अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। देश में कोरोना के वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लेकर विभिन्न कयासों पर अंकुश लगाने के लिए गठित नेशनल एईएफआई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद क्लॉटिंग और ब्लीडिंग के मामले बहुत कम हैं। कोवैक्सीन को लेकर कमेटी को एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली।
मंत्रालय ने पाया है कि देश में कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद ब्लीडिंग और क्लॉटिंग के मामले बहुत कम हैं। रिपोर्ट के मुताबिक कोविशील्ड लेने के बाद देश में अब तक 26 मामले ब्लड क्लॉटिंग के मिले। कोवैक्सीन को लेकर कमेटी को एक भी ब्लड क्लॉटिंग की शिकायत नहीं मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड टीका लेने वालों को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उसने कहा कि 20 दिनों तक कोई तकलीफ आने पर टीका केंद्र पर तुरंत जाएं।
आंकड़े में क्लॉटिंग और ब्लीडिंग के मामले बहुत मामूली
कमेटी के मुताबिक कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद क्लॉटिंग और ब्लीडिंग के मामले बहुत मामूली हैं। लेकिन ये शून्य नहीं हैं। 10 लाख लोगों को डोज देने पर 0.61 मामले में ऐसा देखने में आया है। यह दर ब्रिटेन के मुकाबले काफी कम है। वहां 10 लाख में 4 केस में यह स्थिति देखने को मिली है। हालांकि, कोवैक्सीन को लेकर इस तरह की कोई समस्या नहीं आई है। कोविड-19 मुहिम की शुरुआत होने से 23,000 लोगों ने वैक्सीन लगवाने के बाद साइड इफेक्ट की बात कही। 753 जिलों में से 684 जिलों के लोगों में यह दिक्कत सामने आई। इसमें 3 अप्रैल तक के आंकड़े शामिल हैं। इनमें से 700 मामलों में ही गंभीर साइड इफेक्ट देखने को मिले।वैसे कोविशील्ड से साइड इफेक्ट के मुकाबले इसके फायदे कहीं अधिक हैं। सरकार के अनुसार, यह कोरोना के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है। 27 अप्रैल तक देश में 13.4 करोड़ से ज्यादा लेगों को कोविशील्ड दी गई। सनद रहे कि ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बनाती है। इसका मुख्यालय पुणे में है। इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है।
बॉक्स-1
स्वास्थ्य मंत्रालय का कोविशील्ड टीका लेने वालों को लेकर एडवाइजरी
म्त्रालय का निर्देश है कि 20 दिनों तक निम्न तकलीफ आने पर टीका केंद्र पर तुरंत जाएं
– सांस फूलना;
– सीने में दर्द;
– अंगों में दर्द/अंगों को दबाने पर दर्द या अंगों (बांह या पिण्डलियों) में सूजन;
– इंजेक्शन वाली जगह से बाहर के क्षेत्र में कई, सुई की नोक के आकार के लाल धब्बे या त्वचा में नीले-काले धब्बे बनना;
– पलटी के साथ या बगैर पलटी के लगातार पेट दर्द;
– पलटी के साथ या बगैर पलटी के पहले से कोई परेशानी न होने बावजूद दौरे पड़ना;
– पलटी के साथ या बगैर पलटी के तेज और लगातार सिरदर्द (माइग्रेन या पुराने सिरदर्द की पहले कोई समस्या न होने के बावजूद);
– अंगों या शरीर का कोई विशेष हिस्सा या (चेहरे सहित) शरीर के किसी अंग में कमजोरी/लकवा;
– बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार पलटी होना;
– धुंधली दिखना या आंखों में दर्द या दो-दो चित्र बनना;
– मानसिक स्थिति में बदलाव या भ्रम या चेतना का अवसाद के स्तर पर होना
– कोई अन्य लक्षण या स्वास्थ्य की स्थिति जो टीके लगाने वाले व्यक्ति या परिवार के लिए चिंता का विषय हो