जनजीवन ब्यूरो
पटना । क्या सच में बिहार ने सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकार्ड कायम किया है.दावा किया जा रहा है कि शराबबंदी के समर्थन में शनिवार को बिहार में आयोजित मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है. इस ऐतिहासिक क्षण को कैमरे में कैद करने के लिए इसरो की ओर से तीन सैटेलाइट, चार हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गयी थी. इसरो के सेटेलाइट ने शराबबंदी चिह्न व बिहार की तस्वीर भी ली. बिहार के सभी जिलों में भी ड्रोन से इस मानव श्रृंखला की तस्वीरें लेने के इंतजामात किये गये थे. राज्य में कुल 11, 400 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनायी गयी.
शनिवार की सुबह करीब 11 : 30 बजे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला में शामिल होकर इस ऐतिहासिक क्षण में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी. सबसे बड़ी बात यह है कि पूरी दुनिया में यह पहली बार ऐसा हुआ है कि समाज में व्याप्त किसी कुरीति को लेकर किसी एक राज्य के लोगों ने पूरे जोर-शोर के साथ इतनी अधिक संख्या में अपना समर्थन जाहिर करने के लिए एक मानव श्रृंखला के रूप में अपनी एकजुटता दिखायी हो.
इसके साथ ही, शराबबंदी के समर्थन में मानव श्रृंखला के आयोजन पर राज्य के कई बड़े राजनेताओं ने भी अपने बयान दिये. सत्ताधारी दल के कई नेता अपने गृह नगरों में मानव श्रृंखला में खुद को शामिल कर इसका जोरदार स्वागत भी किया. राजद के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पहली बार अपना बयान देते हुए कहा कि मानव श्रृंखला विश्व रिकॉर्ड बनायेगी. लोग शराब से दूर रहें. वहीं, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में आयोजित मानव श्रृंखला ने विश्व रिकॉर्ड कायम किया.
सत्ताधारी दल के इन दोनों नेताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मानव श्रृंखला के विरोध में तीखा बयान देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी के समर्थन में आयोजित मानव श्रृंखला राजनीतिक मकड़जाल है. मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल नहीं रहूंगा.
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और डीजीपी पीके ठाकुर ने सभी डीएम-एसपी को मानव शृंखला को खुशनुमा माहौल में कराने का निर्देश दिया है. साथ ही जगह-जगह पर एंबुलेंस और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है. मॉनीटरिंग के लिए पटना मुख्यालय के अलावा जिला व प्रखंडों में अलग-अलग कंट्रोल रूम बनाये गये हैं. जिस क्षेत्र में आबादी नहीं होगी, वहां लोगों को बसों से लाया जायेगा और मानव शृंखला के बाद पहुंचाया जायेगा.
इसमें शामिल होने के लिए क्लास छह से हाइ, प्लस टू, कॉलेज के छात्र-छात्राओं समेत सभी स्तर के जनप्रतिनिधि, सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, सभी समुदायों, आम लोगों से अपील की गयी है. राजनीतिक दलों के नेता-कार्यकर्ता भी चेन का हिस्सा बनेंगे, लेकिन इसमें किसी दल का झंडा, बैनर का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.
सरकार ने सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापक, शिक्षक, आशा दीदी, सेविका सहायिका, पंचायत के मुखिया, सरपंच, वार्ड सदस्य समेत अन्य यह सुनिश्चित करेंगे कि उनकी ओर से लाये जानेवाले लोग सुरक्षित घर लौट गये हों. इसके बाद ही वे लोग लौटेंगे. यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी के साथ-साथ निजी जवाबदेही भी है. सरकार ने साफ किया है कि मानव शृंखला 12:15 से एक बजे तक बनेगी. इसके लिए 11:45 बजे तक निर्धारित रूट में जुट जाएं.
मानव शृंखला में उत्कृष्ट काम करनेवाले तीन जिलों को बिहार दिवस 2017 में पुरस्कृत किया जायेगा. उत्कृष्ट जिलों का चयन वातावरण निर्माण, माइक्रोप्लानिंग, राज्य से निर्धारित मेन रूट व जिसे के सब रूट की शत-प्रतिशत उपलब्धि, दोनों रूट पर मानव शृंखला में उपस्थिति और उसकी काउंटिंग के आधार पर की जायेगी.