन्होंने पूछा कि पैसे होने के बावजूद काम न हो, ऐसी सरकार को हटाना चाहिए कि नहीं। उन्होंने याद दिलाया कि चाहे नेपाल में भूकंप का समय हो, या कोसी में पहाड़ गिरने का मामला या फिर पटना के गांधी मैदान में आयोजित रैली में विस्फोट का मामला हो, हर बार मैंने बिहार सरकार को मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बिहार में विकास की बात हो, इसके लिए एनडीए को वोट करने की अपील प्रधानमंत्री ने की।
उन्होंने दावा किया कि बिहार के लिए केंद्र द्वारा सवा लाख करोड़ रूपये का पैकेज घोषित किये जाने के बाद नीतीश कुमार को भी 2.7 लाख करोड़ रूपये का पैकेज घोषित करने को मजबूर होना पड़ा।
मोदी ने कहा, ‘‘25 साल तक जातिवाद और सम्प्रदायवाद का जहर फैलाने वाले, उन लोगों को मजबूरन, मजबूरन, मजबूरन विकास के लिए पैकेज लाना पड़ा। मुझे इस बात की खुशी है कि चुनाव अब विकास के मुद्दे पर सही दिशा में आया ।’’ उन्होंने हालांकि नीतीश के पैकेज को बिहार की जनता के साथ धोखा बताया।