जनजीवन ब्यूरो/लखनऊ । योगी सरकार ने 2024-25 में प्रदेश का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत करते हुए प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई प्राविधान किए हैं। इसमें बेसिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए छात्रों के प्रवेश के लिए बजट की व्यवस्था की गई है तो माध्यमिक शिक्षा में आईसीटी लैब की व्यवस्था के साथ उच्च और प्राविधिक शिक्षा के तहत नए विश्वविद्यालय और राजकीय पॉलीटेक्निक के निर्माण की ओर ध्यान दिया गया है।
*बेसिक के बच्चों की ड्रेस और बैग के लिए 1000 करोड़*
बेसिक शिक्षा के तहत योगी सरकार ने कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत लगभग 02 करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वेटर एवं जूता-मोजा उपलब्ध कराने हेतु 650 करोड़ तथा स्कूल बैग हेतु 350 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है। बेसिक शिक्षा के तहत छात्र/छात्राओं के लिए यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता मोजा एवं स्टेशनरी उपलब्ध कराने के लिए क्रय प्रक्रिया को बंद करते हुए डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपए प्रति बच्चे की दर से धनराशि सीधे अभिभावकों के खाते में हस्तान्तरित की जा रही है। इसके अलावा, वंचित एवं दुर्बल वर्ग के 02 लाख से अधिक बच्चों को वित्तीय वर्ष 2024-2025 मे प्रवेश दिलाए जाने का लक्ष्य है, जिसके लिए 255 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ ऑपरेशन कायाकल्प के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त 2023-2024 में 300 करोड़ रुपए से ग्राम पंचायत एवं वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना कराई जा रही है जिसके लिए 2024-2025 में 498 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। वनटांगिया गावों में 36 प्राथमिक विद्यालयों के संचालन के 144 पद सृजित किए गए हैं तो गरीबी रेखा से ऊपर के लगभग 30 लाख छात्रों को निःशुल्क यूनिफार्म वितरण के लिए 168 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
*आधारभूत सुविधाओं से लैस होंगे माध्यमिक विद्यालय*
माध्यमिक शिक्षा के तहत, 2024-2025 तक प्रदेश के समस्त राजकीय माध्यमिक विद्यालयों को आधारभूत सुविधाओं से लैस किए जाने एवं प्रत्येक राजकीय माध्यमिक विद्यालय में स्मार्ट क्लास तथा आईसीटी लैब की व्यवस्था किए जाने के लिए समग्र शिक्षा योजना के तहत 516.64 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके साथ ही, सहायता प्राप्त अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। यही नहीं,नए राजकीय संस्कृत विद्यालयों की स्थापना के लिए 5 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय संस्कृत विद्यालयों में छात्रावास एवं मिनी स्टेडियम के निर्माण के लिए 10.46 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। वहीं, सैनिक स्कूल, गोरखपुर के संचालन के लिए 4 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
*पीपीपी मोड पर संचालित होंगे राजकीय पॉलीटेक्निक*
उच्च शिक्षा में विंध्याचल धाम मंडल में मां विंध्यवासिनी राज्य विश्वविद्यालय, मुरादाबाद मंडल मे एक राज्य विश्वविद्यालय तथा देवी पाटन मंडल में मां पाटेश्वरी राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय हेतु 51.20 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। शिक्षा को प्रोत्साहित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत 100 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार के लिए 30 करोड़ रुपए, नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों के निर्माणाधीन भवनों को पूर्ण किए जाने के लिए 55 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। दूसरी तरफ, प्राविधिक शिक्षा के तहत, प्रदेश में डिप्लोमा स्तरीय 169 संस्थाओं में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। 75 राजकीय पालीटेक्निक निर्माणाधीन/अवस्थापना की प्रक्रिया में हैं, जिन्हें जल्द ही पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। वर्तमान में 1874 निजी क्षेत्र की डिप्लोमा स्तरीय संस्थाओं में छात्र एवं छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। एकेटीयू द्वारा उत्तर प्रदेश स्टार्ट अप पालिसी-2020 के अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में सेंटर ऑफ एडवांस स्टडीज के तहत एक इनोवेशन हब की स्थापना की गई है जिसके अंतर्गत 15 इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित हैं। इसके साथ ही 265 स्टार्ट अप्स ऑन बोर्ड हो गए हैं।
*सीएम योगी ने श्रीरामलला को समर्पित किया अबतक का सबसे बड़ा बजट
उत्तर प्रदेश के अबतक के सबसे बड़े बजट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम को समर्पित किया है। सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट 2024-25 प्रस्तुत किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं और इस बजट के आदि, मध्य और अंत में श्रीरामलला ही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्सव, उद्योग और उम्मीद को नये यूपी की तस्वीर बताया।
*2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि*
पत्रकारवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना को पांचवीं बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का ये आठवां बजट प्रदेश के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा ₹7,36,437.71 करोड़ का बजट है। सीएम योगी ने कहा कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित इस बजट में 2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री के विजन सबका साथ सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है।
*न तो कोई अतिरिक्त कर, नाही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया*
