जनजीवन ब्यूरो / नई दिल्ली । दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर का चुनाव तीसरी बार भी नहीं हो सका। इसी को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है सदन शुरू होते ही हंगामे की भेंट चढ़ गया। जिसके बाद पहले तो पीठासीन अधिकारी ने 10 मिनट के लिए सदन स्थगित किया, बाद उन्होंने सदन अनिश्चितकाल के लिए ही स्थगित कर दिया। इस तरह एक बार फिर दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव नहीं हो सका। सदन स्थगित होने के बाद दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर इसका आरोप लगा रही हैं। वहीं आम आदमी पार्टी ने मेयर के चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है।
गौरतलब है कि आज सदन की बैठक शुरू होने से पहले ही आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया था। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि आज उसने अपने पार्षदों से सदन में हंगामे के लिए कहा है ताकि पीठासीन अधिकारी सदन स्थगित कर दें। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी पर उनके पार्षद खरीदने का आरोप लगाया।
भाजपा ने आप पर लगाया उनके पार्षद खरीदने का आरोप
भाजपा ने कहा, महापौर, उपमहापौर और स्थाई समिति के सदस्यों के चुनाव में वोट डलवाने के लिए आम आदमी पार्टी के नेताओं ने उनके 10 पार्षदों से संपर्क किया है, उन्हें करोड़ों रुपए का ऑफर दिया गया है। भाजपा नेताओं ने अपने सभी 10 पार्षद मीडिया के सामने पेश किए।
मनोनीत सदस्यों के वोट डालने की बात पर भड़की आप
इसके बाद आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी ने बताया कि उपराज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्य भी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में वोट डाल सकते हैं। यह घोषणा सुनते ही आप पार्षद इसका विरोध जताने लगे और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
इस बीच भाजपा पार्षदों ने मांग की कि आप के दो नेता जिन पर केस चल रहा है उन्हें वोटिंग न करने दी जाए। इसी बात को लेकर भाजपा पार्षदों ने भी हंगामा किया। इसके बाद सदन शांत न होता देखकर पीठासीन अधिकारी ने सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।