अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा मानसून सत्र में दूसरा इतिहास बनाया है। पहले पांच सत्र में 712.93 घंटे सदन की कार्यवाही चलाकर लोकसभा अध्यक्ष ने वाहवाही लूटी थी वही मानसून सत्र में मात्र 21 घंटे 14 मिनट सदन की कार्यवाही चलने से वह बेहद निराश दिखे। बुधवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। पहले से सय समय के अनुसार सदन 13 अगस्त तक चलता।
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17वीं लोकसभा के पांच सत्र में 712.93 घंटे कार्यवाही चली थी जो कि संसद के इतिहास में एक रिकार्ड है। 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा में इतने समय तक कभी सदन नहीं चला था। संसद के इतिहास में 17वीं लोकसभा का छठा सत्र भी एक रिकार्ड दर्ज किया है। 19 जुलाई से 13 अगस्त तक मानसून सत्र चलने की घोषणा गई थी लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण 11 अगस्त को ही लोकसभा को अनिश्चत काल के स्थगित करना पड़ा। इस दौरान मात्र 21 घंटे 14 मिनट ही सदन चल सका। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का कहना है कि सदन सहमति, संवाद और चर्चा करके ही चलाया जा सकता है। उनका कहना है कि विपक्ष से सदन चलाने की गुहार लगाई गई लेकिन उनका सहयोग नहीं मिला।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मैं हमेशा सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा करता हूं। मगर इस सत्र को लेकर अघ्यक्ष को मलाल रहा कि उनके आशा के अनुरूप सदन नहीं चल सका। जबकि पिछले कई सत्र चलने में सदन ने ख्याति प्राप्त किया है।
बिऱला ने कहा कि सदन में वाद-विवाद, समझौते और असहमति होती रही, लेकिन इसकी गरिमा कभी कम नहीं हुई। मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि सदन को संसदीय परंपराओं के अनुसार चलाया जाए और इसकी गरिमा को बनाए रखा जाए। नारेबाजी और बैनर उठाना हमारी संसदीय परंपरा का हिस्सा नहीं हैं। उन्हें अपनी सीटों से बात रखनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र में सदन का काम काज अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। निरंतर गतिरोध के कारण इस सत्र में सदन की कुल 17 बैठकों में मात्र 21 घंटे 14 मिनट तक का ही कार्य संपादित किया गया। व्यवधान के कारण बैठक के लिए नियत 96 घंटे में से कुल 74 घंटे 46 मिनट तक सदन में काम काज नहीं हो सका। इसके कारण इस सत्र में सदन का कार्य निष्पादन मात्र 22 प्रतिशत रहा। उनका कहना था कि इस सत्र के दौरान, 13 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए। संविधान (127वां) संशोधन विधेयक, 2021 सहित 20 महत्वपूर्ण विधेयक पारित हुए। सत्र के दौरान निरंतर व्यवधान के बावजूद प्रश्न काल में 66 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए। ओबीसी विधेयक सहित कुल 20 विधेयकों को पारित किया गया, जिसे सभी दलों की सर्वसम्मति से पारित किया गया था। मैं पीएम और सदन में योगदान देने वाले सभी दलों के नेताओं को धन्यवाद देता हू। बिरला आश्वासन दे रहे हैं कि भविष्य में सदन बिना किसी व्यवधान के चले इसके लिए विपक्ष के नेताओं व सदस्यों से कारगर संवाद स्थापित किया जाएगा।
अगले साल नई संसद में मना सकते हैं आजादी का जश्न
इसी दौरान नई संसद से जुड़े एक सवाल के जवाब में लोकसभा स्पीकर ने कहा कि 15 अगस्त (2022) के पहले नए भवन का निर्माण हो जाए. जब आजादी के 75 वर्ष हों तो हम यह पर्व नए भवन में मनाएं।’