जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बिहार के चंपारण में 2० सितंबर को होने वाली रैली के लिए पार्टी ने न सिर्फ कद्दावर नेताओं की टीम बनाई है बल्कि सात राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता को इस रैली की सफलता की जिम्मेवारी सौंपी है। हालांकि रैली का नाम किसान सम्मान रखा गया है लेकिन माना जा रहा है कि राहुल चंपारण से बिहार चुनाव का आगाज करेंगे।
महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आन्दोलन बिहार के चंपारण जिले से शुरु किया था। चंपारण सत्याग्रह में गाँधी को सफलता भी प्राप्त हुई। चंपारण में अंग्रेजों ने नील बनाने के अनेकों कारखाने खोल रखे थे। ऐसे अंग्रेजों को निहले कहा जाता था। इन अंग्रेजों ने चंपारण की अधिकांश जमीनों को हथियाकर उस पर अपनी कोठियां बनवा ली थी। ये अंग्रेज यहाँ के किसानो को नील की खेती के लिए मजबूर करते थे। अंग्रेजों का कहना था कि एक बीघे जमीन में से तीन कठ्ठे पर नील की खेती जरूर करें। इस प्रथा के कारण चंपारण के किसानों का भंयकर शोषण हो रहा था। फलत: किसानो में अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक असंतोष फैल था।
कांग्रेस पार्टी डॉ. बी.आर.अंबेडकर की 125वीं जयंति एकसाल तक मनाएगी। उसी के तहत चंपारण में रैली का आयोजन किया गया है। चंपारण रैली कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है, इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक समन्वय समिति का गठन किया है। कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा के अनुसार ए.के.एंटोनी के नेतृत्व में यह समिति काम करेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्वजय सिंह और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस.हुड्डा समिति के उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। जबकि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित समिति की सदस्य हैं। कांग्रेस के कोषाध्यक्ष, महासचिव और सभी प्रभारी, दिल्ली. हरियाणा, हिमाजल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पार्टी अध्यक्ष और विधायक दल के नेता समिति के सदस्य बनाए गए हैं।
किसानों को लेकर राहुल ने पूरे देश में आंदोलन चलाया है जिसके कारण नरेंद्र मोदी सरकार काफी परेशानियो का सामना कर रही है। यहां तक की संसद का मानसून सत्र नहीं चलने दिया जिसके कारण जीएसटी विधेयक संसद के पटल पर रखा भी नहीं जा सका।
उधर जद यू नेता के.सी.त्यागी ने इस बात से इनकार किया है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी राष्ट्रीय जनता दल के साथ चंपारण की रैली में मंच साझा नहीं करना चाहते हैं। उनके अनुसार चंपारण की रैली महागठबंधन की एकता को साबित करेगी।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन दिनोंदिन मजबूत हो रहा है और बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराएंगे। त्यागी के अनुसार विरोधियों के आरोप निराधार हैं कि राहुल गांधी राजद के साथ मंच साझा करना नहीं चाहते हैं।