जनजीवन ब्यूरो
नई दिल्ली । पाकिस्तान अभी कौन से युग में जी रहा है और वहां अल्पसंख्यकों खासकर हिन्दुओं पर किस तरह से जुल्म ढाए जाते हैं यह खबर इस बात का नमूना देने के लिए काफी है। पाकिस्तान में सिर्फ हिन्दू ही नहीं बल्कि इसाई अल्पसंख्यकों पर भी ज्यादती की जाती है।
दक्षिण पाकिस्तान के प्यारो लुंध इलाके में जीवती नाम की लड़की का तब अपहरण हो गया था जब वह 14 साल की थी। वह अपने घर वालों के साथ बाहर सो रही थी तब रात को कुछ लोगों ने उसका अपहरण कर लिया। लेकिन बात में पता चला कि जिस साहूकार से घर वालों ने कभी कर्ज लिया था उसी ने उनकी बेटी को अगवा कर उससे जबरन निकाह कर लिया था।
एचटी के अनुसार, जीवती की मां अमेरी काशी कोहली कहती हैं कि उनकी बेटी कभी न अदा होने वाले कर्ज की कीमत चुकाई है। उन्होंने आरोपी से 1000 डॉलर यानी करीब 65 हजार रुपए का कर्ज ले रखा था। इसी के बदले में आरोपियों ने उनकी बेटी को उठा ले गए।
अमेरी बताती हैं उनके पति ने कई साल पहले एक शख्स से करीब तीन लाख रुपए कर्ज में लिए थे। वह इसे चुकाने के लिए बहुत दिन तक उसके खेतों पर काम किया और बार उसे पैसे चुकाए लेकिन वह यही कहता रहा कि उसका कर्ज अभी तक पूरा नहीं हुआ। यहां लोग ऐसा ही करते हैं और अमेरी जैसे लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है।
दक्षिणी पाकिस्तान में अमेरी की कहानी तो एक उदाहरण मात्र हैं यहां जिस किसान हिन्दू परिवार से पूछो वही कुछ ऐसी दुख भरी कहानी सुनाता है। कोई छोटा-मोटा कर्ज भी लेता है तो वह हमेशा के लिए हो जाता है। कई बार चुकाने के बाद भी साहूकार कभी नहीं कहता कि उनका कर्ज कभी चुकता नहीं होता।