अमलेंदु भूषण खां / नई दिल्ली । राजस्थान सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल लाया है। इस बिल को राज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकि है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा कहते हैं राइट टू हेल्थ का सपना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गहलोत से सवाल किया था तो उन्होंने बेबाकी से इसका जवाब दिया था। मीणा कहते हैं कि राइट टू हेल्थ (RTH) बिल के तहत बड़े प्राइवेट अस्पतालों को फ्री इलाज करना ही पड़ेगा। बिल को इसी महीने राज्यपाल से मंजूरी मिल जाएगी। बिल की खासबात यह है कि राजस्थान पहुंचने वाले पर्यटकों को भी आरटीएच का लाभ मिलेगा।
स्व्स्थ्य मंत्री मीणा ने janjivan.com के सवाल पर कहा कि राज्य में आने वाले सभी पर्यटकों को राइट टू हेल्थ का लाभ मिलेगा। यदि किसी पर्यटक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं या फिर आपातकालीन स्थिति आ जाती है तो उनका इलाज बिल्कुल मुफ्त में किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि मई से स्वास्थ्य का अधिकार राजस्थान में लागू कर देंगे। नियम लागू होते ही बड़े अस्पतालों को इमरजेंसी की हालत में मरीज का फ्री इलाज करना पड़ेगा। हेल्थ मिनिस्टर शुक्रवार को नई दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
मीणा ने कहा कि प्राइवेट अस्पताल RTH बिल का विरोध कर रहे थे। हमने बिल वापस लेने से या बिल में संशोधन करने से साफ मना कर दिया, लेकिन नियमों में हम उनकी मांगों को शामिल कर रहे हैं। आज जो प्राइवेट अस्पताल विरोध कर रहे हैं, नियम बनने के बाद वे इसका स्वागत करेंगे।
जिस तरह चिरंजीवी योजना से 1000 प्राइवेट अस्पताल जुड़े हैं, उसी तरह राइट टू हेल्थ से भी जुड़ेंगे। हमने किसी को बाध्य नहीं किया है। 50 बेड से कम वाले अस्पतालों को RTH के दायरे में नहीं लिया है। स्वास्थ्य मंत्री मीणा कहते हैं जिन अस्पतालों ने सरकार से मुफ्त या रियायती दर पर जमीन ली है, जो सरकारी सहायता ले रहे हैं। उन बड़े अस्पतालों को तो इमरजेंसी में फ्री इलाज करना ही होगा।
सरकारी अस्पताल पहले से ही दायरे में हैं। हमारे सरकारी संसाधन बहुत हैं, वे इलाज करेंगे। हमने घोषणा पत्र में राइट टू हेल्थ कानून बनाने का वादा किया था, हमने जनता से किए वादे को लागू कर रहे हैं।
परसादी लाल मीणा ने कहा कि इमरजेंसी में इलाज करना डॉक्टर का धर्म है। भगवान राम के भी इमरजेंसी आई थी, जब लक्ष्मण को शक्तिबाण लगा था। उस वक्त दुश्मन के वैद्य ने लक्ष्मण का इलाज किया था। बताया था कि इनके लिए संजीवनी बूटी चाहिए। अगर संजीवनी बूटी नहीं मिलती तो लक्ष्मण की जान नहीं बचती। यह होता है डॉक्टर का धर्म।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी गाइडलाइन है कि इमरजेंसी की हालत में डॉक्टर को इलाज करना चाहिए। डॉक्टर का प्रोफेशन बहुत नोबल प्रोफेशन माना जाता है। राइट टू हेल्थ बिल पर सब मान जाएंगे।
हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने शुक्रवार को नई दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत की।
हेल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने शुक्रवार को नई दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत की।
राहुल गांधी के कहने पर चिरंजीवी की सीमा 25 लाख की
परसादी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने चिरंजीवी योजना सहित सरकारी योजनाओं की एग्जीबिशन को देखा था। चिरंजीवी योजना से बहुत प्रभावित हुए थे।
राहुल गांधी ने तब पूछा था कि चिरंजीवी योजना के बाद अगला कदम क्या होगा, तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि अब हम राइट टू हेल्थ लागू करेंगे। चिरंजीवी योजना में पहले 10 लाख तक का फ्री इलाज होता था। अब राहुल गांधी के कहने पर इसकी सीमा को 25 लाख रुपए किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में मॉडल बनकर उभरा है। आज राजस्थान मॉडल की चर्चा है। बीजेपी राज के समय हेल्थ के क्षेत्र में तीन फीसदी बजट था, आज हमने इसे बढ़ाकर सात फीसदी कर दिया है। जो नेशनल एवरेज से भी ज्यादा है।
राइट टू हेल्थ बिल में यह प्रावधान है कि इमरजेंसी की हालत में कोई भी अस्पताल मरीज का इलाज करने से मना नहीं कर सकेंगे। इमरजेंसी मरीज का फ्री इलाज करने के साथ उसे हायर सेंटर पर रेफर करने की जिम्मेदारी भी अस्पताल की होगी।
इलाज से मना करने पर 25 हजार के जुर्माने का प्रावधान किया है। प्राइवेट डॉक्टर इस प्रावधान के विरोध में आंदोलन कर रहे थे। तीन दिन पहले ही प्राइवेट डॉक्टरों से समझौता हुआ है। अब 50 बेड से ज्यादा वाले अस्पताल ही इस बिल के दायरे में आएंगे, इससे छोटे अस्पताल इसके दायरे में आएंगे।
गहलोत सरकार ने मरीजों को राहत देने वाला राइट टू हेल्थ (RTH) बिल विधानसभा में पास करा लिया है। राजस्थान मरीजों का सेहत का अधिकार देने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। प्राइवेट अस्पताल और डॉक्टर्स इस बिल का विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार ने वार्ता के रास्ते मांगों पर सहमति बनाकर उन्हें संतुष्ट कर दिया।