जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने आज देश की नौसेना को पहला स्वदेशी युद्धपोत आइएनएस विक्रांत सौंपा। प्रधानमंत्री ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में नौसेना के ध्वज के नए निशान का भी अनावरण किया। पीएम ने इसके साथ आइएनएस विक्रांत की खूबिया भी गिनाईं और इसे भारत के बुलंद होते हौंसलों की हुंकार बताई। बता दें कि इस युद्धपोत पर कई तरह के जंगी जहाज तैनात किए जा सकते हैं। आइए जानें कौन-कौन से जंगी जहाज इसपर तैनात किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में एक समारोह में 20,000 करोड़ रुपये की लागत से, स्वदेश में निर्मित जहाज को नौसेना के बेड़े में शामिल किया। विक्रांत के सेवा में शामिल होने के साथ ही भारत उन देशों के समूह में शुमार हो गया है जिनके पास अपने ही देश में किसी विमानवाहक पोत का डिजाइन तैयार करने तथा उसका निर्माण करने की आला दर्जे की क्षमता है। आईएनएस विक्रांत के जलावतरण समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी एडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरी कुमार तथा नौसेना और सीएसएल के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। मोदी ने आईएनएस विक्रांत को बेड़े में शामिल करने के मौके पर एक फलक का भी अनावरण किया। इस जहाज का नाम नौसेना के एक पूर्व जहाज ‘विक्रांत’ के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अहम भूमिका निभायी थी। यह जहाज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
आइएनएस विक्रांत पर 30 एयरक्राफ्ट तैनात किए जाएंगे। इनमें 20 लड़ाकू विमान होंगे और 10 हेलीकाप्टर होंगे। अभी विक्रांत पर Mig-29K (ब्लैक पैंथर) फाइटर जेट तैनात होंगे। अब नौसेना डीआरडीओ और एचएएल द्वारा तैयार किए जा रहा टीईडीबीएफ यानी डबल इंजन डेक बेस्ड फाइटर जेट तैनात कर सकता है। फिलहाल अभी इसमें कुछ देर लग सकती है क्योंकि टीईडीबीएफ के पूरी तरह से तैयार होने में कुछ साल लग सकते हैं। इस बीच अमेरिका का F-18A सुपर होरनेट या फिर फ्रांस का राफेल तैनात किया जा सकता है।
दुश्मनों को मात देने के लिए इसपर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जा सकती है। यह एक मिडियम रेंज मिसाइल है, जिसे सबमरीन या जहाज, धरती या कैरियर से लांच किया जा सकता है। बता दें कि फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय किया जाएगा कि कौन सा लड़ाकू विमान तैनात किया जाएगा।