प्रीति झा / देहरादून । उत्तराखंड में 14 फरवरी को एक साथ सभी 70 सीटों पर वोटिंग होनी है। इसके लिए सभी सियासी दलों ने अपना पूरा जोर लगा दिया है। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सभी ने चुनाव प्रचार के अंतिम समय में तराई फैक्टर पर भी फोकस करना शुरू कर दिया है। चुनाव में गढ़वाल, कुमाऊं के बाद तराई फैक्टर सबसे अहम माना जा रहा है। इन सीटों से ही सियासी दल सत्ता की चाबी हासिल करना चाहते हैं। खास बात ये है कि इन सीटों से ही वीआईपी और बड़े चेहरे चुनावी मैदान में हैं।
4 जिलों पर ज्यादा फोकस
उत्तराखंड की सियासत अब देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों के आसपास नजर आ रही है। इसमें सबसे ज्यादा अहम तराई फैक्टर माना जा रहा है। इन दिनों भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इन्हीं सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरिद्वार से वर्चुअल रैली की शुरूआत की। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी हरिद्वार सीट से ही रैली की शुरूआत की है, इतना ही नहीं अब प्रियंका गांधी भी हरिद्वार और उधम सिंह नगर में रैली को संबोधित करेंगी। उधर आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हरिद्वार से ही 3 दिन के अपने उत्तराखंड दौरे की शुरुआत की है। इस तरह से सियासी दलों ने अब तराई सीटों पर फोकस कर दिया है। इसके पीछे की रणनीति तराई सीटों में ज्यादा सीटें जीतकर बहुमत तक पहुंचना बताया जा रहा है।
25 से ज्यादा सीटें 12 से ज्यादा की जरुरत
तराई की करीब 25 सीटों में से 12 से ज्यादा सीटें निकालने पर सत्ता की चाबी मिलना तय है। इसके लिए भाजपा, कांग्रेस और आप ने इन सीटों पर ज्यादा फोकस कर दिया है। सबसे ज्यादा हरिद्वार और उधमसिंह नगर पर फोकस किया जा रहा है। इन जिलों में वोटबैंक पर जिस दल ने सेंधमारी की, उसका बहुमत तक पहुंचना आसान हो जाएगा। उत्तराखंड में परिसीमन के बाद तराई क्षेत्र में वोटर ज्यादा आ रहे हैं। यूएसनगर, हरिद्वार, देहरादून में सबसे ज्यादा वोटर हैं। इसके अलावा पहाड़ का 84 प्रतिशत भाग और मैदान का 16 प्रतिशत भाग है। जबकि मैदान के 16 परसेंट में ही 52 परसेंट जनसंख्या रहती है। पहाड़ में सिर्फ 48 परसेंट जनसंख्या है। तराई सीटों पर किसान और मुस्लिम वोटर ज्यादा है। जो कि चुनाव परिणाम में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा वीआईपी सीटों की बात करें तो सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक हरिद्वार सीट से चुनाव में है जो कि तराई में ही है। कांग्रेस के बड़े चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री ने भी लालकुंआ सीट को चुना है जो कि तराई भाबर क्षेत्र से ही है। हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत भी हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में हैं। इस तरह से तराई फैक्टर को लेकर भाजपा, कांग्रेस सबसे ज्यादा फोकस कर रही हैं। उत्तराखंड में पहली बार चुनावी मैदान में उतरी आप को भी तराई सीटों पर ही कुछ बेहतर नतीजों की उम्मीद है। मीडिया सर्वे रिपोर्ट में भी आप को 1 से 2 सीटें दिखाई जा रही हैं, जो कि तराई की ही बताई जा रही है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी का वोटबैंक भी तराई ही है। पिछले चुनाव में इन सीटों पर भाजपा का बेहतर प्रदर्शन रहा था। इस बार कांग्रेस तराई सीटों पर भाजपा को कड़ी टक्कर दे रही हैं। ये बात अलग है कि बसपा और आप किस पार्टी को नुकसान पहुंचाती हैं, ये समझना अभी बाकि है। जो कि ज्यादा कांग्रेस का ही वोटबैंक माना जाता है।