सीएम ने बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को गिनाते हुए बताया कि पहली बार 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया गया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो ना केवल रोजगार का सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़ रुपए यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। साथ ही प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। आज यूपी देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि सरकार ने ना केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि रेवेन्यु लिकेज को समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। यही कारण है कि यूपी आज एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया, यही नहीं इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित किये गये।
*बजट में राजकोषीय अनुशासन भी है*
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व बैंक के द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाट (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय अनुशासन का भी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट को पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है।
*शुरू होगी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना*
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए बजट में किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बजट में 24,863.57 करोड़ रुपए की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन, जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 2 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन। स्पोर्ट साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना, 22 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में डेवलप किया जाना भी बजट के महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं।
*46 साल बाद प्रदेश के अंदर बनेगा नया शहर*
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है। 46 साल बाद प्रदेश के अंदर नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा। इसके साथ ही यूपी में स्पिरिचुअल टूरिज्म जिसमें अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिष, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरीडोर की थीम पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, प्रयागराज में कुंभ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के लिए धनराशि की व्यवस्था, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, कृषि एक प्राथमिक सेक्टर में किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना भी प्रस्तावित है। साथ ही साथ प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना हर ग्राम पंचायत में स्थापित की जाएगी।
*प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई*
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूपी के नामकरण का ये अमृतकाल है ऐसे में यह बजट और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सरकार ने ग्रीन बजट की अवधारणा को सार्थक करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। प्रदेश के 17 विभागों को ग्रीन टैगिंग देने की शुरुआत हुई है। ग्रीन टैगिंग करने के मामले में यूपी पहला राज्य होगा। हमारी बजट प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो चुकी है। हमारा बजट थिंक बजट भी है। ये माताओं, बहनों, बेटियों के कल्याण पर आधारित बजट है। ये बजट प्रदेश के समग्र संकल्पनाओं को पूरा करने वाला है।
*अलग-अलग थीम पर आधारित रहा है योगी सरकार का प्रत्येक बजट*
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का ये आठवां बजट है। उनकी सरकार के पिछले सभी बजट किसी ना किसी थीम को लेकर प्रस्तुत किये गये हैं। 2017-18 का बजट जहां अन्नदाता किसानों को समर्पित था, वहीं 2018-19 का बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल विकास, 2019-20 का बजट मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण को समर्पित, 2020-21 का बजट युवा ऊर्जा को समर्पित, 2021-22 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित, 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित, 2023-24 का बजट त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास को समर्पित रहा है। वहीं 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। तुलसीदास जी के शब्दों में *’एही महं आदि मध्य अवसाना,
प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना’* यानी बजट के शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं। बजट के विचार, और इसके संकल्प में श्रीराम हैं।
*युवाओं के लिए ओडीओपी के अनुरूप कोर्स संचालित करेगी योगी सरकार*
*राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यूपी बोर्ड के साथ कंप्यूटर शिक्षा में मिलेगा प्रमाण-पत्र*
युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए योगी सरकार ने व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के तहत कई प्राविधान किए हैं। इसके तहत व्यावसायिक शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु व्यावहारिक या वोकेशनल ओरिएंटेशन कार्यक्रम तथा माध्यमिक स्तर पर व्यावसायिक शिक्षा योजना के सुदृढ़ीकरण के लिए विद्यालयों को हब एवं स्पोक्स मॉडल के रूप में विकसित करते हुए ओडीओपी के अनुरूप पाठ्यक्रम संचालित किए जाने की योजना है। इसके तहत, राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के माध्यम से 12वीं उत्तीर्ण करने पर यूपी बोर्ड के प्रमाण-पत्र के साथ-साथ कंप्यूटर शिक्षा में प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने पर बल दिया जाएगा। वर्तमान में माध्यमिक स्तर के 804 राजकीय एवं 729 सहायता प्राप्त विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास मिशन के माध्यम से प्रवीण योजना के तहत 301 राजकीय विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा के साथ-साथ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था है। उच्च शिक्षा संस्थानों में भी कौशल आधारित पाठ्यक्रम के लिए 113 महाविद्यालयों का चयन किया गया है।
