अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । कोरोना महामारी के साये में होने वाले उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर व पंजाब में विधानसभा चुनाव में केंद्रीय चुनाव आयोग ने रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके कारण यह चुनाव डिजिटल चुनाव होगा। चुनाव आयोग की इस कारर्वाई का कुछ राजनीतिक दलों ने जहां इस फैसले का स्वागत किया है तो वहीं कुछ दल पशोपेश में पड़ गए हैं। इसी बीच चुनाव विशेषज्ञ राजनीतिक दलों के नफा नुकसान का आंकलन करने में जुट गए हैं कि डिजिटल प्रचार में कौन से दल को बाकी दल से अधिक फायदा हो सकता है।
कांग्रेस के सोशल मीडिया प्रमुख रोहन गुप्ता ने बताया कि पार्टी “डिजिटल प्रचार” के लिए पूरी तरह तैयार है। सोशल मीडिया टीम पूरी तरह से किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। उनका कहना था कि अगर 15 जनवरी के बाद भी चुनाव आयोग प्रचार की अनुमति नहीं देता है, तो पार्टी वर्चूअल संवाद करने की तैयारी कर ली है। जिसमें राहुल गांधी/प्रियंका समेत सभी राष्ट्रीय नेता की अहम भागीदारी को लेकर तैयारी कर ली गई है। इस बाबत चुनावी राज्यों में प्रचार को लोकल टच देने के लिए वहां की लोकभाषा, लोकगीत के मुताबिक कंटेंट तैयार किया जा रहा है।
कांग्रेस पार्टी (Congress) द्वारा दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड, सोनिया निवास दस जनपथ, राहुल के घर 12 तुगलक लेन, 15 जीआरजी वार रूम समेत राज्यों की राजधानियों से लेकर मंडल और जिला कार्यालयों में ग्रीन रूम तैयार किए जा रहे हैं। यहां से नेता वर्चुअली जनता से जुड़ सकेंगे। वर्चुअल रैलियों को आम जन तक पहुंचाने के लिए एलईडी मोबाइल वैन्स और प्रोजेक्टर का भी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाएगा।
प्रियंका गांधी लगातार फ़ेसबुक के ज़रिए वोटरों से बातचीत कर रही हैं। प्रियंका लगातार फ़ेसबुक लाइव कर रही हैं। कांग्रेस का कैंपेन उनके नारे “लड़की हूं लड़ सकती हूं” के साथ महिला वोटरों को रिझाने की कोशिश जारी है। कांग्रेस प्रियंका के साथ लाइव कार्यक्रम शुरू कर चुकी है। प्रियंका सोशल मीडिया पर सीधे वोटरों से बात कर रही हैं। यूपी के सभी ब्लॉक में कांग्रेस LED स्क्रीन लगाएगी।
कांग्रेस ने भी अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहना दिया है। कांग्रेस के 75,000 वहाट्स ऐप ग्रुप बनाए गए हैं । दिल्ली और लखनऊ में सोशल मीडिया वॉर रूम बनाए गए हैं। कांग्रेस ने पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गोवा और मणिपुर में नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ पार्टी की टीम के साथ काम शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने जूम, गूगल मीट, फेसबुक, वॉट्सऐप समेत अन्य प्लेटफार्म के जरिये लोगों तक पहुंचने की तैयारी की है। पार्टी ने हर राज्य के लिए एक अलग रणनीति बनाई है।
यूपी में कांग्रेस इस बार LED वैन को अपने डिजिटल प्रचार का हिस्सा बनाने जा रही है। बताया जाता है कि यूपी कांग्रेस के पास एक हफ्ते के अंदर 4000 ऐसी वैन तैयार हो जाएंगी। पंजाब में पार्टी के पहले से मौजूद वॉट्सऐप ग्रुप्स को फिर मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है। उत्तराखंड में पार्टी अगले एक सप्ताह में 250 प्रोजेक्टर स्क्रीन लगाएगी।
पूरे देश में कांग्रेस का है आईटी सेल
