जनजीवन ब्यूरो/नई दिल्ली: दिल को छू लेने वाले एक कार्यक्रम के दौरान, बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री एवं लेखिका, टिस्का चोपड़ा की मौजूदगी में “मनदीप मीट्स मनदीप” नामक पुस्तक लॉन्च की गई, जो अपने आप में एक अनोखी किताब है। यह एक नॉन-फिक्शन किताब है जो मनदीप नाम के एक मरीज की असल ज़िंदगी की कहानी पर आधारित है। मनदीप ने ब्लड कैंसर के खिलाफ अपनी लड़ाई तब जीती, जब उनका हमनाम मनदीप स्टेम सेल ट्रांसप्लांट के लिए सबसे उपयुक्त डोनर बनकर सामने आया।
“मनदीप मीट्स मनदीप” पुस्तक डॉ. सोना शर्मा द्वारा लिखी गई है, जो पेशे से एक चिकित्सक एवं लेखिका हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित यह पुस्तक दो ज़िंदगियों की एक अद्भुत कहानी बयां करती है, और किस्मत से एक-दूसरे से जुड़ने वाले दोनों लोगों का नाम मनदीप है, जिनका HLA-टाइप भी एक-दूसरे से मेल खाता है। ब्लड कैंसर को मात देने वाले 35 साल के मनदीप पंजाब के किसान हैं, जिन्हें 2009 में पता चला कि वे क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया ( CML कैंसर) से पीड़ित हैं। हालाँकि डॉक्टरों ने मनदीप को स्टेम सेल ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी, लेकिन बदकिस्मती से उन्हें अपने परिवार में कोई स्टेम सेल डोनर नहीं मिला, जिसका ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन (HLA) उनसे मेल खाता हो। उन्हें DKMS BMST फाउंडेशन इंडिया की मदद से एक असंबंधित डोनर का पता लगाने में 3 साल से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा, और जनवरी 2020 में उनका स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया गया। अलग-अलग पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने के बावजूद, उनके आनुवंशिक मेल की वजह से मरीज को जीवनदान मिला। यह कहानी त्याग की भावना, समुदाय के सहयोग और जीवन के नाजुक संतुलन के ताने-बाने पर आधारित है, जिसमें किस्मत बड़े अनोखे तरीके से दो लोगों के बीच नाता जोड़ देती है।
DKMS BMST फाउंडेशन इंडिया के सीईओ, पैट्रिक पॉल ने कहा, “जीवन बदलने वाला नाता जोड़ने में मदद करना ही DKMS-BMST केमिशन का सबसे अहम हिस्सा है। बेसब्री से एक डोनर की तलाश से लेकर मनदीप मान के साथ भावनात्मक मुलाकात तक, मनदीप सिंह का यह सफ़र हमारे संकल्प को और मजबूत करता है। हरेक सफल ट्रांसप्लांट हम सभी की सामूहिक उदारता की मिसाल है। मनदीप सिंह और मनदीप मान जैसे नायकों को एक-दूसरे से मिलाना हमारे लिए गर्व की बात है, जो निःस्वार्थ भावना से किए गए काम और जीवन में दूसरे मौके की उम्मीद को उजागर करता है।”
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित, टिस्का चोपड़ा ने कहा, “दिल को छू लेने वाली यह कहानी सचमुच बड़ी प्रेरणादायक है। भारत में अनगिनत ऐसे मरीज़ हैं, जो ज़िंदगी बचाने वाले स्टेम सेल ट्रांसप्लांट का इंतज़ार कर रहे हैं, इसके बावजूद रजिस्ट्रेशन कराने वाले डोनर्स की कमी एक बड़ी चुनौती है। आज मैंने व्यक्तिगत रूप से संभावित स्टेम सेल डोनर के रूप में रजिस्ट्रेशन करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, और मैं दूसरों को भी इस नेक काम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ। आपका योगदान जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे अनगिनत लोगों के जीवन में उम्मीद जगा सकता है।”
ब्लड कैंसर को मात देने वाले मनदीप सिंह भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा, “पहले तो मैं कैंसर की चपेट में आने के बाद बेबस महसूस कर रहा था। मैचिंग डोनर ढूँढने का सफ़र, सचमुच भूसे के ढेर में सुई ढूँढ़ने की तरह कठिन था। आखिरकार, मेरे जीवन में वह अविश्वसनीय लम्हा भी आया, जब मुझे DKMS-BMST डेटाबेस के माध्यम से मनदीप मान के रूप में डोनर मिल गया। उनके निःस्वार्थ भाव से किए गए स्टेम सेल के दान ने मुझे एक नया जीवन दिया। उनसे मिलने की खुशी और उनके प्रति आभार को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मैं DKMS-BMST का तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ, जिन्होंने मेरे इस सफ़र को संभव बनाया।”
मनदीप मान ने स्टेम सेल डोनर के रूप में ज़िंदगी बचाने का अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “स्टेम सेल डोनर होना मेरे लिए बड़े गौरव की बात है। दूसरों के प्रति सहानुभूति और कुछ अलग करने की इच्छा से ही मुझे इसकी प्रेरणा मिली। बहुत अधिक मेहनत की आवश्यकता वाले करियर को संभालना और कैंसर से जूझ रही अपनी पत्नी की देखभाल करना मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। फिर भी, मुझे लगा कि किस्मत ने मुझे स्टेम सेल दान करने का मौका दिया है। उनसे मिलना एक सपने के सच होने जैसा अनुभव था, जिसमें एक ही नाम और आनुवंशिक बंधन के माध्यम से दो लोगों की दुनिया जुड़ गई। यह इस बात की याद दिलाता है कि, लोगों का जीवन कहीं-न-कहीं एक दूसरे से जुड़ा होता है।”
भारत में हर 5 मिनट में किसी एक व्यक्ति में ब्लड कैंसर अथवा थैलेसीमिया या एप्लास्टिक एनीमिया जैसी खून से संबंधित अन्य बीमारियों की मौजूदगी का पता चलता है। लेकिन जान बचाने के लिए ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले ज्यादातर मरीजों के लिए, उपयुक्त ब्लड स्टेम सेल डोनर्स की कमी, एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इन पहलों के सहयोग से, DKMS-BMST का उद्देश्य ब्लड स्टेम सेल का दान करने के बारे में जागरूकता बढ़ाना तथा समाज के अलग-अलग वर्गों के बीच दूसरों की जान बचाने वाले संभावित लोगों को रजिस्टर करना है।
आज, दुनिया भर में स्टेम-सेल डोनर सेंटर और रजिस्ट्रियों के साथ 41 मिलियन से अधिक संभावित असंबंधित डोनर्स का रजिस्ट्रेशन किया गया है, जिनमें से केवल 0.6 मिलियन ही भारतीय हैं। इस अंतर को दूर करने के लिए भारत से अधिक संख्या में संभावित स्टेम-सेल डोनर्स को रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए। बस 5 मिनट में इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। अगर आपकी उम्र 18 से 55 वर्ष के बीच है और सामान्य तौर पर आपकी सेहत अच्छी है, तो आप www.dkms-bmst.org/register पर अपना होम स्वैब किट ऑर्डर करके ब्लड स्टेम-सेल डोनर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहला कदम उठाएँ।