*150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बनेंगी आधुनिक लैब*
विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण के क्रेडिट उनके क्रेडिट बैंक में सम्मिलित किए जाएंगे। इससे विद्यार्थियों को रोजगार के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा। टाटा टेक्नोलोजीज लि. की सहभागिता से 150 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक कार्यशालाओं एवं कक्षा का निर्माण अंतिम चरण में है। अवशेष 69 संस्थान जहां कम से कम 5000 वर्ग फीट की भूमि उपलब्ध है का उन्नयन कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके लिए 818.75 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। अप्रेंटिसशिप के माध्यम से युवाओं को उद्योगों में भत्ते के साथ प्रशिक्षण प्रदान किए जाने के क्रम में मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2024-2025 में 70 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है।
*स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान का आगाज*
*यूपी के युवाओं को योगी का उपहार*
*उत्तर प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना हेतु वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’’ प्रारम्भ किया जा रहा, इसके लिये 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था*
*उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम पांच लाख तक की ब्याज मुक्त ऋण की होगी सुविधा*
*लखनऊ, 5 फरवरीः* मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी के युवाओं को नया उपहार दिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट में बताया कि उत्तर प्रदेश के शिक्षित एवं प्रशिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़कर नये सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से ‘‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’’ प्रारंभ किया जा रहा है। इसके लिए 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नए सूक्ष्म उद्मों की स्थापना के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने के उददेश्य से योगी सरकार द्वारा नई पहल की जा रही है।
● इसके अंतर्गत उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम पांच लाख तक की परियोजना को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इस स्वरोजगार मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष 1,00,000 इकाइयों-यूनिट्स को वित्त पोषित कर आगामी 10 वर्षों में एक मिलियन यूनिट्स को सीधे लाभान्वित किया जायेगा। सरकार द्वारा संचालित विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, अनुसूचित जाति/ जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना, उत्तर प्रदेश स्किल्ड डेवलपमेन्ट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन आदि में प्रशिक्षित लाभार्थी अथवा किसी विद्यालय/शैक्षणिक संस्थान से सर्टिफिकेट कोर्स/ डिप्लोमा/ डिग्री युवक इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे। उद्योग एवं सेवा क्षेत्र की अधिकतम 5.00 लाख तक की परियोजना लागत वाली सूक्ष्म इकाईयां पात्र होंगी।
● योजना के अंतर्गत प्रथम लोन के भुगतान के बाद इकाई द्वितीय स्टेज वित्तपोषण के लिए पात्र होगी। इसके अंतर्गत पहले स्टेज के लोन के दोगुना, अधिकतम-7.50 लाख तक का कंपोजिट लोन दिया जा सकेगा। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए भी अनुदान की व्यवस्था की गई है। योजना आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। बैंक / वित्तीय संस्था से प्राप्त होने वाले सभी ऋण को सीजीटीएमएसई कवरेज प्रदान किया जायेगा, जिसके सापेक्ष ली जाने वाली फीस का पूर्ण भुगतान योजना के अंतर्गत किया जायेगा। राष्ट्रीयकृत/ शेड्यूल्ड/ग्रामीण बैंकों, सिडबी तथा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित सभी वित्तीय संस्थाओं से वित्त पोषण हो सकेगा।
*195 करोड़ रुपए से होगा प्रदेश में खेल सुविधाओं का विकास*
यूपी में खेलों और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए योगी सरकार ने बजट में अनेक प्राविधान किए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्राविधान विभिन्न जनपदों में खेल अवस्थापनाओं के विकास से जुड़ा है, जिसके लिए 195 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के सापेक्ष 67 प्रतिशत अधिक है। इसके अतिरिक्त योगी सरकार ने आवासीय क्रीड़ा छात्रावासों में अध्ययनरत खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण की आवश्यकता को देखते हुए 50 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को 1.50 लाख रुपए प्रतिमाह मानदेय पर प्रशिक्षण के लिए आबद्ध किए जाने की व्यवस्था की है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में निजी सहभागिता से खेल अवस्थापनाओं के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है, जबकि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार योजना के लिए 50 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। स्पोर्टस साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना के लिए 12 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके माध्यम से खिलाड़ियों की चोट का समुचित इलाज संभव हो सकेगा।