आलोक रंजन / जयपुर । राजस्थान में किसानों की कर्ज माफी का ‘जिन्न’ एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। वजह ये है कि राजस्थान में किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी की बकाया राशि के चलते किसानों की जमीन नीलाम होने लगी है। जिस पर राजस्थान सरकार ने रोक भी लगाई है। राहुल गांधी बोले थे दस दिन में माफ करेंगे कर्ज राहुल गांधी बोले थे दस दिन में माफ करेंगे कर्ज दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जयपुर के विद्याधरनगर में चुनावी रैली में वादा किया था कि ‘राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने पर किसानों के ऋण दस दिन में माफ कर दिए जाएंगे।’ दस दिन में कर्ज माफी का वादा करके गहलोत सरकार सत्ता में तो आ गई, मगर लोन माफ नहीं हुए
15 लाख में नीलाम हुई दौसा के किसान की जमीन राजस्थान ऋण माफी योजना तब अचानक सुर्खियों में आई जब मंगलवार को दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा के जामुन की ढाणी निवासी किसान कजोड़ मीणा के किसान क्रेडिट कार्ड के 7 लाख रुपए बकाया के चलते उसकी जमीन की नीलामी हुई। यह जमीन 15 लाख रुपए में नीलाम हुई।
इधर, दौसा के बाद अलवर जिले में भी किसानों की जमीन नीलाम होने की नौबत आ गई है। अलवर जिले के रैणी उपखंड के आधा दर्जन गांवों में आठ किसानों की जमीन कुर्क करने का समय गुरुवार सुबह दस बजे तय किया गया। फिर खबर आई कि किसानों की जमीन की कुर्क करने की यह कार्रवाई टाल दी गई है।
कर्ज माफी के नाम वाहवाही लूटने वाले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार दौसा के किसान की जमीन नीलाम होते ही निशाने पर आ गई। खुद सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले में ट्वीट किया और किसानों की जमीनों की नीलामी रुकवाने की जानकारी दी है। सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट करके लिखा कि प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों द्वारा किसानों के लोन न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act) के तहत भूमि कुर्की व नीलामी की कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार ने अधिकारियों से इसे रोकने के निर्देश दिए हैं। गहलोत सरकार लोन माफी को तैयार गहलोत सरकार लोन माफी को तैयार गहलोत सरकार कर्ज माफ करने की बजाय सिर्फ यही कह रही है कि हम कर्ज माफ करने को तैयार हैं। सीएम अशोक गहलोत ने लिखा कि राजस्थान सरकार ने सहकारी बैंकों के लोन माफ किए हैं व भारत सरकार से आग्रह किया है कि व्यवसायिक बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के लोन माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने के लिए तैयार है।
कर्ज माफी की घोषणा की तो कर्ज माफ क्यों नहीं हुए?
यह सवाल किसानों के साथ-साथ आमजन के जेहन में उठ रहा है। इसका जवाब सीएम अशोक गहलोत देते हैं। वे लिखते हैं कि ‘हमारी सरकार ने पांच एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, परन्तु अभी तक राज्यपाल महोदय की अनुमति ना मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस काननू के ना बनने के कारण ऐसी नौबत आई है।’ अलवर में इनकी जमीन होनी थी कुर्क अलवर में इनकी जमीन होनी थी कुर्क बता दें कि अलवर जिले के रैणी उपखंड में गुरुवार को गांव बहडको खुर्द के किसान ओमप्रकाश मीना, परबैणी के किसान बरफी मीना, गांव चांदपुर निवासी सोनी, कृपाल मीना, कमलेश मीना, रैणी निवासी किसान सांवरिया बैरवा व नांगल बास रैणी निवासी लक्ष्मण बैरवा और मोतीलाल बैरवा की जमीन कुर्क होनी थी। कोविड की वजह से की स्थगित कोविड की वजह से की स्थगित रैणी में बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के चीफ मैनेजर वीएन शर्मा कहते हैं कि सुबह कार्रवाई करने गए थे, फिर पता चला कि बैंक मैनेजर व तहसील स्टाफ समेत कई कोविड संक्रमित हो गए। इसलिए किसानों की जमीनों की कुर्की की कार्रवाई स्थिगत कर दी गई। कर्ज माफी के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले कर्ज माफी के संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक रैणी के चीफ मैनेजर वीएन शर्मा कहते हैं कि किसान पर बकाया कर्ज के चलते बैंक की ओर कुर्क व नीलामी की कार्रवाई की जाएगी। बैंक को तो लोन का पैसा चाहिए चाहे वो किसान दे या सरकार। सरकार की ओर से कर्ज माफी को लेकर कभी कोई दिशा-निर्देश नहीं मिले।