कांग्रेस (Congress) की बात करें तो उत्तर प्रदेश के साथ ही उनका पूरे देश में आईटी सेल है। इस वजह से वह काफी सक्रिय हैं, पांच चुनावी राज्यों में उनकी टीम बाकी राज्यों से आकर वहां कार्य कर सकती है। हालांकि उनका ज्यादा फोकस पंजाब पर है, उत्तर प्रदेश में भी प्रियंका की अगुवाई में आटी टीम एक्टिव है लेकिन यहां पर मुख्य लड़ाई बीजेपी और सपा में ही दिखाई दे रही है।
सोशल मीडिया से जनता को रिझाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस
ताजा आंकड़ों के मद्देनजर ट्विटर को नैरेटिव सेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए वोटों को अपनी ओर खींचने का प्रयास किया जाएगा। फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर वीडियो कंटेंट डालने के साथ ही नेताओं का लाइव भी किया जाएगा। जूम और स्काइप जैसे माध्यमों का इस्तेमाल भी चुनावी कैंपेन के लिए किया जाएगा। वर्चुअल कार्यक्रम में कंटेंट का खास ख्याल रखा जाएगा। इसके अलावा, 14 फरवरी को होने वाले मतदान के दिन के लिहाज से ‘प्रेम’ की थीम पर नफरत और साम्प्रदायिक सौहार्द के नाम पर विरोधियों को घेरने का भी कंटेंट तैयार किया जा रहा है।
पार्टी का मानना है कि डिजिटल के युद्ध में कंटेंट ही सबसे अहम है। चुनाव में इसी के जरिये बढ़त बनाई जा सकती है। आम रैलियां अलग-अलग जगह होती हैं, जहां कंटेंट रिपीट हो सकता है। हालांकि डिजिटल दुनिया में हर बार कंटेंट नया होना, ध्यान खींचने वाला और ऊर्जा भरने वाला होना चाहिए। ताकि लोगों को लगातार जोड़कर रखा जा सकेगा। उबाऊ और रिपीट होने वाला कंटेंट डिजिटल दुनिया में नहीं चल सकता। क्योंकि जनता हर बार कुछ नया देखना चाहती है।
वर्चुअल थ्रीडी रैलियां भी करेंगे नेता
पार्टी ब्लॉक स्तर तक के कार्यकर्ताओं को व्हाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम से जुड़कर आम जनता को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कहेगी। बड़े नेताओं की वर्चुअल थ्रीडी रैलियां करने का भी प्रस्ताव है, जिसको अंतिम रूप दिया जाना फिलहाल बाकी है। यूपी के पूर्वांचल, पश्चिम, बुंदेलखण्ड, अवध, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर ,गोवा जैसे राज्यों में स्थानीय संस्कृति और भाषा के साथ ही लोकगीतों का भी इस्तेमाल होगा। इससे वहां के आम जन को साथ जोड़े रखने का प्रयास किया जाएगा।
इस सिलसिले में पार्टी की बैठकें लगातार जारी हैं। अगले एक-दो दिनों में इसको अंतिम रूप दिया जा सकता है। दरअसल, यूपी का चुनाव लंबा चलेगा। जबकि पंजाब, गोवा और उत्तराखण्ड का एक ही चरण में संपन्न होगा। कोरोना के मद्देनजर 15 जनवरी के बाद की गाइडलाइन्स पर भी कांग्रेस की नजर है। उसी के हिसाब से डिजिटल सियासी युद्ध की धार पर फोकस किया जाएगा।
यूपी के राजनीतिक पार्टियों के सोशल मीडिया फॉलोअर्स
पार्टी ट्विटर फेसबुक इंस्टाग्राम
BJP 1.73 करोड़ 1.6 करोड़ 42 लाख
कांग्रेस 84 लाख 62.16 लाख 10 लाख
समाजवादी पार्टी 28 लाख 32.15 लाख 2.63 लाख
बहुजन समाज पार्टी 2. 46 लाख 99 हजार –
आम आदमी पार्टी 50.8 लाख 51.95 लाख 6.13 लाख एआईएमआईएम 7. 71 लाख 9.15 लाख
आरएलडी 42 हजार 15 हजार
यूपी के बड़े नेताओं की सोशल मीडिया फॉलोइंग
ट्विटर फेसबुक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16.8 करोड़ 68.86 लाख
केशव प्रसाद मौर्य 33 लाख 44.60 लाख
अखिलेश यादव 15.4 करोड़ 75 लाख
प्रियंका गांधी 44 लाख 45.19 लाख
असदुद्दीन ओवैसी 21 लाख 36.30 लाख
ओमप्रकाश राजभर 80 हजार दो लाख
शिवपाल सिंह यादव 7.59 लाख 5.57 लाख
जयंत चौधरी 1.5 लाख 5000