जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । नरेंद्र मोदी को लोगों ने जिस उम्मीद के साथ प्रधानमंत्री बनाया है वही उम्मीद उनके जीवन को बढ़ाने में सहायक साबित होगी। माना जा रहा है कि 2०2० तक भारतीय की औसत आयु में तीन से चार साल तक की बढ़ोत्तरी हो जाएगी जो फिलहाल मात्र दो साल है। ये अनुमान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंतरिक सर्वेक्षण रिपोर्ट का है, जिसमें 2०2० तक औसत आयु 67 साल से 7० साल होने की संभावना जताई गई है। उम्र में बढ़ोत्तरी होने के पीछे बजह, मोदी के नेतृत्व में देश की तरक्की सभी क्षेत्रों में होना है। साथ ही स्वास्थ्य के प्रति लोगों में आ रही जागरूकता के साथ साथ
स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ रही सुविधाएं भी हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट बढ़ती आबादी की आयु बढ़ने का संकेत दे रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले समय में भारत की औसत उम्र में इजाफा होगा। शहरी और ग्रामीण आबादी की आयु में थोड़ा अंतर होने की आशंका भी जताई गई है। मतलब, साफ है कि शहरी लोगों की आपेक्षाकृत ग्रामीण लोगों की आयु बेहतर रह सकती है। क्योंकि शहर प्रदूषण की चपेट में है और गांव में प्रदूषण उस रफ्तार पर नहीं है। सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में औसत आयु बढ़ने का कारण लोगों में स्वास्थ्य के प्रति तेजी से बढ़ रही जागरूकता है। लोग स्वास्थ्य के प्रति जितने जागरूक हो रहे हैं,उसी हिसाब से उन्हें इलाज के लिए सुविधाएं भी मुहैया हो रही हैं। सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्बारा देश में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं की पूरी जानकारी भी एकत्र कराई जा रही है, जिससे जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है, उसे दुरुस्त किया जा सके। हालांकि आजादी के बाद देश की औसत आयु में लगातार इजाफा हुआ है । स्वतंत्रता के बाद भारत की औसत आयु 45 साल थी, तब देश में बीमारी के इलाज के साधन सीमित थे।
रिपोर्ट के अनुसार केरल की महिलाओं की आयु पूरे देश में सर्वाधिक 77.6 है जो कि बढ़कर 79 के पार हो जाएगी। जबकि केरल के पुरुषों की औसत आयु सबसे ज्यादा 73.2 है जो बढ़कर 76 हो जाएगी। दूसरे स्थान पर पंजाव है जहां पुरुषों की औसत आयु 69.2 और महिलाओं की 72.5 है। अनुमान लगाया जा रहा है कि पुरुषों और महिलाओं की आयु में तीन साल की बढ़ोत्तरी होगी। बेहतर आयु के मामले में गुजरात का स्थान तीसरे स्थान पर है जहां पुरुषों की 69.2 और 72.5 साल महिलाओं की है।
औसत आयु के मामले में फिलहाल सबसे खराब हालत असम की है। वहां पुरुष 63.6 और महिलाएं 64.8 साल तक ही जिंदा रहती हैं। माना जा रहा है कि मोदी राज में सबसे ज्यादा औसत आयु इसी राज्य में बढ़ेगी। पुरुषों की आयु बढ़कर 67.5 और महिलाओं की आयु 68.9 हो जाएगी।