नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी को फिर से जिंदा करने के लिए बौद्ध धर्म के लिए प्रसिद्ध सारनाथ और महात्मा गांधी के कारण मशहुर चंपारण तक कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पद यात्रा करेंगे। हालांकि पदयात्रा शुरु करने के दिन पर अभी अंतिम मुहर नहीं लगी है लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली में आयोजित होनो वाली किसान रैली के बाद राहुल पदयात्रा पर लिकलेंगे। कांग्रेस सूत्रों की माने तो रैली का पूरा ग्राफ और नक्शे तैयार कर लिए गए हैं।
आत्म चिंतन पर निकले राहुल गांधी को लेकर तमाम तरह की बातें राजनीतिक क्षेत्रों में की जा रही हैं। मुख्य विपक्षी दल राहुल के गायब होने पर तंज कस रहे हैं। लेकिन कांग्रेस नेताओं पर इसका कुछ भी असर नहीं दिखता है। कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को घेरने के लिए भूमि अधिग्रहण विधेयक का सहारा लिया है। इस मामले में कांग्रेस पार्टी को कुछ हदतक सफलता भी मिली है। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस पार्टी किसानों को एकजुट करने की योजना बनाई है, ताकि कांग्रेस पार्टी जनता के बीच अपनी साख बनाए रखे। 19 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित होने वाली रैली की तैयारी में कांग्रेस जुटी हुई है।
लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी रोड शो कई बार कर चुके हैं। हालांकि उसका कितना लाभ कांग्रेस पार्टी को मिला यह सबों के सामने है। इतना ही नहीं वर्ष 2008 में राहुल गांधी ने ओडिशा में बाक्साइट योजना का विरोध किया था। वह विरोध एक समाप्त हो रही जाति को बचाने के लिए किया गया था। वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने उस योजना को पर्यावरण क्लीरियंस नहीं दिया और राहुल की जीत हुई थी।
उसी साल उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिलाने के लिए आंदोलन चलाया था। यह अलग बात है कि ओडिशा और उत्तर प्रदेश के चुनावो में लोगों ने कांग्रेस और राहुल को कितना स्वीकारा।
सारनाथ से चंपारण तक लगभग तीन सौ किलोमीटर की होने वाली राहुल की पदयात्रा की तैयारी कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो राहुल गांधी जहां जहां रात्री विश्राम करेंगे वहां वहां तैयारियां की जा रही है। माना जा रहा है कि राहुल पदयात्रा के दौरान दलितो के घर खाना खाएंगे और रास्ते में किसानों के बीच मोदी सरकार की विफलताओं की तस्वीर भी रखेंगे।