अमलेंदु भूषण खां / वृंदावन । मेडिकल कालेजों के MBBS कोर्स में प्रवेश के लिए छात्रों को तैयार कर मंजिल तक पहुंचाने वाला संस्थान आकाश इंस्टीट्यूट पूरे भारत में प्रसिद्ध रहा है। MBBS कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित नेशनल एलिजिब्लिटी एंट्रेंस टेस्ट यानि NEET की परीक्षा में टॉप करने वाले सैकड़ों छात्र आकाश इंस्टीट्यूट में ही परीक्षा की तैयारी की तकनीक हासिल किए हैं। आकाश इंस्टीट्यूट के संस्थापक जे सी चौधरी की लगन व मेहनत के कारण ही यह संस्थान पूरे देश में 215 शाखाएं स्थापित करने में सफल हो सका। फिलहाल 2.5 लाख से ज्यादा छात्र NEET की तैयारी में जुटे हुए हैं।
आसमान की ऊंचाई तक आकाश इंस्टीट्यूट को पहुंचाने वाले जे सी चौधरी अब धर्म के क्षेत्र में भी लोगों का प्यार और दिल जीतने की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी के पहले पायदान पर जे सी चौधरी ने उत्तर प्रदेश के वृंदावन में चारधाम बनाने की योजना बनाए हैं। चारधाम का पहलाधाम माता वैष्णो देवी मंदिर तैयार हो चुका है। 141 फीट ऊंची माता वैष्णो देवी की मूर्ति वाला यह मंदिर साल 2004 में शुरु हुआ और साल 2010 में बनकर तैयार हो गया। जहां लाखों श्रद्धालू अपना सिर झुकाने के लिए प्रत्येक साल आ रहे हैं।
चारधाम के तीन अन्य शिव मंदिर, राधा-कृष्ण और शनि मंदिर का निर्माण 7.5 एकड़ भूमि पर किया जाएगा। बकौल जे सी चौधरी तीनों मंदिर के निर्माण पर लगभग सौ करोड़ रुपए का खर्च आएगा और दो साल के अंदर चारधाम बनकर तैयार हो जाएगा।
जे सी चौधरी बताते हैं की पूरे देश में फैले तमाम मंदिरों की जानकारी हासिल कर चारधाम निर्माण की रुपरेखा तैयार की गई है। जानकारी हासिल करने में आकाश इंस्टीट्यूट के कर्मचारियों ने सहयोग किया। चारधाम परिसर को भक्तों को समृद्धि प्रदान करने के लिए हिंदू परंपराओं की पूजा, मंदिर निर्माण और अनुष्ठानों के लिए मैनुअल के अनुसार बनाया गया है। प्रस्तावित डिजाइन के अनुसार चारधाम के प्रवेश द्वार पर भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की मूर्तियां होंगी। भगवान महादेव की मूर्ति 165 फीट ऊंची होगी। जैसे ही भक्त धाम की परिक्रमा करेंगे वे भगवान अर्धनारीश्वर का दर्शन प्राप्त कर सकेंगे, जो उनकी पत्नी देवी पार्वती के साथ मिलकर भगवान शिव का एक रुप है और भगवान नटराज, जो दिव्य ब्रह्मांडीय नर्तक हैं। मंदिर परिसर में एक विशाल शनिडायल, भगवान सूर्य का सूर्यरथ, कल्पवृक्ष की मूर्तिया, एक इच्छापूर्ति करने वाला दिव्य वृक्ष, पवित्र गोवर्धन पहाड़ी, कलिंग नर्तन जो वश में किए गए कालिया सांप के हुडपर भगवान कृष्ण के नृत्य को दर्शाता है।
चारधाम में मां गंगा और यमुना की पवित्र नदियों का प्रतीक एक कृत्रिम धारा भी होगी। एक यज्ञ शाला, प्रसाद घर और एक भोजन घर भी होगा।